The rich don't need the government. Government is for the poor, for their welfare as they have no support apart from the government: PM
Citizens of India have certain expectation from the Govt, we must fulfil their expectations: PM
Many polls were fought in the name of poor but nothing was done for the poor: PM Modi
JDU, RJD and congress alliance is a ‘Mahaswarthbandhan’: PM
'Sinhasan Khali Karo Ki Janata Aati Hai' -These powerful lines from the poem of Rashtrakavi Dinkar has given strength to the youth of Bihar: PM
This election is a war between Vikasraaj vs Junglraaj: PM
Great personalities like JP Narayan, Rashtrakavi Dinkar, Shree babu are source of Inspiration for the nation: PM
Begusarai has tremendous scope for growth in Industrial development: PM Modi
Caste politics and the politics of vote bank is the main reason behind the plight of Bihar: PM
The day Bihar becomes a developed state; India will be No. 1 country in the world: PM

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय,

मंच पर विराजमान केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे वरिष्ठ साथी श्रीमान राम विलास पासवान जी, भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री श्री रजनीश जी, बिहार विधानसभा पक्ष के नेता श्रीमान नंद किशोर यादव जी, हमारे वरिष्ठ नेता डॉ. सी पी ठाकुर जी, बेगूसराय के जनप्रिय सांसद डॉ. भोला सिंह जी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के सांसद श्रीमान राम कुमार शर्मा जी, बेगूसराय भाजपा के जिलाध्यक्ष श्रीमान जयराम दास जी, लोजपा के बेगूसराय जिलाध्यक्ष संजय पासवान जी, हम पार्टी के जिलाध्यक्ष श्रीमान मोहम्मद हसन जी, रालोसपा के जिलाध्यक्ष श्रीमान राजीव कुमार जी, लोजपा के चेरिया बरियारपुर के उम्मीदवार श्री अनिल कुमार चौधरी जी, लोजपा के बछवाड़ा के उम्मीदवार श्री अरविंद कुमार सिंह, भाजपा से तेघड़ा विधानसभा के उम्मीदवार राम लखन सिंह, भाजपा से मटिहानी विधानसभा के उम्मीदवार सर्वेश कुमार, लोजपा के उम्मीदवार साहेबपुर कमाल से मोहम्मद असलम जी, बेगूसराय से भाजपा के उम्मीदवार सुरेन्द्र मेहता जी, भाजपा से बिकरी विधानसभा के उम्मीदवार श्री रामानंद राम जी, लोजपा के उम्मीदवार मिथलेश जी निशांत, इन सभी मेरे साथियों के साथ आप सभी जोर से बोलें - भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय!

भाईयों-बहनों, किसी प्रदेश में राज्य स्तर की रैली करनी हो, पूरे राज्य से लोगों को बुलाया गया हो, और अगर ऐसी रैली हो जाए तो लोग मानेंगे कि ऐतिहासिक रैली हुई है। एक जिले में इतना बड़ा जमघट, मैं जहाँ देख रहा हूँ माथे ही माथे नज़र आ रहे हैं; ये रैली नहीं, रैला है। 60 साल तक बिहार को तबाह करने वाले ये तीन लोग मिल गए हैं, ये इनको बहाकर फेंक देंगे। मैं लोकसभा के चुनाव में यहाँ आ नहीं पाया था और हमारे भोला बाबू ये शिकायत कर रहे थे, आज मैंने उनकी शिकायत दूर कर दी और ये हमारी ज़िम्मेवारी है कि हिन्दुस्तान का छोटे-से-छोटा नागरिक भी हमसे अपेक्षा कर सकता है और उन अपेक्षाओं को पूरा करने का हमें प्रयास करना चाहिए। चुनावी राजनीति हमने भी देखी है। चुनाव में जनता-जनार्दन के दिल में उठते सवालिया निशानों को भी देखा है लेकिन मैंने जब से चुनाव प्रचार के लिए बिहार आना शुरू किया है, मैंने ऐसा पहले कभी चुनाव नहीं देखा जैसा मैं आज बिहार में देख रहा हूँ। मैं अनुभव कर रहा हूँ कि आज बिहार के नागरिकों के मन में चुनाव के नतीजे क्या होंगे, कैसे होंगे, इस पर कोई सवालिया निशान ही नहीं है। बिहार की जनता ने मान लिया है और ठान लिया है कि भाजपा के नेतृत्व में राजग (एनडीए) की सरकार बन कर रहेगी और बिहार विकासवाद के रास्ते पर चल पड़ेगा, ये मैं साफ़-साफ़ देख रहा हूँ।

