QuoteThe TMC-Congress-Left alliance, where TMC is concerned about the nephew, Congress wants to promote the sons and daughters of their royal families: PM Modi
QuoteFirst the left did not listen to you & then the TMC also ignored you. They were busy looting the land of the poor: PM Modi in Siliguri
QuoteWhether it's a farmer, a youth, a woman, or someone from the poor background, they are the strong pillars of a Viksit Bharat: PM Modi
QuotePM Modi says due to the continuous efforts for the poor, in the 10 years of the BJP government, 25 crore people have escaped poverty

भारत माता की।
आमार प्रियो मां, भाई, दादा, दीदी ऐबोन बोनेदेर शादोर नमोशकार जानाई
मेरो प्यारो आमा, बाबा, दाजु, भाई, दीदी, बैनी सबै लाई ढेरों-ढेरों नमस्कार
मोर प्यारा माय-बाप, दादा-भाई, दीदी-बहीन सबकोई के नमस्कार
चाय बगान में काम करने वाले सभी परिवारजनों को भी इस चायवाले का प्रणाम।

मैं जब भी नॉर्थ बंगाल आया हूं, तो आप सभी की तरफ से भरपूर आशीर्वाद मिला है। विशेष रूप से हमारी माताएं-बहनों-बेटियों की तरफ से जो स्नेह मिलता है, वो अद्भुत है। यहां तो जलपाईगुड़ी, कूच-बिहार, अलीपुर-दुआर, उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर और मालदा तक से अनेक साथी यहां आए हैं। अपने परिवार के लोगों के बीच आकर मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। मैं सबसे पहले तो आप सबसे क्षमा चाहता हूं। मुझे आने में थोड़ा विलंब हो गया। आपको इंतजार करना पड़ा। आज सुबह मैं काजीरंगा में था। फिर अरुणाचल गया फिर आसाम में कार्यक्रम किया। फिर यहां आया हूं और यहां से अभी काशी जा रहा हूं। और यहां रास्ते में 12 किलोमीटर का रोड शो जो प्लान किया हुआ नहीं था अचानक। और उनके सम्मान में जरा गाड़ी धीरे चला रहा था। और उसके कारण मुझे यहां पहुंचने में विलंब हुआ। आप सबको दिक्कत हुई, इसके लिए मैं क्षमा मांगता हूं। मैं यहां कई बार आया हूं, इसी मैदान में कई बार आया हूं। लेकिन आज मैं देख रहा हूं उधर रोड भी पूरा भरा पड़ा है। चारों तरफ लोग ही लोग हैं। और जब यहां आते हैं न तो एक प्रकार से मिनी भारत के दर्शन होते हैं। लघु भारत नजर आता है। जितनी विविधता, जितनी वाइब्रेंसी इस क्षेत्र में दिखती है, वैसी कम ही जगह पर नजर आती है।

साथियों,
मैं जिस तरह का जीवन जीकर यहां आया हूं, मैंने देश की अनेकों माताओं को छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए संघर्ष करते हुए देखा है। और इसलिए मैं शौचालय, नल से जल, मुफ्त बिजली कनेक्शन, बैंक का खाता, प्रेगनेंसी के समय आर्थिक मदद, ऐसी हर बात पर ध्यान रखता हूं जोर दे रहा हूं। और मेरी हर माता-बहन का जीवन, हर गरीब परिवार का जीवन सरल हो इसके लिए मैं कोशिश करता हूं। और हमारा ये तो पहाड़ी क्षेत्र है। ये तो हमारे चाय बागानों और चाय श्रमिकों का क्षेत्र है। यहां पानी और लकड़ी का प्रबंध करने में कितनी मुसीबतें हमारी बहनों को झेलनी पड़ती थी, ये समस्याएं सबको दिखती थीं। लेकिन पहले लेफ्ट ने आपकी नहीं सुनी और फिर TMC ने भी आपको नजरअंदाज कर दिया। ये तो गरीबों की जमीन हड़पने में जुटे थे। इसलिए जब आपने मुझे अवसर दिया, तो मैंने यही सुविधाएं, अपने परिवार के आप सभी सदस्यों तक पहुंचाई हैं। अब देखिए, हमने बहनों को उज्जवला के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन दिए। लेकिन यहां की TMC सरकार, 14 लाख से ज्यादा बहनों को उज्जवला के गैस कनेक्शन भी नहीं देने दे रही। बीते कुछ समय में हमने उज्जवला की करोड़ों बहनों के लिए गैस सिलेंडर बहुत सस्ता किया है। कल, महिला दिवस पर बहनों के लिए एक और फैसला हमने लिया है। अब सभी बहनों के लिए गैस सिलेंडर 100 रुपए और सस्ता हो जाएगा।

