প্ৰধানমন্ত্ৰী শ্ৰী নৰেন্দ্ৰ মোদীৰ অধ্যক্ষতাত আজি অনুষ্ঠিত ‘অৰ্থনৈতিক বিষয়ৰ কেবিনেট কমিটি’য়ে ‘নৱোদয় বিদ্যালয় আঁচনি’(কেন্দ্ৰীয় খণ্ডৰ আঁচনি)ৰ অধীনত দেশৰ ইতিমধ্যে সামৰি নোলোৱা জিলাসমূহত ২৮খন ‘নৱোদয় বিদ্যালয়’(এনভি) স্থাপনৰ প্ৰস্তাৱলৈ অনুমোদন জনাইছে। এই ২৮ খন ‘এনভি’-ৰ তালিকা সংলগ্ন কৰা হৈছে।         

২৮ খন ‘এনভি’ স্থাপনৰ বাবে ২০২৪-২৫ বৰ্ষৰ পৰা ২০২৮-২৯ বৰ্ষলৈ পাঁচ বছৰৰ ভিতৰত পুঁজিৰ মুঠ আনুমানিক প্ৰয়োজনীয়তা হৈছে ২৩৫৯.৮২ কোটি টকা। ইয়াৰ ভিতৰত মূলধনী ব্যয় পৰিমাণ হৈছে ১৯৪৪.১৯ কোটি টকা  আৰু কাৰ্যকৰী ব্যয়ৰ পৰিমাণ হৈছে ৪১৫.৬৩ কোটি টকা।

প্ৰকল্পটো ৰূপায়ণৰ বাবে ‘প্ৰশাসনিক গাঁথনি সম্পৰ্কীয় সমিতি’য়ে ৫৬০ গৰাকী শিক্ষাৰ্থীক শিক্ষাদান সামৰ্থ্যৰ সৈতে একোখন সম্পূৰ্ণ ‘এনভি’ চলোৱাৰ বাবে নিৰ্ধাৰিত নিয়মত সম সংখ্যক আসন সৃষ্টিৰ প্ৰয়োজন হ'ব। সেয়েহে, ৫৬০ X ২৮ = ১৫৬৮০ গৰাকী শিক্ষাৰ্থী উপকৃত হ'ব। প্ৰচলিত নিয়ম অনুসৰি, এখন সম্পূৰ্ণ ‘এনভি’য়ে ৪৭ গৰাকী লোকক নিযুক্তি প্ৰদান কৰিব আৰু সেই অনুসৰি, অনুমোদিত ২৮খন নবোদয় বিদ্যালয়ে ১৩১৬ গৰাকী ব্যক্তিক পোনপটীয়া স্থায়ী নিযুক্তি প্ৰদান কৰিব। বিদ্যালয়ৰ আন্তঃগাঁথনি সৃষ্টিৰ বাবে নিৰ্মাণ আৰু আনুষংগিক কাৰ্যকলাপে বহুতো দক্ষ আৰু অদক্ষ শ্ৰমিকৰ বাবে নিযুক্তিৰ সুযোগ সৃষ্টি কৰাৰ সম্ভাৱনা আছে। ইয়াৰ আৱাসিক প্ৰকৃতিৰ বাবে প্ৰতিখন নৱোদয় বিদ্যালয়ে স্থানীয় বিক্ৰেতাসকলক খাদ্য, ব্যৱহাৰযোগ্য সা-সামগ্ৰী, আচবাব, শিক্ষণ সামগ্ৰী আদিৰ দৰে অত্যাৱশ্যকীয় সামগ্ৰী যোগান ধৰাৰ বাবে আৰু স্থানীয় সেৱা প্ৰদানকাৰী যেনে- নাপিত, দৰ্জী মুচি, গৃহৰক্ষণ আৰু সুৰক্ষা সেৱাৰ বাবে জনশক্তি আদিৰ নিযুক্তিৰ বাবে সুযোগ সৃষ্টি কৰিব।

 