आप बताएं, आखिर सरकार किसके लिए होती है? अमीरों को कभी सरकार की जरुरत पड़ती है क्या? अमीरों को कभी सरकार की जरुरत नहीं पड़ती है। अगर अमीर बीमार हो जाए तो डॉक्टर उसके घर के बाहर कतार लगाकर खड़े हो जाएंगे लेकिन अगर एक गरीब बीमार हो जाए तो उस बीमार के लिए सरकार के अलावा कोई सहारा नहीं होता है। किसी अमीर का बेटा अगर पढ़ना चाहता है तो उसे दुनिया के अच्छे-से-अच्छे टीचर मिल जाएंगे, अच्छे-से-अच्छे स्कूल मिल जाएंगे लेकिन अगर किसी गरीब के बच्चे को पढ़ना हो तो सरकारी शिक्षक और सरकारी स्कूल पर ही भरोसा करना पड़ता है। किसी अमीर को कहीं जाना है तो हवाई जहाज उसका इंतज़ार करता है लेकिन किसी गरीब को अपनी सब्जी, दूध आदि भी बेचने दूसरे गाँव जाना है तो उसे सरकारी बस का ही इंतज़ार करना पड़ता है। अगर बस नहीं आई तो उसका जाना रूक जाएगा।

सरकार गरीब के लिए होती है, गरीबों का जीवन बदलने और उनके कल्याण के लिए होती है लेकिन हमारे देश में चुनाव तो गरीबों के नाम पर लड़े गए लेकिन सरकार गरीबों के लिए नहीं चलाई गई। हमारे देश में वोट तो गरीबों के नाम पर मांगे गए लेकिन सरकार गरीबों के कल्याण के लिए नहीं चलाई गई। अगर इस देश में गरीबों के लिए कुछ हुआ होता; आज़ादी के इतने सालों बाद तक जितनी सरकारें आईं, अगर वो सभी सरकारें गरीबों को ध्यान में रखकर कुछ काम करती तो न मेरे देश में गरीबों की संख्या बढ़ती, न देश में गरीबी एवं भुखमरी रहती और न मेरे देश में बीमारी एवं अशिक्षा बढ़ती।

इस चुनाव में उन सभी लोगों से आग्रह करता हूँ कि आप सब वोट देने से पहले अपने दिल पर हाथ रखकर एक बार पूछ लीजिए कि ये जो ‘महास्वार्थबंधन’ बना हुआ है; ये महागठबंधन नहीं, ‘महास्वार्थबंधन’ है। इस ‘महास्वार्थबंधन’ के तीन पार्टनर हैं जो मिलकर के बिहार को फिर से एक बार हड़प करना चाहते हैं। ये तीन कौन लोग हैं, ये तीन कौन दल हैं, बिहार की जनता याद रखे।

