Many people want India and its government to remain weak so that they can take advantage of it: PM Modi targets opposition in Ballari
Congress rejected the Ram temple inauguration invitation, now the country will reject those who turned down the Ram temple invitation: PM

भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की।

बेल्लारी कोप्पल सोदारा सोदारियारिगे नन्ना नमस्कारगलु। मैं आंजनेयाद्रि तीर्थ, श्री विरुपाक्ष मंदिर और श्री विजय विट्ठल देवस्थान को श्रद्धापूर्वक प्रणाम करता हूं।

साथियों,

बेल्लारी की ये धरती विजयनगर साम्राज्य की समृद्धि की गवाह है। इसलिए, यहां के लोग ‘विकसित भारत, विकसित कर्नाटका’ के संकल्प के साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं। इस चुनाव में मुझे देश के अनेक स्थानों पर जाने का मुझे अवसर मिला है। अभूतपूर्व जनसमर्थन, अभूतपूर्व आशीर्वाद। और जहां भी गया हूं चारों तरफ आत्मविश्वास के साथ, पूरे संकल्प के साथ, देश की जनता ने हमें आशीर्वाद देना तय कर दिया है। और पूरा देश एक स्वर से कह रहा है - ‘फिर एक बार, मोदी सरकार’। ‘फिर एक बार, मोदी सरकार’। ‘फिर एक बार, मोदी सरकार’।

भाइयों और बहनों,

आज जब भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है, तो कुछ देशों को, कुछ संस्थाओं को ये पसंद नहीं आता है। बहुत से लोग हैं वो यही चाहते हैं कि भारत कमजोर हो, सरकार कमजोर हो। तो फिर उनको जो फायदा उठाना है, बड़ी आसानी से उठा सकते हैं। ऐसी कमजोर सरकार में ये लोग अपने हिसाब से जो भी काम निकलवाना होता है, बेधड़क, बिना झिझक निकाल देते हैं। और कांग्रेस को भी इससे करप्शन की खुली छूट रहती थी। इसलिए तुम भी कमाओ, मैं भी कमाऊं, तुम भी मालामाल, हम भी मालामाल, यही खेल उनका चलता रहता था। लेकिन भाजपा की मजबूत सरकार उनके लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गई है। उनकी चिंता ये है कि ये ऐसी सरकार है जो झुकती नहीं है, ऐसी सरकार है जिसको कोई ताकत झुका नहीं सकती है। और आप में से जो लोग दिल्ली की लुटियन की दुनिया से परिचित हों, उनको पता होगा कि 2014 के पहले दिल्ली की राजनीति के गलियारों में दलालों का जोर रहता था। होटलों के कमरे सालों साल तक दलालों के नाम पर बुक रहते थे। और दलाली से ही दिल्ली में सारे काम करवा लिए जाते थे। ये 2014 से जब से आपने मुझे बिठाया है ये सारे गलियारों में भी स्वच्छता अभियान हो गया है। ये सारे दलाल दिल्ली छोड़कर राज्यों में दुकानें खोज रहे हैं। मैं कांग्रेस और उसके साथियों को साफ-साफ कहना चाहता हूं आप लोग चाहे जितना जोर लगा लीजिए। भारत विकसित होके रहेगा। हमारा कर्नाटका विकसित होकर रहेगा। ये कांग्रेस की तिकड़मबाजी नहीं चलेगी।   

साथियों,

कल्याण कर्नाटका के विकास को बीजेपी अपनी ज़िम्मेदारी मानती है। केंद्र सरकार ने 10 वर्षों में इस क्षेत्र के विकास के लिए thousands of crores की योजनाओं को लागू किया है। बीदर-कलबुर्गी-बीजापुर रोड हो, बेलगावी-हुन्गुन्द-रायचूर एक्सप्रेसवे हो, मुनिराबाद-गिणिगेरा-रायचुर और गदवाल-रायचुर रेलवे लाइन हो,या गदाग-वड़ी रेलवे लाइन हो, आज आधुनिक इनफ्रास्ट्रक्चर से इस क्षेत्र की तस्वीर बदल रही है।

साथियों,

कनेक्टिविटी और आधुनिक इनफ्रास्ट्रक्चर ने “कल्याण कर्नाटका” के लिए भविष्य की मजबूत नींव तैयार की है। हमारे बेल्लारी में जींस इंडस्ट्री, स्टील इंडस्ट्री और एग्रिकल्चर से जुड़ी तमाम संभावनाएं मौजूद हैं। इनके विस्तार से युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे। हमारी सरकार PLI स्कीम्स और पीएम मित्र पार्क के जरिए टेक्सटाइल सेक्टर को भी बढ़ावा दे रही है। पीएम मित्र पार्क स्कीम में Thousands of crore Rupees के निवेश का अनुमान है। इससे अनेकों नए रोजगार का सृजन होगा। हमारा प्रयास है कि बेल्लारी की जींस ‘मेड इन इंडिया’ की पहचान बनें। PLI स्कीम से यहां के स्टील उद्योग को भी मजबूती मिली है।

साथियों, 

बीजेपी के प्रयासों से कोप्पल का Toy Cluster भी अब दुनिया में छाने जा रहा है। कोप्पल की Toy इंडस्ट्री में हजारों करोड़ रुपए का निवेश हो रहा है, जिससे यहां रोजगार के अनेक नए मौके बन रहे हैं। आप हैरान हो जाएंगे, भारत जैसा देश, हमारे यहां हस्तशिल्प में लोग माहिर, हमारे खिलौने, हमारी बहुत बड़ी विरासत। लेकिन भारत लाखों-करोड़ों रुपये Toy इंपोर्ट करता था। और जब मैंने...खिलौने अब इंपोर्ट नहीं होंगे, अब हिंदुस्तान के खिलौने दुनिया में जाएंगे...इसके बाद एक के बाद कदम उठाए। तो ये कांग्रेस वाले मेरा मजाक उड़़ाते थे कि देश का इतना बड़ा प्रधानमंत्री ये खिलौने-खिलौने करता रहता है। लेकिन आज दुनिया में भारत के खिलौने एक्सपोर्ट होना शुरू हो गया है। और जो इंपोर्ट हो रहा था, उसमें बड़ी तेजी से गिरावट आ रही है। बीजेपी का Vocal for Local मंत्र, यहां के खिलौनों के लिए नया मार्केट बन रहा है।

साथियों,

बीजेपी ने कर्नाटका में विकास की फसल लगाई, कांग्रेस उसे तबाह करने के लिए काम कर रही है। कांग्रेस का एजेंडा है खुद कोई काम करना नहीं और बीजेपी ने जो काम किया है, उसको अटका देना। हमने कर्नाटका में इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने के लिए काम किया। लेकिन, कांग्रेस ने आते ही राज्य में बिजली का संकट पैदा कर दिया था। आप भी जानते हैं कि बिजली नहीं होगी, तो इंडस्ट्री अपने आप ठप्प हो जाएगी। इस संकट का बुरा प्रभाव कर्नाटका की इंडस्ट्रीज पर पड़ा।

साथियों, 

यहां कर्नाटका में एक तरफ किसान पानी की किल्लत से परेशान है, दूसरी तरफ कांग्रेस ने किसानों के हक का पैसा भी मार लिया है। जब कर्नाटका में बीजेपी की सरकार थी, तो वो किसान सम्मान निधि के साथ किसानों को Four Thousand Rupees कर्नाटका सरकार की तरफ से Extra मिलते थे। लेकिन कांग्रेस की सरकार आने के बाद किसानों को मिलने वाली ये मदद बंद कर दी गई।

साथियों,

कर्नाटका कांग्रेस सरकार ने अपीजमेंट पॉलिटिक्स के आगे घुटने टेक दिए हैं। यहां ऐसे माइंडसेट को बढ़ावा दिया जा रहा है, जो कर्नाटका के लिए, देश के लिए खतरनाक हैं। क्राइम को, टैरर को, वोटबैंक की नज़र से नहीं देखा जाना चाहिए। लेकिन कांग्रेस वोटबैंक के अपनी सोच से बाहर निकलने के लिए कुछ भी सीखने के लिए तैयार नहीं है। अब PFI पूरा देश जानता है, बच्चा-बच्चा जानता है, खतरनाक संगठन है। इस संगठन ने देश को तबाह करने की बहुत बड़ी साजिश रची हुई है। और उसके एक-एक कारनामे जब सरकार के सामने आए तो हमने हिम्मत के साथ फैसला कर लिया जो भी होगा मुकाबला कर लेंगे लेकिन PFI को हिंदुस्तान में पनपने नहीं देंगे। PFI को अपनी मनमानी नहीं करने देंगे। PFI को निर्दोषों का कत्ल नहीं करने देंगे। PFI को लोगों को शस्त्रों की ट्रेनिंग नहीं देने देंगे। इसके लिए मोदी सरकार ने बहुत बड़ी हिम्मत करके PFI पर प्रतिबंध बना दिया। PFI के जो बड़े-बड़े तीसमारखां थे वो आज जेलों में सड़ रहे हैं। लेकिन दुर्भाग्य देखिए, देश के लिए इतनी खतरनाक PFI, वो आज कांग्रेस के लिए लाइफलाइन बन गई है। कांग्रेस उनके प्रति हमदर्दी रखकर उनके लोगों से लाभ उठाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस के ऐसे रवैये के कारण, बैंगलुरु के कैफे में बम ब्लास्ट करने की हिम्मत हुई। सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि कांग्रेस के राज में हमारी बेटियां भी सुरक्षित नहीं हैं। हुबली के कॉलेज में सरेआम एक नौजवान बेटी को चाकू से वार कर मौत के घाट उतार दिया गया। लेकिन कांग्रेस पार्टी इस प्रकार की प्रवृत्ति करने वालों के लिए, डर का नामोनिशान नहीं रहा है। उल्टा जिनकी बेटी मारी गई, वो परिवार चिंता में जी रहा है। और ये कांग्रेस की नीतियों का परिणाम है। जब कैफे ब्लास्ट हुआ तो उन्होंने पहला क्या बयान दिया ये तो सिलेंडर फटा है। अब ये सिलेंडर फटा है कि इनका दिमाग फटा है। बाद में क्या बयान दिया, कि नहीं सिलेंडर तो नहीं फटा, ये बिजनेस राइवलरी थी यानि दूसरे बिजनेस वाले ने कंपीटीशिन में किया है। और जब एनआईए के पास मामला आया और जब जांच शुरू हुई तो इसके पीछे खतरनाक साजिश ध्यान में आई, बंगाल में जाकर लोग पकड़े गए। क्या मेरे भाईयों-बहनों क्या कर्नाटका को बम-बंदूक के साये में जीने के लिए मजबूर करना हमें मंजूर है क्या। ये बम धमाके हमें मंजूर है क्या। और सोई हुई सरकार हमें मंजूर है क्या। क्या निर्दोषों को मरने देंगे क्या। नेहा को, उस बेटी का क्या गुनाह था, उसके पिता तो कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं। साथियों, ऐसी सरकार, वोटबैंक की भूखी सरकार आपकी रक्षा नहीं कर सकती है। साथियों, मैं आपसे कुछ मांगने आया हूं। मेरे लिए नहीं, देश की नेहा जैसी करोड़ों बेटियों की रक्षा के लिए आया हूं। मैं आपसे आशीर्वाद मांगने आया हूं, सत्ता में बैठकर मौज करने के लिए नहीं, ये बम धमाकों की सोच वाले लोगों का दिमाग ठिकाने लगाने के लिए मांगने आया हूं। 2014 के पहले का समय याद कीजिए, आए दिन बम धमाके होते थे कि नहीं होते थे। बेंगलुरू, मेंगलुरू और कोयंबटूर में बम धामके होते थे कि नहीं होते थे। अयोध्या में, दिल्ली में बम बम धामके होते थे कि नहीं होते थे। 2014 के बाद ये बंद हुआ कि नहीं हुआ। 

भाइयों-बहनों, 

अगर देश की जनता की सुरक्षा कि जिम्मेवारी आपके जेहन में है, तो अच्छे-अच्छे बम-बंदूक भी ठिकाने लग जाते हैं और आज लग गए हैं। और मेरे साथियों, ये मोदी है, जो लोग, जो पड़ोस में से आतंकवाद एक्सपोर्ट करते थे, आज वो आटा इंपोर्ट करने के लिए लाले पड़ रहे हैं। एक जमाना था ये आतंकवादी आकरके हमारे वीर जवानों के सर काटकर ले जाते थे। और आज ये मोदी है, घर में घुस करके मारता है। साथियों, मैं आपसे सवाल पूछना चाहता हूं, ये बम-धमाके वालों के बुरे दिन आए, किसके कारण। ये बम-धमाके बंद हुए किसके कारण। ये आतंकवादी कांपने लगे, किसके कारण। ये आतंकवादी भागने लगे किसके कारण। आपका जवाब गलत है। ये मोदी के कारण नहीं। ये जो परिवर्तन आया है वो आपके वोट की ताकत से आया है। अगर आपका वोट न होता, अगर आपके आशीर्वाद न होते, दिल्ली में मजबूत सरकार न होती तो आज भी बम-धमाके होते रहते। निर्दोष लोग मरते रहते। भाइयों-बहनों मेरे लिए 140 करोड़ देशवासी ये मेरा परिवार है। मैं बिना रुके-बिना थके दिन-रात दौड़ता हूं सिर्फ और सिर्फ 140 करोड़ मेरे परिवारजनों के लिए। अगर नाम कमाना हो तो मोदी प्रधानमंत्री एक बार बन चुका। इतिहास में नाम दर्ज हो चुका। और कोई भी होता प्रधानमंत्री पद की मौज लेता होगा। लेकिन ये मजदूर मोदी है, कामदार मोदी है। जीवन की आखिरी सांस तक सिर्फ और सिर्फ आपके लिए जिउंगा। साथियों, ये आपका जो प्यार है न, आपका जो ये आशीर्वाद है, इससे बड़ा जीवन का भाग्य क्या हो सकता है। ये पद और प्रतिष्ठा इस प्यार के आगे कुछ नहीं है।    

साथियों,

अभी कुछ समय पहले ही अयोध्या में 500 साल के बाद, 500 साल में कितनी पीढ़ियां बीत गईं। 500 साल में लाखों लोग प्रभु श्री राम के मंदिर के लिए शहीद हो गए। मेरे और आपके पूर्वजों ने प्रभु राम मंदिर का सम्मान वापस लौटाने के लिए शहादत मोल ली। आप मुझे बताइए बहनों-भाइयों, 15 अगस्त देश आजाद होने के दूसरे दिन प्रभु राम का मंदिर बनना चाहिए था कि नहीं बनना चाहिए था। क्या प्रभु राम का इतना हक था कि नहीं थी। गुलामी की जंजीरें टूटी लेकिन हमारे राम लला को घर नहीं मिला। अदालतों में जंग चलते रहे। आप मुझे बताइए 500 साल के बाद जो सपना हमारे पूर्वजों ने संजोया था। जो सपना आपने संजोया था। वो सपना आपकी आंखों के सामने पूरा हुआ कि नहीं हुआ। आपकी इच्छा पूरी हुई कि नहीं हुई। आपको गर्व हुआ कि नहीं हुआ। क्यों, किसके कारण, किसके कारण। फिर कहता हूं ये मोदी के कारण नहीं, आपके एक वोट के कारण हुआ है क्योंकि आपने ...आपके मन में...जो भी अभी राम मंदिर दर्शन करने नहीं गए, आपके मन में इच्छा है कि नहीं, राम मंदिर दर्शन करने की? जरा हाथ ऊपर करो, इच्छा है कि नहीं है। सबकी इच्छा है न। आपके मन में होता है न कि माता-पिता लेकर राम मंदिर के दर्शन करने जाएंगे। आप उसको अपना सौभाग्य मानते हैं न। आप इसको अपना गर्व मानते हैं न। लेकिन देखिए, जब प्रभु राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी। और राम मंदिर ट्रस्ट वाले कांग्रेस के नेताओं के घर गए। ये इंडी अलायंस के लोगों के घर गए। उनके जाकरके निमंत्रण दिया प्रभु श्री राम लला के प्राण-प्रतिष्ठा का शुभ अवसर है। आप आइए, इन्होंने क्या किया। राम लला के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के इस पवित्र कार्यक्रम का पवित्र निमंत्रण इन्होंने ठुकरा दिया। आप मुझे बताइए, जिन्होंने राम लला के निमंत्रण को ठुकरा दिया, उनको आप ठुकराएंगे की नहीं ठुकराएंगे। ठुकराना चाहिए कि नहीं ठुकराना चाहिए। भाइयों-बहनों, ये प्रभु राम का तो अपमान है ही है, 500 साल के संघर्ष का अपमान है। 500 साल की लक्षावधि लोगों की शहादत का अपमान है। ये कांग्रेस वालों को ये हनुमान जी की धरती कभी माफ कर सकती है क्या? 

साथियों,

आप मुझे बताइए, कोई डरपोक नेता, इतने बड़े देश को चला सकता है क्या? देश चलाने के लिए मजबूत नेता चाहिए कि नहीं चाहिए। ये कैसे लोग हैं, उनको को लगता था कि राम मंदिर बनेगा, देश में आग लग जाएगी। मुझे बताइए, कहीं आग लगी क्या? आग नहीं लगी, उनलोगों को मिर्ची लगी। 370... ये लोग...370 ये ऐसी जादुई चिराग है, जैसे बड़े सोने डिब्बे में रोज पूजा-पाठ में रखे हुए बैठे थे। और देश को डरा रहे थे, 370 को हाथ लगाया तो देश टूट जाएगा। खून की नदियां बहेगी। 370 हटा कि नहीं हटा। कश्मीर में शान से तिरंगा फहर रहा है कि नहीं फहर रहा है। साथियों, मुझे याद है, मैं 91-92 में कन्याकुमारी से तिरंगा झंडा लेकर के निकला था। श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा झंडा फहराना था। उस समय श्रीनगर के लाल चौक में तिरंगे झंडे को जलाया जाता था। तिरंगे झंडे को जूतों तले रौंदा जाता था। और मुझे याद है, यहां रायचूर के लोग होंगे तो उनको मैं बताना चाहता हूं। ये करीब 30-35 साल पहले की बात है। हम जब यात्रा लेकर के चले, तो हम रायचूर जब पहुंचे तो रात के 3 बज गए थे। रात के तीन बजे चर्चा कर रहे थे कि भई रात को तीन बज गए हैं, रायचूर में कौन होगा। अब जाकर के हम सो जाएंगे। लेकिन हम हैरान थे, रात को तीन बजे पूरा रायचूर सड़कों पर था। और मैंने आज से 35 साल पहले, रायचूर के लोगों का जो प्यार देखा था न, जो उत्साह देखा था। जो ताकत मिली थी, जब प्रधानमंत्री बना तो 370 हटा के रहा। और आज दुनियाभर के लोग कश्मीर जा रहे हैं। हिस्ट्री में इतने टूरिस्ट नहीं गए थे, जितने आज जा रहे हैं। और ये कांग्रेस वाले संविधान के नाम पर रोटियां सेंकने निकले हैं। SC, ST के नाम पर रोटियां सेंकने निकले हैं।  इन्होंने बाबा साहब अंबेडकर के संविधान को कश्मीर की धरती पर लागू नहीं होने दिया था। कश्मीर का संविधान अलग था। बाबा साहब अंबेडकर का इससे बड़ा अपमान और क्या हो सकता है। भारत के संविधान का इससे बड़ा अपमान और क्या हो सकता है। SC, ST कम्युनिटी को जम्मू-कश्मीर में आरक्षण 70 साल तक नहीं मिला। 370 ने अटका के रखा था। संविधान वहां घुस नहीं सकता था। ये बाबा साहब अंबेडकर को मैंने श्रद्धांजलि दी है। मैंने संविधान का सम्मान किया है और 370 हटा करके जम्मू-कश्मीर के दलितों को आरक्षण का अधिकार दिया है। 

साथियों,

कांग्रेस हमेशा से SC, ST, OBC और महिला विरोधी रही है। बीजेपी ने देश में पहली बार एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति पद के लिए आगे बढ़ाया। लेकिन महिला आदिवासी को चुनाव हराने के लिए पूरा इंडी अलायंस एकजुट हो गया था, पूरी ताकत लगा दी। इसके पहले कांग्रेस ने श्री रामनाथ कोविन्द जी के रूप में एक दलित राष्ट्रपति का भी विरोध किया था। कांग्रेस को देश के संविधान की परवाह नहीं है। कांग्रेस सरकार ने बाबा साहब अंबेडकर के संविधान के खिलाफ जाकर, OBC आरक्षण में सेंधमारी की है। कांग्रेस ने OBC आरक्षण को धर्म के नाम पर बांट दिया है। अब यही आरक्षण-विरोधी एजेंडा ये पूरे देश में लागू करना चाहते हैं।

साथियों,

कांग्रेस का भ्रष्टाचारी पंजा अब आपकी संपत्ति हड़पना चाहता है। ये मैं आपको चौंकाने वाली खबर देना चाहता हूं, ध्यान से सुनोगे। ये बहुत बड़े खतरे की घंटी है। अब कांग्रेस के फिलासफर गाइड ने अमेरिका से घोषणा की है, 2011-12 में उनके फाइनेंस मिनिस्टर ने इच्छा जाहिर की थी। और कांग्रेस के मेनिफेस्टो में लिखा है, कि वो देश की जो भी लोगों की संपत्ति है, उसका हिसाब-किताब करेंगे, एक्स-रे करेंगे। आपके लॉकर में क्या पड़ा है। गहने कितने हैं, सोना कितना है, हिसाब लगाएंगे, और फिर एक कानून लाने वाले हैं, आप मुझे बताइए हमारे देश में, हमलोग जो हैं, कोई भी मां-बाप होंगे, वो मेहनत करके कुछ न कुछ बचाते हैं कि नहीं बचाते हैं। जो भी उनकी ताकत होगी, कुछ न कुछ बचाते हैं कि नहीं बचाते। और उनके मन में क्या रहता है, उनके मन में रहता है कि मरने के बाद ये बच्चों के काम आएगा। ऐसा होता है कि नहीं होता है। वो अपने संतानों को देकर जाना चाहते हैं न। अब ये कांग्रेस की नजर उस पर है। आपने मेहनत करके जो कमाया, घर बनाया, गाड़ी ली, कुछ सोना लाकर के रखा, कुछ एफडी बनाकर रखी, पाई-पाई बचाकर कुछ इकट्ठा किया...क्यों, क्योंकि मरने के बाद बच्चों को तकलीफ न हो। अब कांग्रेस आपके मरने के बाद आपकी संपत्ति आपको अपने बच्चों को नहीं देने देगी। कांग्रेस ने इनहेरिटेन्स टैक्स की बात कही है। मतलब आपके पास जो है, उसमें से आधे से ज्यादा 55 परसेंट ये कांग्रेस की गठबंधन की सरकार दिल्ली में बैठेगी, तो वो उसको हड़प कर लेगी और लेकर के अपने वोट बैंक के लोगों को बांट देगी। आप बताइए, आपने जो अपने बच्चों के लिए इकट्ठा किया है। वो सरकार को हड़पने देंगे क्या? लेने देंगे क्या। ये आपकी संपत्ति आपके पास रहनी चाहिए कि नहीं रहनी चाहिए। मुझे बताइए, ये आपकी रक्षा कौन करेगा। ये आपकी लूट को कौन बचाएगा। मैं आपको गारंटी देता हूं, ये मोदी बचाएगा। और इसीलिए मोदी अपने लिए नहीं आपके लिए आपसे आशीर्वाद मांगने आया है। ये भ्रष्टाचारी देश के संसाधनों के बाद अब देशवासियों की पर्सनल प्रॉपर्टी तक हड़पना चाहते हैं। 

साथियों,

बेल्लारी और बीजेपी का तो विकास और विश्वास का रिश्ता है। बेल्लारी ने बीजेपी का विकास भी देखा है, विश्वास भी देखा है, और कांग्रेस का विश्वासघात भी देखा है। हम सबकी लोकप्रिय नेता स्वर्गीय सुषमा स्वराज ने यहां से चुनाव लड़ा था। उन्होंने बेल्लारी से कांग्रेस के परिवारवाद को चुनौती दी थी। हार के बावजूद सुषमा जी ने बेल्लारी से हमेशा नाता जोड़कर रखा। बेल्लारी के सुख-दुख के साथ वो हमेशा जुड़ी रही। बहन सुषमा जी बाद में भी बेल्लारी आती थीं, यहां के लोगों से मिलती थीं। लेकिन, कांग्रेस की मुखिया मैडम, जिन्हें बेल्लारी ने चुनाव जितवाया, उन्होंने कभी बेल्लारी की परवाह नहीं की, आपके साथ धोखा किया, दगा किया। अब तो हाल ये है कांग्रेस के नेताओं का...मैंने पार्लियामेंट में कहा था इस चुनाव में ये कांग्रेस नेता चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं करेंगे। तब ये हंस रहे थे। मैंने कहा था, आपके बड़े-बड़े नेता लोकसभा चुनाव से भाग जाएंगे और राज्यसभा में घुस जाएंगे, और ऐसा ही हुआ। जिस सीट पर ये लोग अपना खानदानी हक समझते थे, उसे भी छोड़कर भागना पड़ा इन्हें। साथियों, झूठ बोलना, अफवाह फैलाना और धोखा देना, ये कांग्रेस का ट्रैक रेकॉर्ड रहा है। कांग्रेस की फ़र्स्ट फैमिली कई पीढ़ियों से गरीबी हटाओ का नारा देती आई है। आज भी कांग्रेस के शहजादे वही नारा देते घूमते-फिरते हैं। इसी तरह कांग्रेस ने शहजादे ने बेल्लारी की जींस इंडस्ट्री को सरकार बनने के 1 महीने के भीतर पैकेज देने का वादा किया था। वादा किया था कि नहीं किया था। अभी फिर से शहजादे यहां आए, फिर से वही झूठा वादा दोहराकर चले गए!

साथियों,

7 मई को आपका एक-एक वोट कांग्रेस के गलत मंसूबों को कामयाब होने से रोकेगा। अब जेडीएस भी हमारे साथ है, और हमारा अलायंस किसानों और युवाओं के लिए काम करेगा। आपका वोट भारत के विकास अभियान को ताकत देगा। यहां बेल्लारी से मेरे बहुत पुराने साथी बी श्रीरामुलु जी और कोप्पल से बसवराज क्यावातर को विजयी बनाएं। और आप जब कमल के निशान पर बटन दबाएंगे न, तो आपका वोट सीधा-सीधा मोदी को जाएगा। मोदी को मजबूती मिलेगी। और मोदी का मजबूत होना मतलब आपके सपनों को साकार करना। मोदी का मजबूत होना मतलब...मेरा भारत मेरा परिवार। मेरा अनुरोध है, आप इन्हें बड़ी जीत दिलाने के लिए, गर्मी कितनी ही क्यों न हो, अधिक से अधिक संख्या में मतदान करें। करेंगे, मतदान के पुराने रिकॉर्ड तोड़ेंगे। आपका एक वोट मोदी को मजबूत करेगा और मजबूत मोदी सुरक्षित भारत की गारंटी है। मजबूत मोदी विकसित भारत की गारंटी है। मजबूत मोदी विकसित कर्नाटका की गारंटी है। अच्छा मेरा एक काम करोगे। मेरा एक पर्सनल काम करोगे। ऐसा नहीं, सब बताओगे, तब बोलूंगा। अच्छा एक काम करो, अपना मोबाइल फोन बाहर निकालकर उसकी फ्लैश लाइट चालू करो। सब के सब मोबाइल की फ्लैश लाइट चालू कीजिए। 

अच्छा मेरी बात सुनिए, मेरा एक काम करना है, मैं बताऊं...भारत माता की। मेरा काम सुनिए, मेरा ये पर्सनल काम है सुनोगे। मेरा ये पर्सनल काम है करोगे। ज्यादा से ज्यादा परिवार में जाइए, लोगों से मिलिए, और उनको बताइए, अपने मोदी जी बेल्लारी क्षेत्र में आए थे और मोदी जी ने आपको प्रणाम भेजा है। प्रणाम पहुंचा देंगे। घर-घर मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे। हर परिवार को मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे। 

बोलिए...भारत माता की। भारत माता की। भारत माता की।

बहुत बहुत धन्यवाद!

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।