এনভিবোৰ সম্পূৰ্ণৰূপে আৱাসিক, সহ-শৈক্ষিক বিদ্যালয় যি ষষ্ঠ শ্ৰেণীৰ পৰা দ্বাদশ শ্ৰেণীলৈ মুখ্যতঃ গ্ৰাম্যাঞ্চলৰ পৰা তেওঁলোকৰ পৰিয়ালৰ আৰ্থ-সামাজিক অৱস্থাৰ প্ৰতি গুৰুত্ব নিদিয়াকৈ কেৱল প্ৰতিভাশালী শিশুসকলক উন্নত মানসম্পন্ন আধুনিক শিক্ষা প্ৰদান কৰে। এই বিদ্যালয়সমূহত নামভৰ্তি বাছনি পৰীক্ষাৰ আধাৰত কৰা হয়। প্ৰতি বছৰে প্ৰায় ৪৯,৬৪০ গৰাকী শিক্ষাৰ্থীক এনভিত ষষ্ঠ শ্ৰেণীত ভৰ্তি কৰা হয়।

আজিৰ তাৰিখ পৰ্যন্ত সমগ্ৰ দেশত ৬৬১খন অনুমোদিত ‘এনভি’ [অনুসূচিত জাতি/জনজাতি জনসংখ্যাৰ বৃহৎ ঘনত্ব থকা ২০ খন জিলাত দ্বিতীয় এনভি সহ] আৰু ৩ খন ‘বিশেষ এনভি’ আছে। ইয়াৰ ভিতৰত, ৬৫৩খন  ‘এনভি’ কাৰ্যক্ষম হৈ আছে।

‘ৰাষ্ট্ৰীয় শিক্ষা নীতি ২০২০’ অনুসৰি প্ৰায় সকলো নৱোদয় বিদ্যালয়ক প্ৰধানমন্ত্ৰী শ্ৰী বিদ্যালয় হিচাপে মনোনীত কৰা হৈছে, ‘এনইপি ২০২০’ ৰূপায়ণ প্ৰদৰ্শন কৰা হৈছে আৰু আনৰ বাবে অনুকৰণীয় বিদ্যালয় হিচাপে কাম কৰা হৈছে। আঁচনিখন ভালদৰে প্ৰশংসিত হৈছে আৰু প্ৰতি বছৰে ‘এনভি’-ত ষষ্ঠ শ্ৰেণীত নামভৰ্তিৰ বাবে আবেদন কৰা শিক্ষাৰ্থীৰ সংখ্যা ক্ৰমাগতভাৱে বৃদ্ধি পাইছে। শেহতীয়া বছৰবোৰত নৱোদয় বিদ্যালয়সমূহত ছোৱালীৰ (৪২%) লগতে অনুসূচিত জাতি (২৪%), এছটি (২০%) আৰু অ'বিচি (৩৯%) শিশুৰ নামভৰ্তিৰ সংখ্যা বৃদ্ধি পাইছে, যাৰ ফলত সকলোৰে বাবে মানসম্পন্ন শিক্ষা উপলব্ধ হোৱাটো নিশ্চিত হৈছে।

‘চিবিএছই’ৰ দ্বাৰা পৰিচালিত ব'ৰ্ড পৰীক্ষাত ‘নৱোদয় বিদ্যালয়’ৰ শিক্ষাৰ্থীসকলৰ প্ৰদৰ্শন সকলো শৈক্ষিক প্ৰণালীৰ ভিতৰত ধাৰাবাহিকভাৱে সৰ্বশ্ৰেষ্ঠ হৈ আহিছে। ‘এনভি’-ৰ শিক্ষাৰ্থীসকলে নগৰীয়া ভাৰতৰ সৰ্বশ্ৰেষ্ঠ প্ৰতিভাৰ সমতুল্য অভিযান্ত্ৰিক, চিকিৎসা বিজ্ঞান, সশস্ত্ৰ বাহিনী, অসামৰিক সেৱা আদিৰ দৰে বিভিন্ন ক্ষেত্ৰত উৎকৃষ্ট প্ৰদৰ্শন দাঙি ধৰি আহিছে।

 

পৰিশিষ্ট

 

ক্ৰমিক

নং

ৰাজ্যৰ নাম

এনভি অনুমোদিত হোৱা জিলাৰ নাম

 

 

 

অৰুণাচল প্ৰদেশ

উজনী সোঁৱণশিৰি

ক্ৰড়াদি

লেপা ৰাডা

নামনি চিয়াং

লোহিত

পাকে-কেছাং

শ্বি-য়মি

চিয়াং

 

 