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साथियों,
जो परिवार का सदस्य होता है, वो आपके सुख-दुख का भी साथी होता है। मैं जानता हूं, कोरोना के दौरान मेरे गरीब परिवार कितनी बड़ी चिंता से घिरे हुए थे। इसलिए मोदी ने देश के अपने परिवारजनों को मुफ्त राशन देने की योजना शुरू की। क्योंकि मेरा मकसद यही थी किसी भी गरीब का बच्चा रात को भूखा सोना नहीं चाहिए। किसी गरीब के घर का चूल्हा बुझना नहीं चाहिए। और अब इस योजना को मुफ्त राशन की योजना को मोदी ने 5 साल के लिए और बढ़ा दिया है। इसका बहुत बड़ा लाभ चाय बागान में काम करने वाले हमारे श्रमिक साथियों को मिलेगा। लेकिन साथियों, TMC-कांग्रेस-लेफ्ट का इंडी गठबंधन आपको मुफ्त राशन देने का भी विरोध कर रहा है। यहां बंगाल में तो भ्रष्ट TMC सरकार, दलित, ओबीसी, आदिवासी, महिला विरोधी TMC सरकार ने तो आपके राशन की योजना में ही घोटाला कर दिया। इनके नेता, इनके मंत्री, राशन घोटाले के मामले में जेल में हैं। मोदी ने अपने गरीब परिवारों को राशन के साथ-साथ मुफ्त इलाज की भी गारंटी दी है। लेकिन भ्रष्ट और गरीब विरोधी TMC सरकार, यहां आयुष्मान योजना लागू ही नहीं कर रही है। TMC सरकार आपको कदम-कदम पर लूट रही है। मोदी मनरेगा की मजदूरी का पैसा दिल्ली से भेजता है। लेकिन यहां की TMC सरकार ने अपने तोलाबाज़ों को फायदा पहुंचाने के लिए यहां 25 लाख फर्ज़ी जॉब कार्ड बनाकर लोगों को दे दिए। मोदी गरीब के घर के लिए पैसा भेजता है, तो TMC सरकार तोलाबाज़ों के चुने लोगों को आपका पैसा दे देती है। TMC को आपकी तकलीफ से, आपकी परेशानियों से कोई कष्ट नहीं होता। संदेशखाली में गरीब, दलित, आदिवासी, बहनों के साथ TMC के नेताओं ने क्या-क्या किया है, इसकी चर्चा आज पूरे देश में हो रही है। महिलाओं पर अत्याचार और गरीब की कमाई को लूटना, यही TMC के तोलाबाज़ों का काम रहा है।

और साथियों,
नॉर्थ बंगाल के साथ तो, TMC, कांग्रेस और लेफ्ट के इंडी-गठबंधन ने बहुत ज्यादा भेदभाव किया है। इन लोगों ने इस क्षेत्र को विकास से तो वंचित रखा ही, समाज के भीतर भी खाई पैदा की। लेकिन भाजपा के लिए...एक-एक गोरखा का उत्साह, एक-एक राजबंशी का साहस, एक-एक आदिवासी की दृढ़ता और बंगालियों की रचनात्मकता यही विकसित बंगाल से विकसित भारत के निर्माण की एक ऊर्जा है। भाजपा, शांति और सौहार्द से हर आकांक्षा, हर सपने को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। तभी तो सैकड़ों सालों के इंतज़ार के बाद, अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ है। जम्मू कश्मीर से आर्टिकल-370 को हटाया गया है। ऐसे अनेक मुद्दे थे, जिनके हल की किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। लेकिन मोदी ने ऐसे हर मुद्दे को हल किया है। हमारे गोरखा भाई-बहनों की जो समस्याएं रही हैं, जो चुनौतियां रही हैं, उनके प्रति भी बीजेपी हमेशा संवेदनशील रही है। बीजेपी ने आपकी चिंताओं को दूर करने का निरंतर प्रयास किया है। अब भी हम समाधान के नजदीक हैं। बीजेपी आपकी अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए अपने प्रयास जारी रखेगी।

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साथियों,
भाजपा के पास, नॉर्थ बंगाल के विकास के लिए एक स्पष्ट रोडमैप है। हम यहां tea, tourism और timber से जुड़े व्यवसाय को बढ़ावा देने में जुटे हैं। इसके लिए यहां जरूरी सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है। कम क्षेत्र में चाय उगाने वाले बंगाल के करीब 40 हजार छोटे Tea Growers का हित भी भाजपा सरकार की प्राथमिकता है। भाजपा ने, NDA ने छोटे Tea Growers को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से जोड़ा। भाजपा ने छोटे Tea Growers को PM फसल बीमा योजना के लाभ से जोड़ा। भाजपा सरकार ने यहां छोटे Tea Growers को सिंचाई की सुविधाओं के लिए आर्थिक मदद दी। चाय बागान में काम करने वाले श्रमिकों का पैसा सीधे उनके खाते में जाए, हमने इस दिशा में भी लगातार काम किया है।

