প্ৰধানমন্ত্ৰী শ্ৰী নৰেন্দ্ৰ মোদীৰ অধ্যক্ষতাত অনুষ্ঠিত কেন্দ্ৰীয় কেবিনেটে আজি ‘২০২৪-২৫ বৰ্ষৰ বিপণন ঋতু’ৰ বাবে সকলো বাধ্যতামূলক খৰিফ শস্যৰ বাবে ‘ন্যূনতম সমৰ্থন মূল্য’ (এমএছপি) বৃদ্ধিৰ প্ৰস্তৱলৈ অনুমোদন জনাইছে।

চৰকাৰে ‘২০২৪-২৫ বৰ্ষৰ বিপণন ঋতু’ৰ বাবে খৰিফ শস্যৰ এমএছপি বৃদ্ধি কৰিছে যাতে উৎপাদকসকলক তেওঁলোকৰ উৎপাদিত সামগ্ৰীৰ বাবে লাভজনক মূল্য নিশ্চিত কৰিব পৰা যায়। তৈলবীজ আৰু মাহজাতীয় শস্য যেনে- ৰামতিল (প্ৰতি কুইন্টালত ৯৮৩/- টকা) আৰু তিল (প্ৰতি কুইন্টালত ৬৩২/- টকা) আৰু মচুৰ/ৰহৰ (প্ৰতি কুইন্টালত ৫৫০/- টকা)আদিৰ দৰে সামগ্ৰীৰ ক্ষেত্ৰত ‘এমএছপি’-ৰ আগৰ বছৰৰ তুলনাত সৰ্বাধিক বৃদ্ধিৰ পৰামৰ্শ দিয়া হৈছে।

 

বিপণন ঋতু ২০২৪-২৫ ৰ বাবে সকলো খৰিফ শস্যৰ ন্যূনতম সমৰ্থন মূল্য

টকা প্ৰতি কুইণ্টল হিচাপত

শস্য

এমএছপি ২০২৪-২৫

ব্যয়* কেএমএছ
২০২৪-২৫

ব্যয়তকৈ লাভৰ ব্যৱধান (%)

এমএছপি ২০২৩-২৪

২০২৩-২৪ তকৈ ২০২৪-২৫ চনত

এমএছপি বৃদ্ধি

 

খাদ্যশস্য

 

 

 

 

 

 

 

ধান

সাধাৰণ

2300

1533

50

2183

117

 

গ্ৰেড এ^

2320

-

-

2203

117

 

জোৱাৰ

হাইব্ৰীড

3371

2247

50

3180

191

 

মালান্দি"

3421

-

-

3225

196

 

বাজ্ৰা

2625

1485

77

2500

125

 

ৰাগী

4290

2860

50

3846

444

 

মাকৈ

2225

1447

54

2090

135

 

মাহ

 

 

 

 

 

 

মচুৰ/ৰহৰ

7550

4761

59

7000

550

 

মগু

8682

5788

50

8558

124

 

Text Box: Page 2 of 5

শস্য

এমএছপি ২০২৪-২৫

ব্যয়* কেএমএছ
২০২৪-২৫

ব্যয়তকৈ লাভৰ ব্যৱধান (%)

এমএছপি ২০২৩-২৪

২০২৩-২৪ তকৈ ২০২৪-২৫ চনত

এমএছপি বৃদ্ধি

 

 

 

 

মাটিমাহ

7400

4883

52

6950

450

তৈলবীজ

 

 

 

 

 

বাদাম

6783

4522

50

6377

406

বেলিফুলৰ গুটি

7280

4853

50

6760

520

চয়াবীন (হালধীয়া)

4892

3261

50

4600

292

তিল

9267

6178

50

8635

632

ৰাম তিল

8717

5811

50

7734

983

বাণিজ্যিক

 

 

 

 

 

কপাহ

(মধ্যমীয়া আঁহ)

7121

4747

50

6620

501

(দীঘল আঁহ)

7521

-

-

7020

501

 

*ব্যয়ৰ অৰ্থ হৈছে সকলো পৰিশোধ কৰা ব্যয় যেনে- মানৱ শ্ৰমিক, গৰুৰ শ্ৰম/যন্ত্ৰৰ শ্ৰম, ভূমিৰ বাবদ দিয়া ভাড়া, বীজ, ৰাসায়নিক সাৰ, পচনসাৰ, জলসিঞ্চনৰ মাচুল, সা-সঁজুলি আৰু খেতিৰ ভৱনৰ মূল্য হ্ৰাস, কাৰ্যকৰী মূলধনৰ ওপৰত সূত, পাম্প ছেট পৰিচালনাৰ বাবে ডিজেল/বিদ্যুৎ আদিৰ খৰছকে ধৰি বিবিধ ব্যয় আৰু পাৰিবাৰিক শ্ৰমৰ মূল্য।