অসম

শোণিতপুৰ

১০

চৰাইদেও

১১

হোজাই

১২

মাজুলী

১৩

দক্ষিণ শালমাৰা মানকাচৰ

১৪

পশ্চিম কাৰ্বি আংলং

১৫

 

 

মণিপুৰ

থৌবাল

১৬

কাংপকি

১৭

নোনেই

১৮

কৰ্ণাটক

বেল্লাৰী

১৯

মহাৰাষ্ট্ৰ

থানে

২০

 

 

 

 

 

 

তেলেংগাণা

জাগিত্যাল

২১

নিজামাবাদ

২২

কোথাগুডেম ভদ্ৰাদ্ৰি

২৩

মেদচাল মলকাজগিৰি

২৪

মেহবুবনগৰ

২৫

ছাংগাৰেড্ডী

২৬

সূৰ্যপেট

২৭

 

পশ্চিম বংগ

পূৰ্ব বৰ্দ্ধমান

২৮

ঝাৰগ্ৰাম

 

  • Jitendra Kumar April 02, 2025

    🙏🇮🇳❤️
  • Raj Kumar March 31, 2025

    welcome modi
  • Hiraballabh Nailwal February 15, 2025

    👍👍
  • Hiraballabh Nailwal February 15, 2025

    🌹🙏🌹
  • Bhushan Vilasrao Dandade February 15, 2025

    जय हिंद
  • Bansi Bhaiya February 14, 2025

    Bjp
  • Dr Mukesh Ludanan February 08, 2025

    Jai ho
  • Vivek Kumar Gupta February 03, 2025

    नमो ..🙏🙏🙏🙏🙏
  • Vivek Kumar Gupta February 03, 2025

    नमो .........................🙏🙏🙏🙏🙏
  • kshiresh Mahakur February 03, 2025

    11
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প্ৰতিগৰাকী ভাৰতীয়ৰ তেজ উতলি আছে: মন কী বাতত প্ৰধানমন্ত্ৰী মোদী

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Once Neglected, Mathura's Govardhan Station Gets Parking, Footbridge After Inauguration By PM Modi

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Today, North East is emerging as the ‘Front-Runner of Growth’: PM Modi at Rising North East Investors Summit
May 23, 2025
QuoteThe Northeast is the most diverse region of our diverse nation: PM
QuoteFor us, EAST means - Empower, Act, Strengthen and Transform: PM
QuoteThere was a time when the North East was merely called a Frontier Region.. Today, it is emerging as the ‘Front-Runner of Growth’: PM
QuoteThe North East is a complete package for tourism: PM
QuoteBe it terrorism or Maoist elements spreading unrest, our government follows a policy of zero tolerance: PM
QuoteThe North East is becoming a key destination for sectors like energy and semiconductors: PM

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, सुकांता मजूमदार जी, मणिपुर के राज्यपाल अजय भल्ला जी, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व शर्मा जी, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू जी, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा जी, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा जी, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग जी, नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो जी, मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा जी, सभी इंडस्ट्री लीडर्स, इन्वेस्टर्स, देवियों और सज्जनों!

आज जब मैं राइज़िंग नॉर्थईस्ट के इस भव्य मंच पर हूँ, तो मन में गर्व है, आत्मीयता है, अपनापन है, और सबसे बड़ी बात है, भविष्य को लेकर अपार विश्वास है। अभी कुछ ही महीने पहले, यहां भारत मंडपम् में हमने अष्टलक्ष्मी महोत्सव मनाया था, आज हम यहां नॉर्थ ईस्ट में इन्वेस्टमेंट का उत्सव मना रहे हैं। यहां इतनी बड़ी संख्या में इंडस्ट्री लीडर्स आए हैं। ये दिखाता है कि नॉर्थ ईस्ट को लेकर सभी में उत्साह है, उमंग है और नए-नए सपने हैं। मैं सभी मंत्रालयों और सभी राज्यों की सरकारों को इस काम के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आपके प्रयासों से, वहां इन्वेस्टमेंट के लिए एक शानदार माहौल बना है। नॉर्थ ईस्ट राइजिंग समिट, इसकी सफलता के लिए मेरी तरफ से, भारत सरकार की तरफ से आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