साथियों,
गरीबों के लिए निरंतर काम की वजह से भाजपा सरकार के 10 साल में 25 करोड़ लोग, गरीबी से बाहर निकले हैं। जिनको पहले किसी ने नहीं पूछा, मोदी उनको पूछता है। मोदी हर गरीब के लिए ज्यादा से ज्यादा अवसर बना रहा है। लेकिन ये बात उन परिवारवादियों को बिल्कुल पसंद नहीं आती जो राजनीति में सत्ता पाने के लिए ही आए हैं। इसलिए वो अपने परिवार को सत्ता के शीर्ष पर रखने के लिए साजिशें करते हैं। ये TMC-कांग्रेस-लेफ्ट का इंडी गठबंधन भी तो यही करता है। TMC वालों को भतीजे की चिंता है। कांग्रेस वालों को अपने शाही परिवार के बेटे-बेटी को आगे बढ़ाना है। लेफ्ट वालों को इन दोनों के साथ तालमेल बनाए रखना है, ताकि उसकी भी गाड़ी चलती रहे। इन लोगों को आपके बच्चों की परवाह नहीं है। आपके बच्चों के भविष्य की चिंता करने वाला अगर कोई है तो वो मोदी है, बीजेपी है, NDA का गठबंधन है। इसलिए आज बंगाल का जन-जन कह रहा है, देश का जन-जन कह रहा है, हर परिवार कह रहा है- मैं हूं मोदी का परिवार। मैं हूं …मैं हूं … मैं हूं …मैं हूं …मैं हूं …मुझे किसी के लिए कोई बैंक बैलेंस नहीं छोड़ना है, कोई बंगला-गाड़ी नहीं छोड़नी है। मुझे तो संतोष तभी होता है, जब आप जैसे मेरे परिवार के सदस्यों को मैं पक्के घर में, सारी सहूलियत के साथ जीवन जीते देखता हूं।

साथियों,
भाजपा सरकार, यहां कनेक्टिविटी को आधुनिक बनाने के लिए भी लगातार काम कर रही है। थोड़ी देर पहले ही, यहां रेल, रोड जैसी अनेक परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। सिलीगुड़ी और जलपाईगुड़ी के चौड़े हाईवे और यहां बायपास बनने से आना-जाना और आसान होगा। आज नॉर्थ बंगाल की रेल कनेक्टिविटी बेहतर हो रही है, हर किसी की इच्छा है कि यहां से आधुनिक ट्रेनें चलें। आने वाले 5 वर्षों में यहां की आधुनिक कनेक्टिविटी नई बुलंदी पर पहुंचने वाली है।

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साथियों,
किसानों का कल्याण भी हमारी प्राथमिकता है। दो दिन पहले ही जूट किसानों के लिए केंद्र की भाजपा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जूट का समर्थन मूल्य 285 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है। इससे पश्चिम बंगाल के, नॉर्थ ईस्ट के लाखों जूट किसानों को लाभ होगा। 10 वर्ष पहले जूट का MSP 2400 रुपए था और आज ये 5300 (तिरेपन सौ) रुपए यानि दोगुने से भी अधिक हो चुका है। किसान हो, नौजवान हो, नारीशक्ति हो, गरीब हो, ये विकसित भारत के मज़बूत स्तंभ हैं। इसलिए मोदी की हर गारंटी, इन सभी को सशक्त करने के लिए है। तभी आज देश कह रहा है, गांव-गांव से आवाज उठ रही है, बंगाल के कोने-कोने से आवाज उठ रही है - अबकी बार...400 पार ! अबकी बार...अबकी बार...अबकी बार...अबकी बार...अबकी बार...और आप याद रखिएगा, गरीब विरोधी, दलित, आदिवासी, महिला विरोधी TMC को हटाने का दरवाज़ा, लोकसभा चुनाव से खुलेगा। इसलिए, नॉर्थ बंगाल की सभी लोकसभा सीट, सभी पोलिंग बूथ हरेक जगह पर कमल खिलना चाहिए। खिलेगा न। खिलेगा न।

मेरा एक काम और आपको करना है। आप करेंगे मेरा एक काम। जरा हाथ ऊपर करके बताइए करेंगे। आप घर-घर जाकर कहिएगा- कि मोदी जी आए थे, मोदी जी ने आपको नमस्कार भेजा है ! इतना मेरा काम कर देंगे। देखिए हमारा संकल्प है विकसित भारत। होना चाहिए न। भारत विकसित होना चाहिए न। उसके लिए बंगाल भी विकसित होना चाहिए न। तो विकसित भारत के संकल्प के लिए आप अपना मोबाइल फोन बाहर निकालिए उसकी फ्लैश लाइट चालू कीजिए। और विकसित भारत के संकल्प को आप सब प्रकट कीजिए। आपके मोबाइल पर…जो वहां ऊपर रोड पर खड़े हैं, वो भी निकालें। सबके मोबाइल फोन, फ्लैशलाइट चालू करके, ये विकास का संकल्प है। ये विकसित भारत का संकल्प है। ये विकसित बंगाल का संकल्प है। हम आन बान शान के साथ भारत को विकसित बनाएंगे।

मेरे साथ बोलिए…भारत माता की जय ! भारत माता की जय ! भारत माता की जय !

बहुत-बहुत धन्यवाद।

  • Dheeraj Thakur February 18, 2025

    जय श्री राम।
  • Dheeraj Thakur February 18, 2025

    जय श्री राम
  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम 🚩 वन्दे मातरम् जय भाजपा विजय भाजपा
  • Devendra Kunwar October 08, 2024

    BJP
  • दिग्विजय सिंह राना September 19, 2024

    हर हर महादेव
  • krishangopal sharma Bjp July 10, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏
  • krishangopal sharma Bjp July 10, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏
  • krishangopal sharma Bjp July 10, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏
  • JBL SRIVASTAVA May 27, 2024

    मोदी जी 400 पार
  • Domanlal korsewada May 23, 2024

    BJP
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India is driving global growth today: PM Modi at Republic Plenary Summit
March 06, 2025
QuoteIndia's achievements and successes have sparked a new wave of hope across the globe: PM
QuoteIndia is driving global growth today: PM
QuoteToday's India thinks big, sets ambitious targets and delivers remarkable results: PM
QuoteWe launched the SVAMITVA Scheme to grant property rights to rural households in India: PM
QuoteYouth is the X-Factor of today's India, where X stands for Experimentation, Excellence, and Expansion: PM
QuoteIn the past decade, we have transformed impact-less administration into impactful governance: PM
QuoteEarlier, construction of houses was government-driven, but we have transformed it into an owner-driven approach: PM

नमस्कार!