एक कांग्रेस पार्टी है जिसने 35 साल तक बिहार में राज किया है। मुझे बताईये, जिस कांग्रेस ने 35 साल राज किया, उसने इतने वर्षों में कुछ भला किया है? बिहार का विकास किया है क्या? बिहार का नौजवान का भला किया है? उन्हें रोजगार दिलाया है? बिहार से गुंडागर्दी समाप्त की है? जो 35 साल में कुछ नहीं कर पाए, वो आज कुछ कर पाएंगे क्या? उनपर भरोसा कर सकते हैं क्या? उनसे कोई आशा कर सकते हैं क्या? दूसरे हैं – जंगलराज के प्रतीक। लोकनायक जयप्रकाश नारायण और राम मनोहर लोहिया के नाम से गरीबों के गीत गाते-गाते वो 15 साल तक बिहार के सिंहासन पर बैठे। 15 साल में क्या-क्या खाया, बिहार की जनता भली-भांति जानती है। कोई मुझे बताये कि 15 साल में कहीं सड़क का नामो-निशान रहने दिया? स्कूलें चलने दीं? शिक्षकों की भर्ती की? डॉक्टर बिहार छोड़कर भागे कि नहीं? नौजवानों को पलायन करना पड़ा कि नहीं? मां-बेटियों का सम्मान बचा था? क्या जिन्होंने 15 साल तक आपको ऐसी सरकार दी आप क्या उनपर फिर से भरोसा कर सकते हो? वो आपका भला कर सकते हैं? इसके बाद अगले 10 साल जो जंगलराज को हटाने का नाम लेकर के आये थे, वो फिर से जंगलराज लाने के लिए आपके सामने बातें कर रहे हैं, उनकी बातों पर भरोसा किया जा सकता है क्या? 35 साल कांग्रेस और 25 साल ये बड़ा भाई और छोटा भाई अपना कारोबार चलाते रहे।

इन बड़ा भाई - छोटा भाई का रिश्ता तो देखो; बड़ा भाई छोटे भाई को कभी हत्यारा कहता है तो कभी तोता कहता है। 60 साल तक जिन्होंने बिहार में सरकारें चलाई हैं, गरीबों के नाम पर राजनीति की है लेकिन इन्होंने बिहार को दिन-रात बर्बाद करने का ही काम किया है। भाईयों-बहनों, ऐसी सरकारों को फिर से कभी आने देना चाहिए क्या?

आज 8 अक्टूबर है और आज लोकनायक जयप्रकाश नारायण का स्वर्गवास हुआ था। आज उनकी पुण्यतिथि पर आप सबसे आग्रह करता हूँ कि पल भर के लिए उस महापुरुष, बिहार के सपूत और हिन्दुस्तान के गौरव को याद कीजिये और दिनकर जी के उस बात को हिन्दुस्तान के कोने-कोने में पहुंचा दीजिए। “सिंहासन खाली करो कि जनता आती है” – इसी धरती के संतान और राष्ट्रकवि दिनकर के इस मंत्र ने हिन्दुस्तान के नौजवान को खड़ा कर दिया। आजादी के आंदोलन में वंदे मातरम् की गूँज जैसे एक देश को नई ताकत देती थी, वैसे देश में भ्रष्टाचार की मुक्ति के लिए, कुशासन से मुक्ति के लिए राष्ट्रकवि दिनकर की यह कविता, ‘सिंहासन खाली करो कि जनता आती है’ अनेकों नौजवानों को प्रेरणा देती है।

ये भूमि उन महापुरुषों की है जिन्होंने आजादी के आंदोलन में एक नई ताकत दी। 1930 में गांधीजी की दांडी यात्रा हिन्दुस्तान की आजादी के आंदोलन महत्वपूर्ण मानी जाती है लेकिन जब नमक सत्याग्रह की बात आती है तो इसी धरती के महापुरुष श्री बाबू की याद आती है। उस महापुरुष ने कितना कष्ट झेला था। आईए, आज हम बेगूसराय में लोकनायक जयप्रकाश नारायण, राष्ट्रकवि दिनकर जैसे सभी महापुरुषों को याद करें हम लोगों के लिए जीने-मरने वाले श्री बाबू को याद करें और बिहार में विकासराज लाने का संकल्प करें।