भारत को दुनिया का सबसे Diverse Nation कहा जाता है, और हमारा नॉर्थ ईस्ट, इस Diverse Nation का सबसे Diverse हिस्सा है। ट्रेड से ट्रेडिशन तक, टेक्सटाइल से टूरिज्म तक, Northeast की Diversity, ये उसकी बहुत बड़ी Strength है। नॉर्थ ईस्ट यानि Bio Economy और Bamboo, नॉर्थ ईस्ट यानि टी प्रोडक्शन एंड पेट्रोलियम, नॉर्थ ईस्ट यानि Sports और Skill, नॉर्थ ईस्ट यानि Eco-Tourism का Emerging हब, नॉर्थ ईस्ट यानि Organic Products की नई दुनिया, नॉर्थ ईस्ट यानि एनर्जी का पावर हाउस, इसलिए नॉर्थ ईस्ट हमारे लिए ‘अष्टलक्ष्मी’ हैं। ‘अष्टलक्ष्मी’ के इस आशीर्वाद से नॉर्थ ईस्ट का हर राज्य कह रहा है, हम निवेश के लिए तैयार हैं, हम नेतृत्व के लिए तैयार हैं।

साथियों,

विकसित भारत के निर्माण के लिए पूर्वी भारत का विकसित होना बहुत जरूरी है। और नॉर्थ ईस्ट, पूर्वी भारत का सबसे अहम अंग है। हमारे लिए, EAST का मतलब सिर्फ एक दिशा नहीं है, हमारे लिए EAST का मतलब है – Empower, Act, Strengthen, and Transform. पूर्वी भारत के लिए यही हमारी सरकार की नीति है। यही Policy, यही Priority, आज पूर्वी भारत को, हमारे नॉर्थ ईस्ट को ग्रोथ के सेंटर स्टेज पर लेकर आई है।

साथियों,

पिछले 11 वर्षों में, जो परिवर्तन नॉर्थ ईस्ट में आया है, वो केवल आंकड़ों की बात नहीं है, ये ज़मीन पर महसूस होने वाला बदलाव है। हमने नॉर्थ ईस्ट के साथ केवल योजनाओं के माध्यम से रिश्ता नहीं जोड़ा, हमने दिल से रिश्ता बनाया है। ये आंकड़ा जो मैं बता रहा हूं ना, सुनकर के आश्चर्य होगा, Seven Hundred Time, 700 से ज़्यादा बार हमारे केंद्र सरकार के मंत्री नॉर्थ ईस्ट गए हैं। और मेरा नियम जाकर के आने वाला नहीं था, नाइट स्टे करना कंपलसरी था। उन्होंने उस मिट्टी को महसूस किया, लोगों की आंखों में उम्मीद देखी, और उस भरोसे को विकास की नीति में बदला, हमने इंफ्रास्ट्रक्चर को सिर्फ़ ईंट और सीमेंट से नहीं देखा, हमने उसे इमोशनल कनेक्ट का माध्यम बनाया है। हम लुक ईस्ट से आगे बढ़कर एक्ट ईस्ट के मंत्र पर चले, और इसी का परिणाम आज हम देख रहे हैं। एक समय था, जब Northeast को सिर्फ Frontier Region कहा जाता था। आज ये Growth का Front-Runner बन रहा है।

साथियों,

अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर, टूरिज्म को attractive बनाता है। जहां इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा होता है, वहां Investors को भी एक अलग Confidence आता है। बेहतर रोड्स, अच्छा पावर इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक नेटवर्क, किसी भी इंडस्ट्री की backbone है। Trade भी वहीं Grow करता है, जहाँ Seamless Connectivity हो, यानि बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, हर Development की पहली शर्त है, उसका Foundation है। इसलिए हमने नॉर्थ ईस्ट में Infrastructure Revolution शुरू किया है। लंबे समय तक नॉर्थ ईस्ट अभाव में रहा। लेकिन अब, नॉर्थ ईस्ट Land of Opportunities बन रहा है। हमने नॉर्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर पर लाखों करोड़ रुपए खर्च किए हैं। आप अरुणाचल जाएंगे, तो सेला टनल जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर आपको मिलेगा। आप असम जाएंगे, तो भूपेन हज़ारिका ब्रिज जैसे कई मेगा प्रोजेक्ट्स देखेंगे, सिर्फ एक दशक में नॉर्थ ईस्ट में 11 Thousand किलोमीटर के नए हाईवे बनाए गए हैं। सैकड़ों किलोमीटर की नई रेल लाइनें बिछाई गई हैं, नॉर्थ ईस्ट में एयरपोर्ट्स की संख्या दोगुनी हो चुकी है। ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों पर वॉटरवेज़ बन रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में मोबाइल टावर्स लगाए गए हैं, और इतना ही नहीं, 1600 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का नॉर्थ ईस्ट गैस ग्रिड भी बनाया गया है। ये इंडस्ट्री को ज़रूरी गैस सप्लाई का भरोसा देता है। यानि हाईवेज, रेलवेज, वॉटरवेज, आईवेज, हर प्रकार से नॉर्थ ईस्ट की कनेक्टिविटी सशक्त हो रही है। नॉर्थ ईस्ट में जमीन तैयार हो चुकी है, हमारी इंड़स्ट्रीज को आगे बढ़कर, इस अवसर का पूरा लाभ उठाना चाहिए। आपको First Mover Advantage से चूकना नहीं है।