आप लोग सब थक गए होंगे, अर्णब की ऊंची आवाज से कान तो जरूर थक गए होंगे, बैठिये अर्णब, अभी चुनाव का मौसम नहीं है। सबसे पहले तो मैं रिपब्लिक टीवी को उसके इस अभिनव प्रयोग के लिए बहुत बधाई देता हूं। आप लोग युवाओं को ग्रासरूट लेवल पर इन्वॉल्व करके, इतना बड़ा कंपटीशन कराकर यहां लाए हैं। जब देश का युवा नेशनल डिस्कोर्स में इन्वॉल्व होता है, तो विचारों में नवीनता आती है, वो पूरे वातावरण में एक नई ऊर्जा भर देता है और यही ऊर्जा इस समय हम यहां महसूस भी कर रहे हैं। एक तरह से युवाओं के इन्वॉल्वमेंट से हम हर बंधन को तोड़ पाते हैं, सीमाओं के परे जा पाते हैं, फिर भी कोई भी लक्ष्य ऐसा नहीं रहता, जिसे पाया ना जा सके। कोई मंजिल ऐसी नहीं रहती जिस तक पहुंचा ना जा सके। रिपब्लिक टीवी ने इस समिट के लिए एक नए कॉन्सेप्ट पर काम किया है। मैं इस समिट की सफलता के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, आपका अभिनंदन करता हूं। अच्छा मेरा भी इसमें थोड़ा स्वार्थ है, एक तो मैं पिछले दिनों से लगा हूं, कि मुझे एक लाख नौजवानों को राजनीति में लाना है और वो एक लाख ऐसे, जो उनकी फैमिली में फर्स्ट टाइमर हो, तो एक प्रकार से ऐसे इवेंट मेरा जो यह मेरा मकसद है उसका ग्राउंड बना रहे हैं। दूसरा मेरा व्यक्तिगत लाभ है, व्यक्तिगत लाभ यह है कि 2029 में जो वोट करने जाएंगे उनको पता ही नहीं है कि 2014 के पहले अखबारों की हेडलाइन क्या हुआ करती थी, उसे पता नहीं है, 10-10, 12-12 लाख करोड़ के घोटाले होते थे, उसे पता नहीं है और वो जब 2029 में वोट करने जाएगा, तो उसके सामने कंपैरिजन के लिए कुछ नहीं होगा और इसलिए मुझे उस कसौटी से पार होना है और मुझे पक्का विश्वास है, यह जो ग्राउंड बन रहा है ना, वो उस काम को पक्का कर देगा।

साथियों,

आज पूरी दुनिया कह रही है कि ये भारत की सदी है, ये आपने नहीं सुना है। भारत की उपलब्धियों ने, भारत की सफलताओं ने पूरे विश्व में एक नई उम्मीद जगाई है। जिस भारत के बारे में कहा जाता था, ये खुद भी डूबेगा और हमें भी ले डूबेगा, वो भारत आज दुनिया की ग्रोथ को ड्राइव कर रहा है। मैं भारत के फ्यूचर की दिशा क्या है, ये हमें आज के हमारे काम और सिद्धियों से पता चलता है। आज़ादी के 65 साल बाद भी भारत दुनिया की ग्यारहवें नंबर की इकॉनॉमी था। बीते दशक में हम दुनिया की पांचवें नंबर की इकॉनॉमी बने, और अब उतनी ही तेजी से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं।

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साथियों,

मैं आपको 18 साल पहले की भी बात याद दिलाता हूं। ये 18 साल का खास कारण है, क्योंकि जो लोग 18 साल की उम्र के हुए हैं, जो पहली बार वोटर बन रहे हैं, उनको 18 साल के पहले का पता नहीं है, इसलिए मैंने वो आंकड़ा लिया है। 18 साल पहले यानि 2007 में भारत की annual GDP, एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंची थी। यानि आसान शब्दों में कहें तो ये वो समय था, जब एक साल में भारत में एक लाख करोड़ डॉलर की इकॉनॉमिक एक्टिविटी होती थी। अब आज देखिए क्या हो रहा है? अब एक क्वार्टर में ही लगभग एक लाख करोड़ डॉलर की इकॉनॉमिक एक्टिविटी हो रही है। इसका क्या मतलब हुआ? 18 साल पहले के भारत में साल भर में जितनी इकॉनॉमिक एक्टिविटी हो रही थी, उतनी अब सिर्फ तीन महीने में होने लगी है। ये दिखाता है कि आज का भारत कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है। मैं आपको कुछ उदाहरण दूंगा, जो दिखाते हैं कि बीते एक दशक में कैसे बड़े बदलाव भी आए और नतीजे भी आए। बीते 10 सालों में, हम 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सफल हुए हैं। ये संख्या कई देशों की कुल जनसंख्या से भी ज्यादा है। आप वो दौर भी याद करिए, जब सरकार खुद स्वीकार करती थी, प्रधानमंत्री खुद कहते थे, कि एक रूपया भेजते थे, तो 15 पैसा गरीब तक पहुंचता था, वो 85 पैसा कौन पंजा खा जाता था और एक आज का दौर है। बीते दशक में गरीबों के खाते में, DBT के जरिए, Direct Benefit Transfer, DBT के जरिए 42 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा ट्रांसफर किए गए हैं, 42 लाख करोड़ रुपए। अगर आप वो हिसाब लगा दें, रुपये में से 15 पैसे वाला, तो 42 लाख करोड़ का क्या हिसाब निकलेगा? साथियों, आज दिल्ली से एक रुपया निकलता है, तो 100 पैसे आखिरी जगह तक पहुंचते हैं।