एक तरफ़ जंगलराज लाने की कोशिश और दूसरी तरफ़ विकासराज लाने की कोशिश; ये चुनाव जंगलराज और विकासराज के बीच की लड़ाई है। आप मुझे बताईये कि बिहार को विकासराज चाहिए कि नहीं? बिहार को सड़क, रेल, उद्योग चाहिए कि नहीं? नौजवानों को रोजगार चाहिए कि नहीं? उनका पलायन रूकना चाहिए कि नहीं? अगर ये करना है तो बिहार में अब जंगलराज को मौका नहीं देना है। अब बिहार में सिर्फ़ विकासराज चाहिए। विकास का रास्ता ही हमारी समस्याओं का समाधान करेगा इसलिए आज मैं आपके पास विकास का संदेश लेकर आया हूँ।

मैं हैरान हूँ। आप लालू जी 1990 के डायलॉग निकाल लीजिए और 2015 के डायलॉग निकाल लीजिए; वही बात, न नया विचार है, न नई सोच है इतना जरुर है कि अब ख़ुद के बजाय बेटों को लेकर आये हैं, बाकि कोई फ़र्क नहीं आया है। मैं गुजरात की धरती से आता हूँ। मेरा जन्म वहां हुआ है और वो द्वारकाधीश की धरती है। श्री कृष्ण की द्वारका नगरी... उन्होंने गौ-प्रेम सिखाया था और आज भी गुजरात के लोग गौ-भक्ति में इतने लीन हैं कि वहां श्वेत क्रांति हुई, दूध का कारोबार इतना बढ़ा कि आज अमूल पूरी दुनिया में पहचाना जा रहा है। सच्चा यदुवंशी श्री कृष्ण की परंपरा का निर्वाह करने का संकल्प लेता है और यहाँ नेता यदुवंशियों का कितना अपमान कर रहे हैं।

मैं तो हैरान हूँ। आपको कैसी-कैसी गालियां दी जा रही हैं। लालू जी, आप जो कुछ भी बने, इन्हीं यदुवंशियों के आशीर्वाद से बने थे और आज आप उनको इतनी भयंकर गाली दे रहे हो; वो क्या खाते हैं, ऐसे गंभीर आरोप लगा रहे हो। मुझे शर्म आती है कभी मेरे देशवासियों, मेरे यदुवंशियों का ऐसा अपमान मत करो। मैं कृष्ण की धरती से आया हूँ, आपकी इन बातों से मुझे पीड़ा जरा ज्यादा हो रही है। और बोलते क्या हैं, जब मीडिया वालों ने पकड़ लिया, यदुवंशी समाज के लोग आगे आ गए तो क्या कहने लगे; वो कहते हैं – मेरे अन्दर शैतान प्रवेश कर गया। मैं बहुत हैरान हूँ कि क्या शैतान को भी यही ठिकाना मिला क्या, उसे क्या इसी शरीर में प्रवेश करने का मन कर गया क्या, बिहार में उनको और कोई नहीं मिला, हिन्दुस्तान में उनको और कोई नहीं मिला, पूरे विश्व में कोई और नहीं मिला, मिला तो सिर्फ़ लालू जी का शरीर मिला। देखिये, वो शैतान की मेहमाननवाजी भी कैसी कर रहे हैं, जैसे उनका कोई पुराना साथी आया हो, वैसी खातिरदारी कर रहे हैं वो।

भाईयों-बहनों, हमें तो जंगलराज से इस बिहार को बचाना है, रोजगार के लिए बल देना है और इसलिए मैं आज आपके पास आया हूँ। ये इलाक़ा औद्योगिक विकास के लिए एक बहुत बड़ा केंद्र बन सकता है। यहाँ के नौजवानों को रोजगार मिलेगा, सिर्फ़ ऐसा नहीं है बल्कि ये बेगूसराय की ताकत इतनी है कि ये बिहार के और नौजवानों को भी रोजगार देने वाला केंद्र बन सकता है लेकिन कोई यहाँ यहाँ आने की हिम्मत नहीं करता है क्योंकि वो कहता है कि जितना पैसा वो लगाएगा, उससे ज्यादा पैसा तो फ़िरौती में देना पड़ेगा। यहाँ तो एक ही उद्योग लगाया जंगलराज ने – अपहरण का उद्योग। किडनैप करो, फ़िरौती लो और अपना मौज-मस्ती करो, यही कारोबार चलता रहा तो कौन बेगूसराय आएगा।

आप देखिये, बरौनी का फ़र्टिलाइज़र का कारखाना, वो चालू होना चाहिए कि नहीं? उसका विकास होना चाहिए कि नहीं? यह आपका हक़ है कि नहीं? अगर आपका हक़ है तो मुझे वो हक़ पूरा करना चाहिए कि नहीं? इसलिए मेरी सरकार ने निर्णय किया कि उस फ़र्टिलाइज़र के लिए 1500 करोड़ लगाकर के फिर से यहाँ के नौजवानों को रोजगार दें और उनका विकास करें।

गंगा तट पर जो लोग रहते हैं, वो परेशान हैं कि बालू चोरों ने उनका जीना हराम करके रखा है, उनकी जमीन नहीं बच पा रही है, उनकी खेती नहीं बच पा रही है। जो लोग इस प्रकार के खेल खेलते हैं, उसका कारण ये है कि बिहार की सरकारों ने बिहार की दो ताक़तों को नज़रअंदाज़ किया है; एक ताक़त है, पानी और दूसरी यहाँ की जवानी। बिहार के कुछ इलाक़ों में इतना पानी है लेकिन उस पानी के कारण यहाँ तबाही हो रही है और बिहार में इतनी जवानी है कि उन्हें रोजी-रोटी के लिए बाहर जाना पड़ता है। ये दोनों बिहार का भाग्य बदल देंगे, ये हमारा विश्वास है इसलिए मेरे नौजवानों, हमें विकास के रास्ते पर चलना है।

अहंकार कहाँ से कहाँ पहुंचा देता है, ये आपने देखा है कांग्रेस पार्टी का अहंकार सातवें आसमान पर रहा और उसका परिणाम ये रहा कि कभी 440 सांसदों के साथ बैठते थे, पर आज 40 पर सिमट गए। जनता-जनार्दन गलतियों को माफ़ कर सकती है, अहंकार को नहीं। यहाँ के एक अहंकारी नेता अपने अहंकार के लिए उन्होंने बिहार के भाग्य को दांव पर लगा दिया है। इस चुनाव में ऐसे अहंकार को चकनाचूर करना हर बिहार प्रेमी का दायित्व है।

ये इलाक़ा है जहाँ परंपरागत रूप से किसान दलहन की खेती करते हैं। पहली बार दिल्ली में बैठी सरकार ने दलहन के न्यूनतम समर्थन मूल्य में इज़ाफ़ा किया और उसका नतीज़ा ये हुआ कि देश में दलहन की खेती करने वालों को प्रोत्साहन मिला। इस बार पहले से अधिक संख्या में दलहन की खेती के लिए हमारे किसान भाई आगे आये। भारत को दलहन की ज़रुरत है। मैं यहाँ दलहन की खेती करने वाले किसानों को और अधिक प्रोत्साहन देने का पक्षधर हूँ ताकि देश को विदेशों से दलहन न खरीदना न पड़े, हमारे किसानों द्वारा पैदा की गई दलहन से इस देश का पेट भरे और इसके लिए भारत सरकार आगे बढ़ रही है।

हमने 1 लाख 25 हज़ार करोड़ रुपये का पैकेज दिया एवं 40 हज़ार करोड़ और, कुल मिलाकर 1.65 लाख करोड़ रुपये का पैकेज बिहार के कल्याण के लिए है। अब आप मुझे बताईये कि ये पैकेज गाँव-गाँव पहुंचना चाहिए कि नहीं? नए रास्ते बनने चाहिए कि नहीं? बिजली आनी चाहिए कि नहीं? दावाखाने बनने चाहिए कि नहीं? गरीब के लिए स्कूल बनना चाहिए कि नहीं? लेकिन जो लोग ये कहते हैं कि ये 1.65 लाख करोड़ रुपये आने ही नहीं देंगे, ऐसे लोगों की सरकार बनेगी तो आएगा क्या? बिहार का भला होगा क्या? इस रास्ते में रोड़े अटकने वाले जो लोग हैं, उन्हें हटाना चाहिए कि नहीं? ये चुनाव विकास के रास्ते रोकने वाले लोगों को रोकने का चुनाव है।

ये जो ‘महास्वार्थबंधन’ है... इस चुनाव में इन तीनों ने अपने काम का हिसाब देना चाहिए कि नहीं? चाहे नीतीश जी हों, लालू जी हों, सोनिया जी हों, उन्होंने अपने 60 साल की सरकार का हिसाब देना चाहिए कि नहीं? वो दे रहे हैं हिसाब क्या? बिहार बर्बाद क्यों हुआ, विकास क्यों नहीं हुआ, जवाब दे रहे हैं क्या? जो काम उनको करना चाहिए, वो कर रहे हैं क्या? मैं बिहार की जनता से आग्रह करता हूँ कि ये जो ‘महास्वार्थबंधन’ बना है, उनके नेताओं से हिसाब मांगो। हर गाँव, गली, घर से जवाब मांगो आप उनसे जवाब मांगिये, आपको खुद पता लग जाएगा कि कौन सा बटन दबाना है, मुझे कुछ कहने की ज़रूरत नहीं।

ये जो 1.65 लाख करोड़ रुपये का पैकेज हमने दिया है और पूरा बारीकी से हिसाब दिया है। मैं उसमें बेगूसराय इलाक़े का बताना चाहता हूँ- एनएच – 82 पर 55 किमी, बिहारशरीफ, बरबीघा, मोकामा सेक्शन, एनएचबी फेज़ – 4 के निर्माण के लिए करीब-करीब 400 करोड़ रुपये का पैकेज; एनएच – 31 के बख्तियार-मोकामा सेक्शन को चार लेन का बनाने के लिए करीब-करीब 1000 करोड़ रुपये का पैकेज; एनएच – 31 पर पटना में गंगा नदी पर नया चार लेन के पुल का प्रावधान है जिसके लिए करीब-करीब 520 करोड़ रुपये; एनएच – 31 एनएचबी फेज़ – 3 सिमरिया-खगड़िया को चार लेन करने के लिए 1062 करोड़ रुपये; उसी प्रकार एनएच – 31 मोकामा-खगड़िया सेक्शन को को चार लेन करने के लिए 810 करोड़ रुपये राशि का प्रावधान है। बरौनी रिफाइनरी, उसमें 6 मिलियन क्षमता वाली 6 टंकियों को 9 मिलियन क्षमता वाली बनाने के लिए करीब 12,000 करोड़ रुपये लगाने का निर्णय किया गया है। बरौनी रिफाइनरी में बीएस4 फ्यूल के उत्पादन के कार्यान्वयन के लिए, मैंने 1500 करोड़ रुपये लगाना तय किया।

बिहार की किसी सरकार ने 60 साल में कभी सोचा नहीं कि बिहार को कैसे बदला जा सकता है। किन बातों पर बल दिया जाना चाहिए, वो नहीं किया। जातिवाद, संप्रदायवाद, यही राजनीति करते रहे यही बिहार की बर्बादी का कारण रहा है। ये ‘महास्वार्थबंधन’ बिग बॉस का घर है जिसमें एक बिग बॉस है जो कहता है कि मैं जैसे कहूँगा, लोग वैसे नाचेंगे; मैं जो कहूँगा, वैसा ये लोग करेंगे। इस बिग बॉस के घर में जितने भी लोग हैं, वे एक-दूसरे के साये से भी डरते हैं, कतराते हैं; एक-दूसरे का खात्मा करने के लिए खेल खेलते रहते हैं और बिग बॉस रिंग लीडर की तरह उन्हें नचाने में लगे हुए हैं।

भाईयों-बहनों, क्या बिहार में ये खेल चलने देना है क्या? बिहार को इस बिग बॉस से बचाना है कि नहीं? और इसलिए आज मैं बेगूसराय की धरती पर आपसे आशीर्वाद लेने आया हूँ। भाजपा हो, राम विलास जी की पार्टी हो, कुशवाहा जी की पार्टी हो, मांझी जी की पार्टी हो, हम सब मिलकर बिहार का भाग्य बदलना चाहते हैं, आपका जीवन बदलना चाहते हैं। मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए। मेरे साथ बोलिये और पूरी ताकत से बताईये, सारे हिन्दुस्तान को पता चले कि बेगूसराय से कैसी आवाज उठती है। ऐसी भयंकर धूप में कोई कल्पना नहीं कर सकता है कि कितना बड़ा जन-सैलाब आया है।

भाईयों-बहनों, मैं आपका ये प्रेम और विश्वास आपको ब्याज समेत लौटाउंगा। इस भयंकर ताप में आप जो तपस्या कर रहे हो, मैं उसे कभी बेकार नहीं जाने दूंगा। आपको एक अपना साथी मिला है जो कंधे से कंधा मिलाकर के आपके सुख-दुःख बांटना चाहता है। बिहार को बदलना मेरा स्वार्थ है, राजनीतिक स्वार्थ नहीं बल्कि मेरा स्वार्थ है कि जिस दिन बिहार बदलेगा, हिन्दुस्तान दुनिया में नंबर एक पर पहुँच जाएगा; ये ताकत है बिहार की। पूरा हिन्दुस्तान स्वार्थ से चाहता है कि मेरा बिहार आगे बढ़े; बिहार विकास की ऊंचाईयों पर पहुंचे; बिहार का नौजवान, उसकी ताकत देश का भाग्य बदलने के काम आए, इसलिए मैं आपसे वोट मांगने आया हूँ। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिये -  

भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!

बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

                   

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Text of PM Modi's speech at Public meeting in Dwarka, Delhi
January 31, 2025
You have given me the opportunity to serve the country many times. Now, I urge you to give me an opportunity to work for Delhi as well: PM Modi
I assure you that as soon as we form the government in Delhi, we will take strict action against AAP-da’s corruption: PM Modi in Dwarka
AAP-da’s dislike for Haryana is evident in their actions, blaming Haryana’s farmers for Delhi’s pollution issues & now accusing it of polluting the Yamuna River: PM
They don’t want to use public money to benefit the people. Instead, they are spending a lot on advertisements, says PM Modi while slamming AAP

भारत माता की, भारत माता की।

साथियों,

दिल्ली में वोटिंग होने में अब बस 5 दिन बचे हैं। आप सभी इतनी बड़ी संख्या में भाजपा के उम्मीदवारों को आशीर्वाद देने आए हैं। हम सभी दिल्ली के लोगों के बहुत-बहुत आभारी हैं। दिलवालों की दिल्ली ने ठान लिया है, आपदा वालों को भगाना है, इस बार भारी बहुमत से भाजपा सरकार बनाना है।

साथियों,

जब भी द्वारका आता हूं, भगवान श्रीकृष्ण की द्वारिका नगरी की याद आना बहुत स्वभाविक है। ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे गुजरात में द्वारिका की सेवा का मौका मिला। और यहां दिल्ली में द्वारका की सेवा का भी अवसर मिला है। भाजपा, दिल्ली को जितना आधुनिक बनाना चाहती है, उसकी एक झलक यहां द्वारका में दिखती है। केंद्र सरकार ने यहां भव्य यशोभूमि का निर्माण करवाया। यशोभूमि की वजह से यहां द्वारका के, दिल्ली के हजारों नौजवानों को किसी ना किसी तरह का रोजगार मिला है। इससे यहां लोगों का बिजनेस बढ़ा है। यशोभूमि के बाद यहां रीयल एस्टेट बाजार में भी जबरदस्त उछाल आया है।