साथियों,

आने वाले दशक में नॉर्थ ईस्ट का ट्रेड पोटेंशियल कई गुना बढ़ने वाला है। आज भारत और आसियान के बीच का ट्रेड वॉल्यूम लगभग सवा सौ बिलियन डॉलर है। आने वाले वर्षों में ये 200 बिलियन डॉलर को पार कर जाएगा, नॉर्थ ईस्ट इस ट्रेड का एक मजबूत ब्रिज बनेगा, आसियान के लिए ट्रेड का गेटवे बनेगा। और इसके लिए भी हम ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर पर तेज़ी से काम कर रहे हैं। भारत-म्यांमार-थाईलैंड ट्रायलेटरल हाईवे से म्यांमार होते हुए थाईलैंड तक सीधा संपर्क होगा। इससे भारत की कनेक्टिविटी थाईलैंड, वियतनाम, लाओस जैसे देशों से और आसान हो जाएगी। हमारी सरकार, कलादान मल्टीमोडल ट्रांजिट प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने में जुटी है। ये प्रोजेक्ट, कोलकाता पोर्ट को म्यांमार के सित्तवे पोर्ट से जोड़ेगा, और मिज़ोरम होते हुए बाकी नॉर्थ ईस्ट को कनेक्ट करेगा। इससे पश्चिम बंगाल और मिज़ोरम की दूरी बहुत कम हो जाएगी। ये इंडस्ट्री के लिए, ट्रेड के लिए भी बहुत बड़ा वरदान साबित होगा।

साथियों,

आज गुवाहाटी, इम्फाल, अगरतला ऐसे शहरों को Multi-Modal Logistics Hubs के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। मेघालय और मिज़ोरम में Land Custom Stations, अब इंटरनेशनल ट्रेड को नया विस्तार दे रहे हैं। इन सारे प्रयासों से नॉर्थ ईस्ट, इंडो पेसिफिक देशों में ट्रेड का नया नाम बनने जा रहा है। यानि आपके लिए नॉर्थ ईस्ट में संभावनाओं का नया आकाश खुलने जा रहा है।

साथियों,

आज हम भारत को, एक ग्लोबल Health And Wellness Solution Provider के रुप में स्थापित कर रहे हैं। Heal In India, Heal In India का मंत्र, ग्लोबल मंत्र बने, ये हमारा प्रयास है। नॉर्थ ईस्ट में नेचर भी है, और ऑर्गोनिक लाइफस्टाइल के लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन भी है। वहां की बायोडायवर्सिटी, वहां का मौसम, वेलनेस के लिए मेडिसिन की तरह है। इसलिए, Heal In India के मिशन में इन्वेस्ट करने के, मैं समझता हूं उसके लिए आप नॉर्थ ईस्ट को ज़रूर एक्सप्लोर करें।