ধান (গ্ৰেড এ), জোৱাৰ (মালদাণ্ডি) আৰু কপাহ (দীঘল আঁহ)ৰ বাবে ব্যয় তথ্য পৃথকে সংকলিত কৰা নহয়

‘বিপণন ঋতু ২০২৪-২৫’ৰ বাবে খৰিফ শস্যৰ ‘এমএছপি’ৰ বৃদ্ধি কেন্দ্ৰীয় বাজেট ২০১৮-১৯ৰ সৈতে সামঞ্জস্যপূৰ্ণ, সৰ্বভাৰতীয় ওজনযুক্ত উৎপাদন ব্যয়ৰ কমেও ১.৫ গুণ স্তৰত ‘এমএছপি’ নিৰ্ধাৰণ কৰাৰ ঘোষণাৰ সৈতে সামঞ্জস্যপূৰ্ণ, বাজ্ৰাৰ ক্ষেত্ৰত কৃষকসকলৰ উৎপাদন ব্যয়তকৈ প্ৰত্যাশিত ব্যৱধান সৰ্বাধিক হ'ব বুলি অনুমান কৰা হৈছে (৭৭%) আৰু তাৰ পিছতে আছে মচুৰ ৫৯%), মাকৈ (৫৪%) আৰু মাটিমাহ (৫২%)। বাকী শস্যৰ বাবে এইবোৰৰ উৎপাদন ব্যয়তকৈ কৃষকসকলক আদায় দিব লগা ব্যৱধান ৫০% হ'ব বুলি অনুমান কৰা হৈছে।

 

শেহতীয়া বছৰবোৰত চৰকাৰে এই শস্যবোৰৰ বাবে অধিক ‘এমএছপি’ প্ৰদান কৰি শস্য যেনে মাহজাতীয় শস্য, আৰু নিউট্ৰি-চিৰিয়েল/ শ্ৰী অন্নৰ বাহিৰেও অন্য শস্যৰ খেতিক উত্সাহিত কৰি আহিছে।

‘খৰিফ বিপণন ঋতু’ৰ অধীনত সামৰা ১৪বিধ শস্যৰ বাবে ২০০৩-০৪ ৰ পৰা ২০১৩-১৪ বৰ্ষলৈ ‘এমএছপি’ৰ ‘ন্যূনতম সম্পূৰ্ণ বৃদ্ধি’ আছিল বাজ্ৰাৰ বাবে প্ৰতি কুইন্টালত ৭৪৫/- টকা আৰু মগুৰ বাবে ‘সৰ্বাধিক সম্পূৰ্ণ বৃদ্ধি’ আছিল ৩,১৩০/- টকা প্ৰতি কুইন্টাল, আনহাতে ২০১৩-১৪ ৰ পৰা ২০২৩-২৪ বৰ্ষলৈ মাকৈৰ বাবে ‘এমএছপি’-ৰ ‘ন্যূনতম সম্পূৰ্ণ বৃদ্ধি’ আছিল ৭৮০/- টকা প্ৰতি কুইন্টাল আৰু ৰাম তিলৰ বাবে সৰ্বাধিক বৃদ্ধি প্ৰতি কুইন্টালত ৪,২৩৪/- টকা। সবিশেষ ‘পৰিশিষ্ট-১’-ত উল্লেখ কৰা হৈছে।

 

২০০৪-০৫ ৰ পৰা ২০১৩-১৪ বৰ্ষলৈ ‘খৰিফ বিপণন ঋতু’ৰ অধীনত সামৰা ১৪ বিধ শস্য ক্ৰয়ৰ পৰিমাণ আছিল ৪,৬৭৫.৯৮ লাখ মেট্ৰিক টন (এলএমটি) আনহাতে ২০১৪-১৫ ৰ পৰা ২০২৩-২৪ বৰ্ষলৈ এই শস্যবোৰৰ ক্ৰয়ৰ পৰিমাণ আছিল ৭,১০৮.৬৫ এলএমটি। বছৰ অনুসৰি বিৱৰণসমূহ ‘পৰিশিষ্ট-২’-ত  উল্লেখ কৰা হৈছে।

 

 

২০২৩-২৪ বৰ্ষৰ উৎপাদনৰ তৃতীয় আগতীয়া প্ৰকলন অনুসৰি দেশত মুঠ খাদ্যশস্য উৎপাদন ৩২৮৮.৬ লাখ মেট্ৰিক টন (এলএমটি) হ’ব বুলি অনুমান কৰা হৈছে, আৰু তৈলবীজৰ উৎপাদন ৩৯৫.৯ এলএমটি স্পৰ্শ কৰিছে। ২০২৩-২৪ বৰ্ষত, চাউল, মাহজাতীয় শস্য, তৈলবীজ আৰু নিউট্ৰি-চিৰিয়েল/শ্ৰী অন্ন আৰু কপাহৰ খৰিফ উৎপাদন ক্ৰমে ১১৪৩.৭ এলএমটি, ৬৮.৬ এলএমটি, ২৪১.২ এলএমটি, ১৩০.৩ এলএমটি আৰু ৩২৫.২ লাখ বেল হ'ব বুলি অনুমান কৰা হৈছে।

 

পৰিশিষ্ট-১ টকা প্ৰতি কুইণ্টল  হিচাপত

শস্য

এমএছপি ২০০৩-০৪

এমএছপি ২০১৩-১৪

এমএছপি ২০২৩-২৪

  • ২০০৩-০৪ তকৈ ২০১৩-১৪ চনত

এমএছপি বৃদ্ধি

.

  • .

২০১৩-১৪ তকৈ ২০২৩-২৪ চনত

এমএছপি বৃদ্ধি

 

খাদ্যশস্য

 

A

B

C

D=B-A

E=C-B

 

ধান

সাধাৰণ

550

1310

2183

760

873

 

গ্ৰেড এ^

580

1345

2203

765

858

 

জোৱাৰ

হাইব্ৰীড

505

1500

3180

995

1680

 

মালদাণ্ডিএ

-

1520

3225

 

1705

 

বাজ্ৰা

505

1250

2500

745

1250

 

ৰাগী

505

1500

3846

995

2346

 

মাকৈ

505

1310

2090

805

780

 

মাহ

 

 

 

 

 

 

মচুৰ /ৰহৰ

1360

4300

7000

2940

2700

 

মগু

1370

4500

8558

3130

4058

 

মাটিমাহ

1370

4300

6950

2930

2650

 

তৈলবীজ

 

 

 

 

 

 

বাদাম

1400

4000

6377

2600

2377

 

বেলিফুলৰ গুটি

1250

3700

6760

2450

3060

 

চয়াবীন (হালধীয়া)

930

2560

4600

1630

2040

 

তিল

1485

4500

8635

3015

4135

 

ৰামতিল

1155

3500

7734

2345

4234

 

 

 

বাণিজ্যিক

 

 

 

 

কপাহ

(মধ্যমীয়া আঁহ)

1725

3700

6620

1975

2920

 

(দীঘ আঁহ)"

1925

4000

7020

2075

3020

 

 

 

 

পৰিশিষ্ট-২

খৰিফ শস্য ২০০৪-০৫ ৰ পৰা ২০১৩-১৪লৈ আৰু ২০১৪-১৫ৰ পৰা ২০২৩-২৪ লৈ ক্ৰয় কৰা পৰিমাণ

লাখ মেট্ৰিক টন হিচাপত

শস্য

২০০৪-০৫ ৰ পৰা ২০১৩-১৪লৈ

২০১৪-১৫ৰ পৰা ২০২৩-২৪ লৈ

 

খাদ্যশস্য

 

A

B

 

ধান

4,590.39

6,914.98

 

জোৱাৰ

1.92

5.64

 

বাজ্ৰা

5.97

14.09

 

ৰাগী

0.92

21.31

 

মাকৈ

36.94

8.20

 

মাহ

 

 

 

মচুৰ /ৰহৰ

0.60

19.55

 

মগু

0.00

1

 

মাটিমাহ

0.86

8.75

 

তৈলবীজ

 

 

 

বাদাম

3.45

32.28

 

বেলিফুলৰ গুটি

0.28

 

 

চয়াবীন (হালধীয়া)

0.01

1.10

 

তিল

0.05

0.03

 

ৰামতিল

0.00

0.00

 

বাণিজ্যিক

 

 

 

কপাহ

34.59

 

63.41

 

মুঠ

4,675.98

7,108.65

 

 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।