17 सितंबर 1950 को गुजरात के वाडनगर में जन्म लेने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय राजनीति में विश्वास और विकास के नायक हैं तो वैश्विक पटल पर महानायक बनकर देश और दुनिया को दिशा दिखा रहे हैं। संयोग ऐसा कि जिस दिन देश के अधिकांश भाग में निर्माण के देवता भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है, उसी दिन मोदी जी का जन्मदिन है। उनकी छत्रछाया में भारत में राष्ट्रवाद का रंग गहरा हुआ है और भारत विश्वगुरु बनने की राह पर चल पड़ा है। 

आज के समय में भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया में अगर कोई सबसे ज्यादा लोकप्रिय हस्ती है तो वह हैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी। उन्होंने विश्व के नेताओं के बीच सर्वोच्च स्थान बनाते हुए भारत को भी शिखर तक पहुंचाया है। दुनिया की सबसे लोकप्रिय राजनीतिक हस्तियों में शामिल नरेंद्र मोदी जी का नाम उनके व्यक्तित्व, कार्यशैली, दृढ़निश्चय और क्षमता के कारण न सिर्फ भारत में, बल्कि विश्व पटल पर गूंज रहा है। यही कारण है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले सर्वेक्षणों में नरेंद्र मोदी को दुनिया के सबसे शक्तिशाली और लोकप्रिय व्यक्ति के रूप में शुमार किया जा रहा है। चंद दिनों पूर्व हुए मॉॄनग कंसल्ट के एक सर्वेक्षण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 76 प्रतिशत अनुमोदन रेटिंग के साथ दुनिया के ‘सबसे लोकप्रिय’ नेता माने गए हैं। वैसे भी ‘ग्लोबल लीडर अप्रूवल’ सर्वेक्षण के अनुसार वे लगातार दुनिया में टॉप पर बने हुए हैं। 

यूक्रेन युद्ध के समय वहां फंसे भारतीयों को वापस लाना, कोरोना के दौरान दुनिया भर में टीका भेजना, ये सभी नरेंद्र मोदी जी की वैश्विक सोच का परिणाम है। पहले विदेश नीति से देश की जनता दूर थी, लेकिन जब भारत में इतना बड़ा कूटनीतिक कार्यक्रम हुआ तो हर भारतवासी अवगत हुआ और अपने को गौरवान्वित महसूस किया। जी-20 में नालंदा विश्वविद्यालय और कोणार्क के सूर्य मंदिर का प्रतीक दिखाकर दुनिया को भारत के धरोहर और सशक्त इतिहास से अवगत कराने वाले पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने। 

जी-20 के बाद तो पूरी दुनिया ने मोदीजी की कुशलता और भारत की ताकत का लोहा माना। मोदी ने पूरी दुनिया को यह संदेश दिया कि भारत न तो किसी दबाव के सामने झुकने वाला है न ही रुकने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अफ्रीकी संघ और अन्य विकासशील देशों की भी आवाज बनकर उभरे हैं। उन्होंने विश्व को ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का संदेश दिया। पूर्व में भारत की विदेश नीति न सिर्फ लचर रही है, बल्कि निर्णय लेने की भी क्षमता कमजोर थी, लेकिन आज नरेंद्र मोदी ने अपनी मजबूती का एहसास कराया है। मोदी के कारण भारत की विदेश नीति सफल रही है और व्यावहारिक तथा ठोस रणनीति पर काम करते हुए भारत ने तमाम दबावों को खारिज करते हुए देश को वैश्विक बुलंदी दी है। आज हर अंतर्राष्ट्रीय मसलों पर अपना स्पष्ट नजरिया रखने की ताकत सिर्फ भारत में है। तभी तो हम सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले तीसरे राष्ट्र बने। 

आज हर भारतवासी गर्व के साथ कहता है कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत ही नहीं, बल्कि विश्व के नेता हैं। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूलमंत्र के साथ भारत को जो जनोन्मुखी नेतृत्व मिला है, उससे भारत सशक्त, सुरक्षित और समृद्ध हो चला है। मोदी के नेतृत्व में चलने वाली सरकार द्वारा चलाई जाने वाली सभी योजनाओं में गरीब, वंचित, शोषित, पीड़ित, दलित, महिला और युवा के हित के लिए कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम उठाए गए हैं।

देश की समृद्धि के साथ ही सीमा की सुरक्षा और सैनिकों को सम्मान देने में नरेंद्र मोदी हमेशा आगे रहे हैं और सैनिकों को हर प्रकार से संसाधन मुहैया कराते हुए उनका उत्साहवर्धन किया है। आज रक्षा के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर होते हुए शक्तिशाली राष्ट्रों की श्रेणी में आ गया है, जिसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। लगभग 12 करोड़ बहनों को इज्जत घर एवं उज्ज्वला योजना के माध्यम से 9 करोड़ बहनों को गैस का कनैक्शन देकर नारी सशक्तिकरण किया गया। स्वस्थ भारत के संकल्प को साकार करने के लिए आयुष्मान भारत के माध्यम से 55 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य का सुरक्षा कवच दिया गया है। ऐसे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं।

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প্ৰধানমন্ত্ৰী মোদীৰ এখনি হৃদয়স্পৰ্শী চিঠি
December 03, 2024

দিব্যাংগ শিল্পী দিয়া গোসাইৰ বাবে সৃষ্টিশীলতাৰ এটা মুহূৰ্ত জীৱন পৰিবৰ্তনকাৰী অভিজ্ঞতাত পৰিণত হ’ল। ২৯ অক্টোবৰত বদোদৰা ৰোডশ্ব’ৰ সময়ত প্ৰধানমন্ত্ৰী মোদীৰ আৰু স্পেইনৰ ৰাষ্ট্ৰপতি পেড্ৰ’ ছানচেজক তেওঁ অংকন কৰা চিত্ৰ উপহাৰ হিচাপে দিয়ে। দুয়োগৰাকী নেতাই ব্যক্তিগতভাৱে তেওঁৰ আন্তৰিক উপহাৰ গ্ৰহণ কৰিবলৈ আগবাঢ়ি আহিল, যাৰ ফলত তেওঁ আনন্দত আত্মহাৰা হৈ পৰে।

কেইসপ্তাহমানৰ পাছত ৬ নৱেম্বৰত দিয়াই প্ৰধানমন্ত্ৰীৰ পৰা এখন চিঠি পাইছিল য’ত তেওঁৰ শিল্পকৰ্মৰ প্ৰশংসা কৰা হৈছিল আৰু আনকি শ্ৰীযুত চানচেজেও কেনেকৈ ইয়াৰ প্ৰশংসা কৰিছিল সেই বিষয়ে লিখিছিল। প্ৰধানমন্ত্ৰী মোদীয়ে তেওঁক নিষ্ঠাৰে সূক্ষ্ম কলাক লৈ উৎসাহিত কৰি "বিকশিত ভাৰত" গঢ়ি তোলাত যুৱক-যুৱতীসকলৰ ভূমিকাত বিশ্বাস প্ৰকাশ কৰে। লগতে তেওঁৰ ব্যক্তিগতভাৱে তেওঁৰ পৰিয়াললৈ দীপাৱলী আৰু নৱবৰ্ষৰ শুভেচ্ছা জ্ঞাপন কৰে।

আনন্দত আত্মহাৰা হৈ দিয়াই চিঠিখন মাক-দেউতাকক পঢ়ি শুনালে, যিসকলে পৰিয়ালটোলৈ ইমান অপৰিসীম সন্মান কঢ়িয়াই অনাৰ বাবে উল্লাসিত হৈ পৰে। "আমাৰ দেশৰ এক সৰু অংশ হৈ মই গৌৰৱ অনুভৱ কৰিছো। মোদী জী, মোক মৰম আৰু আশীৰ্বাদ দিয়াৰ বাবে আপোনাক ধন্যবাদ।" বুলি উল্লেখ কৰি দিয়াই কয় যে প্ৰধানমন্ত্ৰীৰ পৰা চিঠিখন লাভ কৰাটোৱে তেওঁক জীৱনত সাহসী পদক্ষেপ ল’বলৈ আৰু আনকো একে কাম শক্তিশালীভাৱে কৰিবলৈ গভীৰভাৱে অনুপ্ৰাণিত কৰিব।

প্ৰধানমন্ত্ৰী মোদীৰ এই ভংগীমাই দিব্যাংসকলক সবলীকৰণ আৰু তেওঁলোকৰ অৱদানক স্বীকৃতি দিয়াৰ প্ৰতি তেওঁৰ দায়বদ্ধতাক প্ৰতিফলিত কৰে। সুগম্য ভাৰত অভিযানৰ দৰে অসংখ্য পদক্ষেপৰ পৰা আৰম্ভ কৰি দিয়াৰ দৰে ব্যক্তিগত সংযোগলৈকে তেওঁ অনুপ্ৰাণিত আৰু উত্থান অব্যাহত ৰাখিছে, যিটোৱে প্ৰমাণ কৰি যে উজ্জ্বল ভৱিষ্যত গঢ় দিয়াত প্ৰতিটো প্ৰচেষ্টাই গুৰুত্বপূৰ্ণ।