साथियों,

नॉर्थ ईस्ट के तो कल्चर में ही म्यूज़िक है, डांस है, सेलिब्रेशन है। इसलिए ग्लोबल कॉन्फ्रेंसेस हों, Concerts हों, या फिर Destination Weddings, इसके लिए भी नॉर्थ ईस्ट बेहतरीन जगह है। एक तरह से नॉर्थ ईस्ट, टूरिज्म के लिए एक कंप्लीट पैकेज है। अब नॉर्थ ईस्ट में विकास का लाभ कोने-कोने तक पहुंच रहा है, तो इसका भी पॉजिटिव असर टूरिज्म पर पड़ रहा है। वहां पर्यटकों की संख्या दोगुनी हुई है। और ये सिर्फ़ आंकड़े नहीं हैं, इससे गांव-गांव में होम स्टे बन रहे हैं, गाइड्स के रूप में नौजवानों को नए मौके मिल रहे हैं। टूर एंड ट्रैवल का पूरा इकोसिस्टम डेवलप हो रहा है। अब हमें इसे और ऊंचाई तक ले जाना है। Eco-Tourism में, Cultural-Tourism में, आप सभी के लिए निवेश के बहुत सारे नए मौके हैं।

साथियों,

किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए सबसे जरूरी है- शांति और कानून व्यवस्था। आतंकवाद हो या अशांति फैलाने वाले माओवादी, हमारी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलती है। एक समय था, जब नॉर्थ ईस्ट के साथ बम-बंदूक और ब्लॉकेड का नाम जुड़ा हुआ था, नॉर्थ ईस्ट कहते ही बम-बंदूक और ब्लॉकेड यही याद आता था। इसका बहुत बड़ा नुकसान वहां के युवाओं को उठाना पड़ा। उनके हाथों से अनगिनत मौके निकल गए। हमारा फोकस नॉर्थ ईस्ट के युवाओं के भविष्य पर है। इसलिए हमने एक के बाद एक शांति समझौते किए, युवाओं को विकास की मुख्य धारा में आने का अवसर दिया। पिछले 10-11 साल में, 10 thousand से ज्यादा युवाओं ने हथियार छोड़कर शांति का रास्ता चुना है, 10 हजार नौजवानों ने। आज नॉ़र्थ ईस्ट के युवाओं को अपने ही क्षेत्र में रोजगार के लिए, स्वरोजगार के लिए नए मौके मिल रहे हैं। मुद्रा योजना ने नॉर्थ ईस्ट के लाखों युवाओं को हजारों करोड़ रुपए की मदद दी है। एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स की बढ़ती संख्या, नॉर्थ ईस्ट के युवाओं को स्किल बढ़ाने में मदद कर रही है। आज हमारे नॉर्थ ईस्ट के युवा, अब सिर्फ़ इंटरनेट यूज़र नहीं, डिजिटल इनोवेटर बन रहे हैं। 13 हजार किलोमीटर से ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर, 4जी, 5जी कवरेज, टेक्नोलॉजी में उभरती संभावनाएं, नॉर्थ ईस्ट का युवा अब अपने शहर में ही बड़े-बडे स्टार्टअप्स शुरू कर रहा है। नॉर्थ ईस्ट भारत का डिजिटल गेटवे बन रहा है।

साथियों,

हम सभी जानते हैं कि ग्रोथ के लिए, बेहतर फ्यूचर के लिए स्किल्स कितनी बड़ी requirement होती है। नॉर्थ ईस्ट, इसमें भी आपके लिए एक favourable environment देता है। नॉर्थ ईस्ट में एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट इकोसिस्टम पर केंद्र सरकार बहुत बड़ा निवेश कर रही है। बीते दशक में, Twenty One Thousand करोड़ रुपये से ज्यादा नॉर्थ ईस्ट के एजुकेशन सेक्टर पर इन्वेस्ट किए गए हैं। करीब साढ़े 800 नए स्कूल बनाए गए हैं। नॉर्थ ईस्ट का पहला एम्स बन चुका है। 9 नए मेडिकल कॉलेज बनाए गए हैं। दो नए ट्रिपल आईटी नॉर्थ ईस्ट में बने हैं। मिज़ोरम में Indian Institute of Mass Communication का कैंपस बनाया गया है। करीब 200 नए स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में स्थापित किए गए हैं। देश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी नॉर्थ ईस्ट में बन रही है। खेलो इंडिया प्रोग्राम के तहत नॉर्थ ईस्ट में सैकड़ों करोड़ रुपए के काम हो रहे हैं। 8 खेलो इंडिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, और ढाई सौ से ज्यादा खेलो इंडिया सेंटर अकेले नॉर्थ ईस्ट में बने हैं। यानि हर सेक्टर का बेहतरीन टेलेंट आपको नॉर्थ ईस्ट में उपलब्ध होगा। आप इसका जरूर फायदा उठाएं।

साथियों,

आज दुनिया में ऑर्गेनिक फूड की डिमांड भी बढ़ रही है, हॉलिस्टिक हेल्थ केयर का मिजाज बना है, और मेरा तो सपना है कि दुनिया के हर डाइनिंग टेबल पर कोई न कोई भारतीय फूड ब्रैंड होनी ही चाहिए। इस सपने को पूरा करने में नॉर्थ ईस्ट का रोल बहुत महत्वपूर्ण है। बीते दशक में नॉर्थ ईस्ट में ऑर्गेनिक खेती का दायरा दोगुना हो चुका है। यहां की हमारी टी, पाइन एप्पल, संतरे, नींबू, हल्दी, अदरक, ऐसी अनेक चीजें, इनका स्वाद और क्वालिटी, वाकई अद्भुत है। इनकी डिमांड दुनिया में बढ़ती ही जा रही है। इस डिमांड में भी आपके लिए संभावनाएं हैं।

साथियों,

सरकार का प्रयास है कि नॉर्थ ईस्ट में फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स लगाना आसान हो। बेहतर कनेक्टिविटी तो इसमें मदद कर ही रही है, इसके अलावा हम मेगा फूड पार्क्स बना रहे हैं, कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क को बढ़ा रहे हैं, टेस्टिंग लैब्स की सुविधाएं बना रहे हैं। सरकार ने ऑयल पाम मिशन भी शुरु किया है। पाम ऑयल के लिए नॉर्थ ईस्ट की मिट्टी और क्लाइमेट बहुत ही उत्तम है। ये किसानों के लिए आय का एक बड़ा अच्छा माध्यम है। ये एडिबल ऑयल के इंपोर्ट पर भारत की निर्भरता को भी कम करेगा। पाम ऑयल के लिए फॉर्मिंग हमारी इंडस्ट्री के लिए भी बड़ा अवसर है।

साथियों,

हमारा नॉर्थ ईस्ट, दो और सेक्टर्स के लिए महत्वपूर्ण डेस्टिनेशन बन रहा है। ये सेक्टर हैं- एनर्जी और सेमीकंडक्टर। हाइड्रोपावर हो या फिर सोलर पावर, नॉर्थ ईस्ट के हर राज्य में सरकार बहुत निवेश कर रही है। हज़ारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स स्वीकृत किए जा चुके हैं। आपके सामने प्लांट्स और इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश का अवसर तो है ही, मैन्युफेक्चरिंग का भी सुनहरा मौका है। सोलर मॉड्यूल्स हों, सेल्स हों, स्टोरेज हो, रिसर्च हो, इसमें ज्यादा से ज्यादा निवेश ज़रूरी है। ये हमारा फ्यूचर है, हम फ्यूचर पर जितना निवेश आज करेंगे, उतना ही विदेशों पर निर्भरता कम होगी। आज देश में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को मजबूत करने में भी नॉर्थ ईस्ट, असम की भूमिका बड़ी हो रही है। बहुत जल्द नॉर्थ ईस्ट के सेमीकंडक्टर प्लांट से पहली मेड इन इंडिया चिप देश को मिलने वाली है। इस प्लांट ने, नॉर्थ ईस्ट में सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए, अन्य cutting edge tech के लिए संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं।

साथियों,

राइज़िंग नॉर्थ ईस्ट, सिर्फ़ इन्वेस्टर्स समिट नहीं है, ये एक मूवमेंट है। ये एक कॉल टू एक्शन है, भारत का भविष्य, नॉर्थ ईस्ट के उज्ज्वल भविष्य से ही नई उंचाई पर पहुंचेगा। मुझे आप सभी बिजनेस लीडर्स पर पूरा भरोसा है। आइए, एक साथ मिलकर भारत की अष्टलक्ष्मी को विकसित भारत की प्रेरणा बनाएं। और मुझे पूरा विश्वास है, आज का ये सामूहिक प्रयास और आप सबका इससे जुड़ना, आपका उमंग, आपका कमिटमेंट, आशा को विश्वास में बदल रहा है, और मुझे पक्का विश्वास है कि जब हम सेकेंड राइजिंग समिट करेंगे, तब तक हम बहुत आगे निकल चुके होंगे। बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद !