PM Modi thanks BJP Karyakartas who have been working tirelessly across India, helping those in need amid Coronavirus crisis
Several of our Karyakartas despite knowing the danger, kept working in the service of people and lost their lives. I pay my tributes to all of them, says PM Modi
Some believed that COVID-19 will spread more in east India due to high poverty; people proved it wrong: PM Modi to Bihar BJP Karyakartas
The nationwide welfare work undertaken by BJP Karyakartas at such scale for so long amid COVID-19 crisis is biggest 'seva yajna' in history: PM Modi
Our government has taken right steps at the right time that helped to save the lives of people from the deadly virus: PM Modi
PM Modi extends Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana till Diwali, Chhath, end of November

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान् जेपी नड्डा जी, पार्टी के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारीगण, राज्यों के पदाधिकारीगण और देश के कोने-कोने में उपस्थित सभी मेरे कार्यकर्ता साथियो!

एक ऐसे समय में जब दुनिया में सब अपने-आपको बचाने में लगे हों, आप सबने अपनी चिंता छोड़कर, खुद को गरीबों, जरूरतमंदों की सेवा में समर्पित कर दिया है।

ये सेवा का बहुत बड़ा उदाहरण है!

कई शहरों में हमारे कुछ कार्यकर्ताओं का इस सेवा मिशन में काम करते-करते, खतरा है ये पता था, फिर भी कर्तव्य के पालन के लिए इस महामारी के बीच भी कार्य करते रहे, ऐसे अपने कई साथियों ने अपना शरीर छोड़ दिया, उनका दुखद निधन हो गया! 

मैं उन सभी साथियों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि देता हूं, उनके परिवारों के प्रति मैं संवेदना व्यक्त करता हूं। और मैं वहां पार्टी की इकाई से भी आग्रह करूंगा कि इन सभी परिवारों को हम पूरी तरह संभालें, परिवारों की आवश्यकताओं की ओर देखें।  

साथियो,

जनसंघ और बीजेपी के जन्म का मूलतः उद्देश्य यही था कि हमारा देश सुखी और समृद्ध कैसे बने। 

इसी मूल प्रेरणा के साथ, भारतीयता की प्रेरणा के साथ, सेवा-भावना के साथ हमलोग राजनीति में आए। 

हमलोगों ने राजनीति में सत्ता को सेवा का माध्यम माना, हमने कभी भी सत्ता को अपने लाभ का माध्यम नहीं बनाया।

निःस्वार्थ सेवा ही हमारा संकल्प रहा है, हमारे संस्कार रहे हैं!

हमारे यहां कहा जाता है- 

‘यथा यथाय तुष्यत, तथा संतोषयेत् तुम्’

अर्थात, जिसकी हम सेवा करते हैं, उसका सुख ही हमारा संतोष है। 

इसी भावना से, गरीबों के प्रति इसी सम-भाव और मम-भाव से, हमारे कार्यकर्ताओं ने इतने कठिन समय में ‘सेवा ही संगठन’ का इतना बड़ा अभियान चलाया है।

आज जो मैंने प्रेजेंटेशन देखा तो मुझे सच में बहुत अचरज हुआ!

मुझ मालूम था कि कोरोना काल में आप निरंतर काम कर रहे हैं।

लेकिन, लॉकडाउन की मुश्किल परिस्थितियों में, जब सब कुछ बंद था, और ये बीमारी कभी भी हमारे गले पड़ सकती थी, ऐसा भय का माहौल था, लेकिन आपने समर्पित भाव से लाखों-करोड़ों लोगों का जीवन आसान करने के लिए जो भी कर सकते हैं, किया है।

आप उनका सहारा बने हैं, उनके साथी बने हैं।

ये बहुत ही बड़ा काम है।

किसी ने मास्क बनाकर लोगों में बांटे, किसी ने घर-घर गरीबों को राशन पहुंचाया, तो किसी ने प्रवासी कामगारों का जिम्मा उठा लिया। 

कितने ही कार्यकर्ता ऐसे हैं, जिन्होंने तो दो, चार, दस गरीबों को एक तरह से अपने परिवार का ही सदस्य बना लिया!

जिसकी जितनी क्षमता थी, उसने उससे ज्यादा करने की कोशिश की!

अब देखिए, राष्ट्रीय अध्यक्ष जी...। अपने घर से रोज 500 लोगों का खाना बनाना और पहुंचाना, और वो भी तीन महीने तक! ऊपर से नीचे तक यही हमारे संस्कार रहे हैं और इतना सब करने के बाद भी छोटे-मोटे तो लाखों कार्यकर्ताओं ने काम किया है। कहां सबकी तस्वीर टीवी पर आई है! कहां नाम अखबार में छपा है! अपने गांव के बाहर कौन जानता है! फिर भी, सेवा परमो धर्म:- नि:स्वार्थ भाव से काम करते रहे।  

साथियो,  

दुनिया की नजरों में आप कोरोना काल में काम कर रहे थे, यह सच्चाई होने के बाद भी, लेकिन मैं अपने नजरिए से कहूं, तो अगर आप खुद को कसौटी पर कस रहे थे, ऐसा मैं कह सकता हूं, आप अपने आदर्शों और व्यवहारों के बीच अपने-आपको तपा रहे थे। 

साथियो,

एकाध आफत आई तो आपने उस आफत को भी अवसर में बदल दिया!

ये कोरोना हमेशा इस बात के लिए तो याद रहेगा कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने-आप को एक डिजिटल एडिशन के रूप में डेवलप कर दिया है। हर कार्यकर्ता डिजिटल एक्टीविटी करने में माहिर होता जा रहा है। 

अवसर ये कि आप ज्यादा से ज्यादा लोगों की सेवा कर सकें, ज्यादा से ज्यादा लोगों की तकलीफ कम कर सकें, उन्हें इस मुसीबत से उबार सकें!

जिस पार्टी के इतने सैकड़ों सांसद हों, हजारों एमएलए हों, फिर भी वो पार्टी, उसका प्रत्येक कार्यकर्ता सेवा को प्राथमिकता दे, सेवा को ही अपना गंतव्य और मंतव्य माने, जीवन मंत्र माने, भारतीय जनता पार्टी के रूप में, एक कार्यकर्ता के नाते मुझे बहुत गर्व होता है, बहुत आनंद होता है कि हम सब ऐसे संगठन के साथी हैं, सदस्य हैं। 

साथियो,

ये विनम्रता, ये प्रेरणा हमें जनसंघ के जमाने से लेकर अब तक जो चार-चार, पांच-पांच पीढ़ियों ने तप किया है, उस परंपरा से हमारे अंदर ये संस्कार संक्रमित हैं, उनकी तपस्या से हमें ये सब मिला है। और जब हमारे पूर्वगामियों की तपस्या से हमें ये मिला है तो हमारा ये काम, हमारा ये संस्कार, हमारा ये व्यवहार, हमारा ये समर्पित जीवन आगे की पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का कारण बनेगा, प्रेरणा देता रहेगा।

साथियो,

भारतीय जनता पार्टी अगर इतना कुछ कर पाती है, तो इसके पीछे हमारी एक और बहुत बड़ी विशेषता है।

हमारा संगठन, कार्यकर्ता से अध्यक्ष पद तक ये जो हमारी श्रृंखला है, हमारे संगठन की रचना है, हमारे संगठन में जो जीवंतता है, हमारे संगठन में जो संवेदनशीलता है- ये उसकी बहुत बड़ी ताकत है। राजनीतिक कमेंटेटर या एक्सपर्ट होते हैं वो हमेशा ऐसी बात करते हैं कि संगठन की शक्ति लगती है तो चुनाव जीते जाते हैं, चुनाव लड़े जाते हैं, वगैरह-वगैरह। वो चुनाव के दायरे में ही संगठन को देखते हैं। अन्य राजनीतिक दलों के लिए शायद ये सच होगा, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के लिए ये आकलन अधूरा है।   

साथियो, 

हमारे लिए हमारा संगठन चुनाव जीतने की मशीन नहीं है! 

हमारे लिए हमारे संगठन का मतलब है- सेवा 

व्यक्ति के जीवन में, समाज के जीवन में, राष्ट्र के जीवन में बदलाव लाने के लिए अहर्निश यज्ञ में आहुति देते रहना... 

हमारे लिए हमारे संगठन का मतलब है- सबका संग, सबका साथ!

सबको लेकर के चलना है।

हमारे लिए हमारे संगठन का मतलब है- सबका सुख, सबकी समृद्धि!

हमारा संगठन समाज हित के लिए काम करने वाला है, संघर्ष करने वाला है, समाज और देश के लिए खप जाने वाला है!

हमारे लिए हमेशा ‘राष्ट्र प्रथम’, नेशन फर्स्ट रहा है!

और साथियो, 

ऐसा नहीं है कि ये बात हमने पार्टी के प्रस्ताव में लिखकर पास कराई हो! जी नहीं। 

राष्ट्रहित के इस भाव को, राष्ट्र प्रथम के इस भाव को स्थापित करने में हमारी कई पीढ़ियां खप गई हैं!  

दीनदयाल उपाध्याय जी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी, अनेक महापुरुष, सभी वरिष्ठ नेता, अनगिनत, जिनके संस्कारों ने, जी कर के दिखाए हुए संस्कार की श्रृंखला ने हमें प्रेरित किया है और इसी प्रेरणा से भारतीय जनता पार्टी ने वंचित हो, शोषित हो, दलित हो, पीड़ित हो, सभी को समाज के अन्य वर्गों की बराबरी में लाने का, उन्हें सशक्त करने का निरंतर प्रयास किया है। आज इसी का परिणाम है कि भारतीय जनता पार्टी में, और हम गर्व से कह सकते हैं, हम कोई भेदभाव से नहीं देखते हैं लेकिन दुनिया को समझाने के लिए कहना पड़ता है, हमें गर्व है कि आज देश में जो संसद है उसमें से 52 दलित सांसद भारतीय जनता पार्टी के हैं!

43 सांसद मेरे आदिवासी भाई हैं, बहनें हैं।

पिछड़ा वर्ग की अगर बात करें तो भाजपा के 113 सांसद से भी ज्यादा पिछड़े वर्ग से आते हैं। 

साथियो, 

विधानसभाओं में करीब-करीब डेढ़ सौ से ज्यादा आदिवासी एमएलए हैं बीजेपी के। 

यानि कि, भारतीय जनता पार्टी हर वर्ग से जुड़ी है, और समाज का हर वर्ग हमसे जुड़ा है! 

आपके परिश्रम से भाजपा का हर समाज से विश्वास का एक अटूट रिश्ता बना है।

साथियो,

वैसे राजनीति का मूल स्वभाव, हमलोग रोज-ब-रोज जिंदगी को जीते हैं, मालूम है, राजनीति का मूल स्वभाव स्पर्धा होती है। लोकतंत्र का एक गुण भी है। लोकतंत्र में इसको अच्छा माना गया है। लेकिन एक समान लक्ष्य के साथ, समान भाव से सेवा का काम संगठन की शक्ति बन जाता है। जब हम इस तरह का काम करते हैं तो एक टीम स्परिट पैदा होती है। इस तरह के कार्यों से व्यक्ति विकास और व्यक्तित्व का विकास भी, नई संभावनाएं पैदा हो जाती हैं। आपने खुद भी अनुभव किया होगा, इस तरह, सेवा अभियानों से लोगों की मदद तो होती ही है, पार्टी कार्यकर्ताओं के तौर पर भी आप सबको भी समाज को जानने का, समाज को समझने का, नए तरीके से सोचने का, स्वयं का विकास करने का अवसर मिला होगा। ऐसे अभियान हमारे कार्यकर्ताओं के लिए एक तरह से प्रशिक्षण का काम करते हैं। हम एक कमरे में बैठकर के भाषण सुनके, चर्चा करके, संवाद करके, प्रश्न-उत्तर करके प्रशिक्षण करते हैं। ये एक प्रकार से प्रैक्टिकल एक्सपीरिएंस से हमारा प्रशिक्षण था। ये भी एक प्रकार से हमने आफत को अवसर में पलट करके. कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण का काम सहज रूप से हो गया है।        

साथियो,

चुनाव के समय आपलोग सब जानते हैं, हमलोग जनता के बीच जाते हैं, और जब जनता के बीच जाते हैं चुनाव के समय में तो अच्छी-बुरी, खट्टी-मीठी हर प्रकार की बातें सुनने को मिलती हैं। कोई कहेगा ये नहीं किया, वो नहीं किया, कोई व्यंग्य करेगा, कोई ताना साधता है, कभी वार-पलटवार भी होते रहते हैं, ये सब होता है। 

लेकिन आपने देखा होगा कि जब इस बार आप जनता के बीच गए हैं, तो आपके अनुभव कुछ और रहे होंगे। और मैं चाहता हूं कि आप थोड़ा मन में इन तीन महीनों को याद कीजिए। आपको जनता-जनार्दन जो ईश्वर का रूप होता है, उसका साक्षात्कार किया होगा। याद कीजिए, इस दौरान आपने महसूस किया होगा कि समाज से आपको कितना कुछ मिला है!

साथियो, 

कोरोना के इस संकट काल में समाज ने आपको स्नेह दिया है, आपको विश्वास दिया है।

आप किसी गरीब की मदद कर सकें, इसके लिए समाज ने आपको सामान भी दिया है और साधन भी दिए हैं और सम्मान भी दिया है। आप अगर अपने घर से कुछ राशन लेकर निकले, तो कई और लोगों ने भी आपको कहा होगा कि कुछ राशन मेरी तरफ से ले जाइए, कुछ सामान मेरी तरफ से ले जाइए, आप भाईसाहब जा रहे हो, जरूर पहुंचा दीजिए। यही वो स्नेह है, वो ऊर्जा है, जिसकी ताकत ने आपको कभी थकने नहीं दिया।

हमें इस ऊर्जा को समझना चाहिए। 

हमें समाज की इस शक्ति को समझना चाहिए।

इस शक्ति को आत्मसात करना चाहिए।

इसका साक्षात्कार करना चाहिए। 

मुझे विश्वास है, आप ये करते रहेंगे, बीजेपी का हर कार्यकर्ता ये करता रहेगा तो ऊर्जा का प्रवाह हमेशा हमें प्रेरणा देता रहेगा, पुरुषार्थ का नई ताकत देता रहेगा। लोगों के आशीर्वाद, एक प्रकार से ईश्वर के ही आशीर्वाद होते हैं। ये आशीर्वाद बहुत बड़ी ताकत होते हैं। 

साथियो, 

आपने ये भी अक्सर देखा होगा कि ज्यादातर समय लोग जब मिलते हैं सामान्य दिवसों की मैं बात करता हूं, उसमें भी जब आप सत्ता में हों, तो सामान्य तौर पर लोग क्या करते हैं, कोई-न-कोई आपको मेमोरैंडम देंगे, मांग पत्र देंगे, और बहुत स्वाभाविक चीज है। ये जरूरी नहीं कि लिखकर ही कोई मांग पत्र दें, लेकिन सार्वजनिक जीवन में आपको ऐसे लोग मिल जाएंगे जो मुंहजबानी भी आपको कुछ न कुछ बताते रहेंगे कि ये होना चाहिए, कहीं कोई सड़क की मांग है, तो कहीं कोई गड्ठा भरवाने की बात करेगा, तो कोई बिजली की बात करेगा। कई बार वो शिकायत के रूप में कहेगा, तो कई बार वो अपेक्षा के रूप में कहेगा।    

ऐसे में कुछ नेता-कार्यकर्ता सोचते हैं ये क्या है?

जब देखो कोई न कोई काम, कोई न कोई मांग, कोई न कोई शिकायत!

लेकिन साथियो, आप सभी सार्वजनिक जीवन में हैं, सेवा करने के लिए आए हैं, इसलिए हम सबको इसमें अन्तर्निहित जो भाव है, उसको समझना होगा। और कोरोना की इस लड़ाई में इसको समझने में हमें सुविधा मिली है कि यही समाज हम पर कितना भरोसा करता है, हमसे कितना स्नेह करता है और संकट की घड़ी में हमारे साथ रहकर के समाज की भलाई के लिए कैसे आगे आता है, इस शक्ति को हमने अनुभव किया है। इसमें अन्तर्निहित भाव यही है कि आओ, आप समाज की मदद करो।  

समाज ने आपको ये अवसर दिया है। हम सबको अवसर दिया है। हम सबको समाज ने इस काम के लिए चुना है, दायित्व दिया है। 