साथियों,

10 साल पहले सोलर एनर्जी के मामले में भारत दुनिया में कहीं गिनती नहीं होती थी। लेकिन आज भारत सोलर एनर्जी कैपेसिटी के मामले में दुनिया के टॉप-5 countries में से है। हमने सोलर एनर्जी कैपेसिटी को 30 गुना बढ़ाया है। Solar module manufacturing में भी 30 गुना वृद्धि हुई है। 10 साल पहले तो हम होली की पिचकारी भी, बच्चों के खिलौने भी विदेशों से मंगाते थे। आज हमारे Toys Exports तीन गुना हो चुके हैं। 10 साल पहले तक हम अपनी सेना के लिए राइफल तक विदेशों से इंपोर्ट करते थे और बीते 10 वर्षों में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट 20 गुना बढ़ गया है।

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साथियों,

इन 10 वर्षों में, हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्टील प्रोड्यूसर हैं, दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरर हैं और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बने हैं। इन्हीं 10 सालों में हमने इंफ्रास्ट्रक्चर पर अपने Capital Expenditure को, पांच गुना बढ़ाया है। देश में एयरपोर्ट्स की संख्या दोगुनी हो गई है। इन दस सालों में ही, देश में ऑपरेशनल एम्स की संख्या तीन गुना हो गई है। और इन्हीं 10 सालों में मेडिकल कॉलेजों और मेडिकल सीट्स की संख्या भी करीब-करीब दोगुनी हो गई है।

साथियों,

आज के भारत का मिजाज़ कुछ और ही है। आज का भारत बड़ा सोचता है, बड़े टार्गेट तय करता है और आज का भारत बड़े नतीजे लाकर के दिखाता है। और ये इसलिए हो रहा है, क्योंकि देश की सोच बदल गई है, भारत बड़ी Aspirations के साथ आगे बढ़ रहा है। पहले हमारी सोच ये बन गई थी, चलता है, होता है, अरे चलने दो यार, जो करेगा करेगा, अपन अपना चला लो। पहले सोच कितनी छोटी हो गई थी, मैं इसका एक उदाहरण देता हूं। एक समय था, अगर कहीं सूखा हो जाए, सूखाग्रस्त इलाका हो, तो लोग उस समय कांग्रेस का शासन हुआ करता था, तो मेमोरेंडम देते थे गांव के लोग और क्या मांग करते थे, कि साहब अकाल होता रहता है, तो इस समय अकाल के समय अकाल के राहत के काम रिलीफ के वर्क शुरू हो जाए, गड्ढे खोदेंगे, मिट्टी उठाएंगे, दूसरे गड्डे में भर देंगे, यही मांग किया करते थे लोग, कोई कहता था क्या मांग करता था, कि साहब मेरे इलाके में एक हैंड पंप लगवा दो ना, पानी के लिए हैंड पंप की मांग करते थे, कभी कभी सांसद क्या मांग करते थे, गैस सिलेंडर इसको जरा जल्दी देना, सांसद ये काम करते थे, उनको 25 कूपन मिला करती थी और उस 25 कूपन को पार्लियामेंट का मेंबर अपने पूरे क्षेत्र में गैस सिलेंडर के लिए oblige करने के लिए उपयोग करता था। एक साल में एक एमपी 25 सिलेंडर और यह सारा 2014 तक था। एमपी क्या मांग करते थे, साहब ये जो ट्रेन जा रही है ना, मेरे इलाके में एक स्टॉपेज दे देना, स्टॉपेज की मांग हो रही थी। यह सारी बातें मैं 2014 के पहले की कर रहा हूं, बहुत पुरानी नहीं कर रहा हूं। कांग्रेस ने देश के लोगों की Aspirations को कुचल दिया था। इसलिए देश के लोगों ने उम्मीद लगानी भी छोड़ दी थी, मान लिया था यार इनसे कुछ होना नहीं है, क्या कर रहा है।। लोग कहते थे कि भई ठीक है तुम इतना ही कर सकते हो तो इतना ही कर दो। और आज आप देखिए, हालात और सोच कितनी तेजी से बदल रही है। अब लोग जानते हैं कि कौन काम कर सकता है, कौन नतीजे ला सकता है, और यह सामान्य नागरिक नहीं, आप सदन के भाषण सुनोगे, तो विपक्ष भी यही भाषण करता है, मोदी जी ये क्यों नहीं कर रहे हो, इसका मतलब उनको लगता है कि यही करेगा।

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साथियों,

आज जो एस्पिरेशन है, उसका प्रतिबिंब उनकी बातों में झलकता है, कहने का तरीका बदल गया , अब लोगों की डिमांड क्या आती है? लोग पहले स्टॉपेज मांगते थे, अब आकर के कहते जी, मेरे यहां भी तो एक वंदे भारत शुरू कर दो। अभी मैं कुछ समय पहले कुवैत गया था, तो मैं वहां लेबर कैंप में नॉर्मली मैं बाहर जाता हूं तो अपने देशवासी जहां काम करते हैं तो उनके पास जाने का प्रयास करता हूं। तो मैं वहां लेबर कॉलोनी में गया था, तो हमारे जो श्रमिक भाई बहन हैं, जो वहां कुवैत में काम करते हैं, उनसे कोई 10 साल से कोई 15 साल से काम, मैं उनसे बात कर रहा था, अब देखिए एक श्रमिक बिहार के गांव का जो 9 साल से कुवैत में काम कर रहा है, बीच-बीच में आता है, मैं जब उससे बातें कर रहा था, तो उसने कहा साहब मुझे एक सवाल पूछना है, मैंने कहा पूछिए, उसने कहा साहब मेरे गांव के पास डिस्ट्रिक्ट हेड क्वार्टर पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बना दीजिए ना, जी मैं इतना प्रसन्न हो गया, कि मेरे देश के बिहार के गांव का श्रमिक जो 9 साल से कुवैत में मजदूरी करता है, वह भी सोचता है, अब मेरे डिस्ट्रिक्ट में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनेगा। ये है, आज भारत के एक सामान्य नागरिक की एस्पिरेशन, जो विकसित भारत के लक्ष्य की ओर पूरे देश को ड्राइव कर रही है।

साथियों,

किसी भी समाज की, राष्ट्र की ताकत तभी बढ़ती है, जब उसके नागरिकों के सामने से बंदिशें हटती हैं, बाधाएं हटती हैं, रुकावटों की दीवारें गिरती है। तभी उस देश के नागरिकों का सामर्थ्य बढ़ता है, आसमान की ऊंचाई भी उनके लिए छोटी पड़ जाती है। इसलिए, हम निरंतर उन रुकावटों को हटा रहे हैं, जो पहले की सरकारों ने नागरिकों के सामने लगा रखी थी। अब मैं उदाहरण देता हूं स्पेस सेक्टर। स्पेस सेक्टर में पहले सबकुछ ISRO के ही जिम्मे था। ISRO ने निश्चित तौर पर शानदार काम किया, लेकिन स्पेस साइंस और आंत्रप्रन्योरशिप को लेकर देश में जो बाकी सामर्थ्य था, उसका उपयोग नहीं हो पा रहा था, सब कुछ इसरो में सिमट गया था। हमने हिम्मत करके स्पेस सेक्टर को युवा इनोवेटर्स के लिए खोल दिया। और जब मैंने निर्णय किया था, किसी अखबार की हेडलाइन नहीं बना था, क्योंकि समझ भी नहीं है। रिपब्लिक टीवी के दर्शकों को जानकर खुशी होगी, कि आज ढाई सौ से ज्यादा स्पेस स्टार्टअप्स देश में बन गए हैं, ये मेरे देश के युवाओं का कमाल है। यही स्टार्टअप्स आज, विक्रम-एस और अग्निबाण जैसे रॉकेट्स बना रहे हैं। ऐसे ही mapping के सेक्टर में हुआ, इतने बंधन थे, आप एक एटलस नहीं बना सकते थे, टेक्नॉलाजी बदल चुकी है। पहले अगर भारत में कोई मैप बनाना होता था, तो उसके लिए सरकारी दरवाजों पर सालों तक आपको चक्कर काटने पड़ते थे। हमने इस बंदिश को भी हटाया। आज Geo-spatial mapping से जुडा डेटा, नए स्टार्टअप्स का रास्ता बना रहा है।

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साथियों,

न्यूक्लियर एनर्जी, न्यूक्लियर एनर्जी से जुड़े सेक्टर को भी पहले सरकारी कंट्रोल में रखा गया था। बंदिशें थीं, बंधन थे, दीवारें खड़ी कर दी गई थीं। अब इस साल के बजट में सरकार ने इसको भी प्राइवेट सेक्टर के लिए ओपन करने की घोषणा की है। और इससे 2047 तक 100 गीगावॉट न्यूक्लियर एनर्जी कैपेसिटी जोड़ने का रास्ता मजबूत हुआ है।

साथियों,

आप हैरान रह जाएंगे, कि हमारे गांवों में 100 लाख करोड़ रुपए, Hundred lakh crore rupees, उससे भी ज्यादा untapped आर्थिक सामर्थ्य पड़ा हुआ है। मैं आपके सामने फिर ये आंकड़ा दोहरा रहा हूं- 100 लाख करोड़ रुपए, ये छोटा आंकड़ा नहीं है, ये आर्थिक सामर्थ्य, गांव में जो घर होते हैं, उनके रूप में उपस्थित है। मैं आपको और आसान तरीके से समझाता हूं। अब जैसे यहां दिल्ली जैसे शहर में आपके घर 50 लाख, एक करोड़, 2 करोड़ के होते हैं, आपकी प्रॉपर्टी की वैल्यू पर आपको बैंक लोन भी मिल जाता है। अगर आपका दिल्ली में घर है, तो आप बैंक से करोड़ों रुपये का लोन ले सकते हैं। अब सवाल यह है, कि घर दिल्ली में थोड़े है, गांव में भी तो घर है, वहां भी तो घरों का मालिक है, वहां ऐसा क्यों नहीं होता? गांवों में घरों पर लोन इसलिए नहीं मिलता, क्योंकि भारत में गांव के घरों के लीगल डॉक्यूमेंट्स नहीं होते थे, प्रॉपर मैपिंग ही नहीं हो पाई थी। इसलिए गांव की इस ताकत का उचित लाभ देश को, देशवासियों को नहीं मिल पाया। और ये सिर्फ भारत की समस्या है ऐसा नहीं है, दुनिया के बड़े-बड़े देशों में लोगों के पास प्रॉपर्टी के राइट्स नहीं हैं। बड़ी-बड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं कहती हैं, कि जो देश अपने यहां लोगों को प्रॉपर्टी राइट्स देता है, वहां की GDP में उछाल आ जाता है।

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साथियों,

भारत में गांव के घरों के प्रॉपर्टी राइट्स देने के लिए हमने एक स्वामित्व स्कीम शुरु की। इसके लिए हम गांव-गांव में ड्रोन से सर्वे करा रहे हैं, गांव के एक-एक घर की मैपिंग करा रहे हैं। आज देशभर में गांव के घरों के प्रॉपर्टी कार्ड लोगों को दिए जा रहे हैं। दो करोड़ से अधिक प्रॉपर्टी कार्ड सरकार ने बांटे हैं और ये काम लगातार चल रहा है। प्रॉपर्टी कार्ड ना होने के कारण पहले गांवों में बहुत सारे विवाद भी होते थे, लोगों को अदालतों के चक्कर लगाने पड़ते थे, ये सब भी अब खत्म हुआ है। इन प्रॉपर्टी कार्ड्स पर अब गांव के लोगों को बैंकों से लोन मिल रहे हैं, इससे गांव के लोग अपना व्यवसाय शुरू कर रहे हैं, स्वरोजगार कर रहे हैं। अभी मैं एक दिन ये स्वामित्व योजना के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंस पर उसके लाभार्थियों से बात कर रहा था, मुझे राजस्थान की एक बहन मिली, उसने कहा कि मैंने मेरा प्रॉपर्टी कार्ड मिलने के बाद मैंने 9 लाख रुपये का लोन लिया गांव में और बोली मैंने बिजनेस शुरू किया और मैं आधा लोन वापस कर चुकी हूं और अब मुझे पूरा लोन वापस करने में समय नहीं लगेगा और मुझे अधिक लोन की संभावना बन गई है कितना कॉन्फिडेंस लेवल है।

साथियों,

ये जितने भी उदाहरण मैंने दिए हैं, इनका सबसे बड़ा बेनिफिशरी मेरे देश का नौजवान है। वो यूथ, जो विकसित भारत का सबसे बड़ा स्टेकहोल्डर है। जो यूथ, आज के भारत का X-Factor है। इस X का अर्थ है, Experimentation Excellence और Expansion, Experimentation यानि हमारे युवाओं ने पुराने तौर तरीकों से आगे बढ़कर नए रास्ते बनाए हैं। Excellence यानी नौजवानों ने Global Benchmark सेट किए हैं। और Expansion यानी इनोवेशन को हमारे य़ुवाओं ने 140 करोड़ देशवासियों के लिए स्केल-अप किया है। हमारा यूथ, देश की बड़ी समस्याओं का समाधान दे सकता है, लेकिन इस सामर्थ्य का सदुपयोग भी पहले नहीं किया गया। हैकाथॉन के ज़रिए युवा, देश की समस्याओं का समाधान भी दे सकते हैं, इसको लेकर पहले सरकारों ने सोचा तक नहीं। आज हम हर वर्ष स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन आयोजित करते हैं। अभी तक 10 लाख युवा इसका हिस्सा बन चुके हैं, सरकार की अनेकों मिनिस्ट्रीज और डिपार्टमेंट ने गवर्नेंस से जुड़े कई प्रॉब्लम और उनके सामने रखें, समस्याएं बताई कि भई बताइये आप खोजिये क्या सॉल्यूशन हो सकता है। हैकाथॉन में हमारे युवाओं ने लगभग ढाई हज़ार सोल्यूशन डेवलप करके देश को दिए हैं। मुझे खुशी है कि आपने भी हैकाथॉन के इस कल्चर को आगे बढ़ाया है। और जिन नौजवानों ने विजय प्राप्त की है, मैं उन नौजवानों को बधाई देता हूं और मुझे खुशी है कि मुझे उन नौजवानों से मिलने का मौका मिला।

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साथियों,

बीते 10 वर्षों में देश ने एक new age governance को फील किया है। बीते दशक में हमने, impact less administration को Impactful Governance में बदला है। आप जब फील्ड में जाते हैं, तो अक्सर लोग कहते हैं, कि हमें फलां सरकारी स्कीम का बेनिफिट पहली बार मिला। ऐसा नहीं है कि वो सरकारी स्कीम्स पहले नहीं थीं। स्कीम्स पहले भी थीं, लेकिन इस लेवल की last mile delivery पहली बार सुनिश्चित हो रही है। आप अक्सर पीएम आवास स्कीम के बेनिफिशरीज़ के इंटरव्यूज़ चलाते हैं। पहले कागज़ पर गरीबों के मकान सेंक्शन होते थे। आज हम जमीन पर गरीबों के घर बनाते हैं। पहले मकान बनाने की पूरी प्रक्रिया, govt driven होती थी। कैसा मकान बनेगा, कौन सा सामान लगेगा, ये सरकार ही तय करती थी। हमने इसको owner driven बनाया। सरकार, लाभार्थी के अकाउंट में पैसा डालती है, बाकी कैसा घर बनेगा, ये लाभार्थी खुद डिसाइड करता है। और घर के डिजाइन के लिए भी हमने देशभर में कंपीटिशन किया, घरों के मॉडल सामने रखे, डिजाइन के लिए भी लोगों को जोड़ा, जनभागीदारी से चीज़ें तय कीं। इससे घरों की क्वालिटी भी अच्छी हुई है और घर तेज़ गति से कंप्लीट भी होने लगे हैं। पहले ईंट-पत्थर जोड़कर आधे-अधूरे मकान बनाकर दिए जाते थे, हमने गरीब को उसके सपनों का घर बनाकर दिया है। इन घरों में नल से जल आता है, उज्ज्वला योजना का गैस कनेक्शन होता है, सौभाग्य योजना का बिजली कनेक्शन होता है, हमने सिर्फ चार दीवारें खड़ी नहीं कीं है, हमने उन घरों में ज़िंदगी खड़ी की है।

साथियों,

किसी भी देश के विकास के लिए बहुत जरूरी पक्ष है उस देश की सुरक्षा, नेशनल सिक्योरिटी। बीते दशक में हमने सिक्योरिटी पर भी बहुत अधिक काम किया है। आप याद करिए, पहले टीवी पर अक्सर, सीरियल बम ब्लास्ट की ब्रेकिंग न्यूज चला करती थी, स्लीपर सेल्स के नेटवर्क पर स्पेशल प्रोग्राम हुआ करते थे। आज ये सब, टीवी स्क्रीन और भारत की ज़मीन दोनों जगह से गायब हो चुका है। वरना पहले आप ट्रेन में जाते थे, हवाई अड्डे पर जाते थे, लावारिस कोई बैग पड़ा है तो छूना मत ऐसी सूचनाएं आती थी, आज वो जो 18-20 साल के नौजवान हैं, उन्होंने वो सूचना सुनी नहीं होगी। आज देश में नक्सलवाद भी अंतिम सांसें गिन रहा है। पहले जहां सौ से अधिक जिले, नक्सलवाद की चपेट में थे, आज ये दो दर्जन से भी कम जिलों में ही सीमित रह गया है। ये तभी संभव हुआ, जब हमने nation first की भावना से काम किया। हमने इन क्षेत्रों में Governance को Grassroot Level तक पहुंचाया। देखते ही देखते इन जिलों मे हज़ारों किलोमीटर लंबी सड़कें बनीं, स्कूल-अस्पताल बने, 4G मोबाइल नेटवर्क पहुंचा और परिणाम आज देश देख रहा है।

साथियों,

सरकार के निर्णायक फैसलों से आज नक्सलवाद जंगल से तो साफ हो रहा है, लेकिन अब वो Urban सेंटर्स में पैर पसार रहा है। Urban नक्सलियों ने अपना जाल इतनी तेज़ी से फैलाया है कि जो राजनीतिक दल, अर्बन नक्सल के विरोधी थे, जिनकी विचारधारा कभी गांधी जी से प्रेरित थी, जो भारत की ज़ड़ों से जुड़ी थी, ऐसे राजनीतिक दलों में आज Urban नक्सल पैठ जमा चुके हैं। आज वहां Urban नक्सलियों की आवाज, उनकी ही भाषा सुनाई देती है। इसी से हम समझ सकते हैं कि इनकी जड़ें कितनी गहरी हैं। हमें याद रखना है कि Urban नक्सली, भारत के विकास और हमारी विरासत, इन दोनों के घोर विरोधी हैं। वैसे अर्नब ने भी Urban नक्सलियों को एक्सपोज करने का जिम्मा उठाया हुआ है। विकसित भारत के लिए विकास भी ज़रूरी है और विरासत को मज़बूत करना भी आवश्यक है। और इसलिए हमें Urban नक्सलियों से सावधान रहना है।

साथियों,

आज का भारत, हर चुनौती से टकराते हुए नई ऊंचाइयों को छू रहा है। मुझे भरोसा है कि रिपब्लिक टीवी नेटवर्क के आप सभी लोग हमेशा नेशन फर्स्ट के भाव से पत्रकारिता को नया आयाम देते रहेंगे। आप विकसित भारत की एस्पिरेशन को अपनी पत्रकारिता से catalyse करते रहें, इसी विश्वास के साथ, आप सभी का बहुत-बहुत आभार, बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद!