প্ৰধানমন্ত্ৰী শ্ৰী নৰেন্দ্ৰ মোদীয়ে আজি উত্তৰ প্ৰদেশৰ বাৰাণসী ভ্ৰমণ কৰে৷ উত্তৰ প্ৰদেশৰ বাৰাণসীৰ জংগমৱাড়ি মঠত তেওঁ জগতগুৰু বিশ্ব আৰাধ্যৰ শতবাৰ্ষিকী উদযাপনৰ সমাপন অনুষ্ঠানত অংশগ্ৰহণ কৰে৷
সেই অনুষ্ঠানত প্ৰধানমন্ত্ৰীয়ে ‘শ্ৰী সিদ্ধান্ত শিখামণি গ্ৰন্থ’ৰ ১৯টা ভাষালৈ অনুদিত সংস্কৰণ মুকলি কৰাৰ লগতে গ্ৰন্থখনৰ ম’বাইল এপো মুকলি কৰে৷ উপস্থিত জনসাধাৰণৰ সন্মুখত ভাষণ প্ৰদান কৰি তেওঁ কয় যে নতুন দশকৰ আৰম্ভণিতে এই শতবাৰ্ষিকী উদযাপন অনুষ্ঠিত হোৱাটো এক কাকতলীয় ঘটনা আৰু এই নতুন দশকে বিশ্ব দৰবাৰত পুনৰ ভাৰতৰ একবিংশ শতিকাৰ ভূমিকা উপস্থাপিত কৰিব৷
তেওঁ কয় যে শ্ৰী সিদ্ধান্ত শিখামণি গ্ৰন্থ ম’বাইল এপৰ জৰিয়তে যুৱসমাজে অনুপ্ৰেৰণা লাভ কৰিব পাৰিব৷ তেওঁ এই ম’বাইল এপটোৰ জৰিয়তে গ্ৰন্থখন সন্বন্ধীয় এক বাৰ্ষিক কুইজ প্ৰতিযোগিতাৰ আয়োজন কৰিবলৈ আহ্বান জনায়৷ তেওঁ কয় যে ১৯টা ভাষালৈ অনুদিত এই গ্ৰন্থখনে সমাজৰ বিভিন্ন প্ৰান্তত বিস্তৃতি লাভ কৰিবলৈ সমৰ্থ হ’ব৷
প্ৰধানমন্ত্ৰীয়ে কয়, ‘‘নাগৰিক হিচাপে আমাৰ আচৰণে ভাৰতৰ ভৱিষ্যত নিৰ্ধাৰণ কৰিব যিয়ে নতুন ভাৰতৰ দিশ নিৰ্ণয় কৰিব৷’’ সন্তসকলে দেখুৱাই যোৱা পথ অনুসৰণ কৰি আমি আমাৰ জীৱনৰ প্ৰত্যাশা পূৰণ কৰিব লাগিব আৰু ৰাষ্ট্ৰ নিৰ্মাণত নিজকে নিয়োজিত কৰিব লাগিব বুলি তেওঁ মন্তব্য কৰে৷
দেশৰ প্ৰতিটো প্ৰান্তত জনতাই স্বচ্ছতা অভিযানক সফল কৰি তোলাৰ বাবে তেওঁ জনসাধাৰণক ধন্যবাদ জ্ঞাপন কৰে৷ তেওঁ সকলোকে ভাৰততে নিৰ্মিত সামগ্ৰী ব্যৱহাৰ কৰিবলৈ আহ্বান জনায়৷ প্ৰধানমন্ত্ৰীয়ে জল জীৱন অভিযানকো সাফল্যমণ্ডিত কৰি তোলাৰ বাবে অংশগ্ৰহণ কৰিবলৈ জনসাধাৰণক আহ্বান জনায়৷
প্ৰধানমন্ত্ৰীয়ে কয় যে গংগা নদীৰ পৰিষ্কাৰকৰণত উল্লেখযোগ্য অগ্ৰগতি দেখিবলৈ পোৱা গৈছে আৰু ইয়াৰ মূলতে আছে জনসাধাৰণৰ সক্ৰিয় অংশগ্ৰহণ৷ তেওঁ কয় যে নমামি গংগা কাৰ্যসূচীৰ অধীনত ৭০০০ কোটি টকাৰ প্ৰকল্পৰ কাম সমাধা হৈছে আৰু ২১০০০ কোটি টকাৰ প্ৰকল্পৰ কাম চলি আছে৷
প্ৰধানমন্ত্ৰীয়ে কয় যে চৰকাৰে ৰাম মন্দিৰ নিৰ্মাণৰ বাবে শেহতীয়াকৈ ‘শ্ৰীৰাম জনমভূমি তীৰ্থক্ষেত্ৰ’ শীৰ্ষক এক ন্যাসৰ গঠন কৰিছে৷ এই ন্যাসে অযোধ্যাত নিৰ্মাণ হ’বলগীয়া শ্ৰীৰাম মন্দিৰৰ কাম চোৱাচিতা কৰিব৷ তেওঁ কয় যে চৰকাৰে ন্যাসক ৬৭ একৰ ভূমি প্ৰদানৰ সিদ্ধান্ত গ্ৰহণ কৰিছে৷
संस्कृत और संस्कृति की संगम स्थली में आप सभी के बीच आना मेरे लिए सौभाग्य का विषय है। बाबा विश्वनाथ के सानिध्य में, मां गंगा के आंचल में, संतवाणी का साक्षी बनने का अवसर कम ही मिल पाता है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) February 16, 2020
तुलसीदास जी कहा करते थे- ‘संत समागम हरि कथा तुलसी दुर्लभ दोउ’। इस भूमि की यही विशेषता है। ऐसे में वीरशैव जैसी संत परंपरा को युवा पीढ़ी तक पहुंचा रहे जगद्गुरु विश्वराध्य गुरुकुल के शताब्दी वर्ष का समापन एक गौरवशाली क्षण है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) February 16, 2020
भारत में राष्ट्र का ये मतलब कभी नहीं रहा कि किसने कहाँ जीत हासिल की, किसकी कहाँ हार हुई! हमारे यहाँ राष्ट्र सत्ता से नहीं, संस्कृति और संस्कारों से सृजित हुआ है, यहां रहने वालों के सामर्थ्य से बना है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) February 16, 2020
भक्ति से मुक्ति का मार्ग दिखाने वाले इस दर्शन को भावी पीढ़ी तक पहुंचना चाहिए। एक App के माध्यम से इस पवित्र ज्ञानग्रंथ का डिजिटलीकरण युवा पीढ़ी के जुड़ाव को और बल देगा, उनके जीवन की प्रेरणा बनेगा: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) February 16, 2020
संस्कृत भाषा और दूसरी भारतीय भाषाओं को ज्ञान का माध्यम बनाते हुए, टेक्नॉलॉजी का समावेश आप कर रहे हैं, वो भी अद्भुत है। सरकार का भी यही प्रयास है कि संस्कृत सहित सभी भारतीय भाषाओं का विस्तार हो, युवा पीढ़ी को इसका लाभ हो: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) February 16, 2020
देश सिर्फ सरकार से नहीं बनता बल्कि एक-एक नागरिक के संस्कार से बनता है। नागरिक के संस्कार को उसकी कर्तव्य भावना श्रेष्ठ बनाती है। एक नागरिक के रूप में हमारा आचरण ही भारत के भविष्य को तय करेगा, नए भारत की दिशा तय करेगा: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) February 16, 2020
मठों द्वारा दिखाए रास्ते पर चलते हुए, संतों द्वारा दिखाए रास्ते पर चलते हुए, हमें अपने जीवन के संकल्प पूरे करने हैं और राष्ट्र निर्माण में भी अपना पूरा सहयोग करते चलना है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) February 16, 2020
बीते 5-6 वर्षों में अगर गंगाजल में अभूतपूर्व सुधार देखने को मिल रहा है तो इसके पीछे भी जनभागीदारी का बहुत महत्व है।
— PMO India (@PMOIndia) February 16, 2020
मां गंगा के प्रति आस्था और दायित्व का भाव आज अभूतपूर्व स्तर पर है: PM @narendramodi
नमामि गंगे अभियान के तहत 7 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स पर काम पूरा हो चुका है। 21 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स पर कार्य प्रगति पर है।
— PMO India (@PMOIndia) February 16, 2020
जिन प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है उनको भी हम तेज़ी से पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं: PM @narendramodi
कुछ दिन पहले ही सरकार ने राम मंदिर निर्माण के लिए एक स्वायत्त ट्रस्ट- ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ के गठन करने की भी घोषणा की है।
— PMO India (@PMOIndia) February 16, 2020
ये ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली पर, भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण का काम देखेगा और सारे निर्णय लेगा: PM @narendramodi
अयोध्या में राम मंदिर से जुड़ा एक और बड़ा फैसला सरकार ने किया है।
— PMO India (@PMOIndia) February 16, 2020
अयोध्या कानून के तहत जो 67 एकड़ जमीन अधिगृहित की गई थी, वो भी पूरी की पूरी, नवगठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को ट्रांसफर कर दी जाएगी: PM @narendramodi