साथियो, 

हमारे समाज में दूसरों के लिए कुछ करने की, सेवा भाव की बहुत बड़ी ताकत है। 

हमें समाज की इस ताकत को पूजने का कोई अवसर छोड़ना नहीं चाहिए।

और आपको तो संतोष होना चाहिए कि समाज ने हम सबको इस काम के लिए चुना है। सेवा करने के लिए ईश्वर ने हमें राह दिखाई है। जनता ने हमारा हाथ थामा है। समाज, सेवा करना चाहता था, गरीब की मदद करना चाहता था, तो उसने हम सब को माध्यम बनाया है। 

वैसे हम चाहे कार्यकर्ता की भूमिका में हों या सरकार में, वास्तव में हम देश की, गरीब की सेवा का एक माध्यम हैं।    

ये सरकार छह सालों से इसी विचार के साथ काम कर रही है, हमारे राज्यों की सरकारें भी इसी विचार से काम कर रही हैं। 

देश ने सही समय पर लॉकडाउन का फैसला किया, तो आज दुनिया के मुकाबले भारत में हम कहीं ज्यादा लोगों की जिंदगी बचा पा रहे हैं।  

इस दौरान गरीबों को कम से कम दिक्कत हो, इसके लिए पौने दो लाख करोड़ रुपए के गरीब कल्याण पैकेज से लेकर गरीबों को अन्न के लिए, रोजगार के लिए सरकार ने विशेष योजनाएं शुरू की हैं। 

अभी हाल ही में, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को सरकार ने दीपावली-छठ पूजा तक के लिए यानि कि नवंबर के अंत तक बढ़ा दिया है।

साथियो,

130 करोड़ देशवासियों ने हम पर हमेशा जो भरोसा किया है, हमें इस भरोसे को संभाल कर रखना है, सहेज कर रखना है।

हमें देशवासियों की आशाओं-आकांक्षाओं को, उनके सपनों को अपना सपना मानकर के हमें काम करना है। अपना सपना मान करके हमें खपना भी है। 

मैंने पहले भी कहा है और आज फिर दोहरा रहा हूं।

भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता को अपने साथ, मैंने ये इलाहाबाद में पार्टी की कार्यसमिति में शायद कहा था, हमारे साथ सात ‘स’, मैंने कहा था उस दिन, हमारे साथ सात‘स’ Seven ‘S’ इसकी शक्ति लेकर आगे बढ़ना चाहिए। देखिए वो सात बातें क्या कही थी मैंने, जब हमलोग इलाहाबाद में वर्किंग कमेटी में मिले थे, तब मैंने कहा था-

पहला- सेवाभाव, 

दूसरा- संतुलन, 

तीसरा- संयम, 

चौथा- समन्वय, 

पांचवां- सकारात्मकता, 

छठा- सद्भावना

और सातवां- संवाद।

बीजेपी के हर कार्यकर्ता के आचरण और नीति में, इन दिनों इस कोरोना की लड़ाई में भरपूर रूप से इसका प्रभाव दिखाई दिया है। और हर भाजपा के कार्यकर्ता के लिए ये गर्व का विषय है।  

साथियो, 

कोरोना के इस काल में हमारा ये महायज्ञ, ये हमारा सेवायज्ञ रुकना नहीं चाहिए, और महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई भी कमजोर नहीं पड़नी चाहिए।  

अभी त्योहारों का सीजन शुरू हो रहा है। लेकिन कोरोना का खतरा अभी भी उतना ही है। 

इसके लिए खुद भी सावधानी बरतनी है और दूसरों को भी जागरूक करते रहना है।  

साथियो,  

आज आपके पास से जो कुछ भी सुनने को मिला, उसने मुझे भी एक नई ऊर्जा दी है, काम करने के संकल्प को और मजबूत किया है। 

मैं फिर एक बार आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। मैं नड्डा जी को और पार्टी का भी अभिनंदन करता हूं कि मुझे, क्योंकि पहले तो प्रवास के कार्यक्रम होते थे, आप सबके दर्शन का मौका मिल जाता था, लेकिन इन दिनों कोरोना के कारण ये संभव नहीं होता है। आज आप सबको सुनने का मौका मिला, आपके दर्शन करने का अवसर मिला। मेरे लिए बहुत शुभ अवसर था ये। फिर एक बार आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। 

बहुत-बहुत धन्यवाद!

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।