साथियों,

आने वाले समय में ये पूरा क्षेत्र, एक प्रकार से स्मार्ट शहर होगा। यहां पूरी दुनिया से लोग आएंगे, टूरिज्म, व्यापार-कारोबार, सबकुछ फलेगा-फूलेगा। यहां केंद्र की भाजपा सरकार जो भारत वंदना पार्क बना रही है, ये भी पूरे देश के लिए एक मॉडल होने वाला है। विकसित भारत की राजधानी ऐसी ही होनी चाहिए। पूरी दिल्ली में ऐसा ही विकास होना चाहिए। दिल्ली शहर ही नहीं, दिल्ली देहात के गांव भी, देश के गांवों के लिए मॉडल बनें, ऐसा विकास भाजपा करेगी। और इसी विश्वास के साथ, आज दिल्ली एक सुर में कह रही है— अबकी बार....भाजपा सरकार। अबकी बार.... अबकी बार....।

साथियों,

दिल्ली को केंद्र और राज्य सरकार की डबल इंजन वाली सरकार चाहिए। आपने पहले कितने ही साल कांग्रेस को देखा। फिर दिल्ली पर आप-दा वालों ने कब्जा कर लिया। आपने मुझे देश की सेवा करने का बार-बार अवसर दिया है। अब आप मुझे डबल इंजन सरकार बनाकर, दिल्ली की सेवा करने का भी मौका दें। मैं गारंटी देता हूं, दिल्ली के विकास में भाजपा सरकार कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।

साथियों,

बीते 11 साल में आप-दा ने सबके साथ सिर्फ लड़ाई-झगड़ा ही किया है। ये आपदा वाले केंद्र सरकार से लड़ते हैं। ये हरियाणा वालों से लड़ते हैं। ये यूपी वालों से लड़ते हैं। ये केंद्र सरकार की योजनाएं यहां लागू नहीं होने देते। दिल्ली में यही आपदा वाले रहे तो दिल्ली विकास में पिछड़ती चली जाएगी। दिल्लीवासियों दिल्ली में तकरार वाली नहीं, तालमेल वाली सरकार चाहिए। ताकि मिलजुल करके दिल्ली की हर बड़ी समस्या का समाधान हो सके।

साथियों,

हमें मिलकर दिल्ली को लूट और झूठ की आप-दा से मुक्त कराना है। आपदा वालों ने दिल्ली को अपनी राजनीति चमकाने का ATM बना दिया है। आपदा वालों ने दिल्ली का पैसा निचोड़ लिया है, लूट लिया है। दिल्ली में घोटाले करके, ये आपदा वाले कालेधन से देश के दूसरे राज्यों में राजनीति चमकाते हैं। जब दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ने के लिए इन्हें पैसा चाहिए होता है। ये दिल्ली के लोगों की जेब में डाका डालना शुरू कर देते हैं। इसलिए दिल्ली के लोगों को अब सावधान होने में देर नहीं करनी चाहिए। जितना जल्दी हो सके इससे मुक्ति पा लीजिए। औऱ मैं आज एक बार फिर डंके की चोट पर कह रहा हूं, दिल्ली में भाजपा सरकार बनते ही, आपदा के भ्रष्टाचार पर और कड़ा प्रहार होगा। जिन्होंने दिल्ली को लूटा है, उन्हें लौटाना ही पड़ेगा। विधानसभा के पहले सत्र में ही, CAG की रिपोर्ट टेबल पर रखी जाएगी। इस CAG रिपोर्ट में आपदा सरकार के घोटालों का जिक्र है और वो इसे दबाकर बैठी है।

साथियो,

मुझपर भरोसा कीजिए, मैंने दिल्ली के मिजाज को देखा है, दिल्ली के मतदाताओं का उत्साह-उमंग देखा है। दिल्लीवासियों के दिल में आपदा वालों के प्रति जो भयंकर नफरत है, वो मैं देख रहा हूं। और इसलिए कहता हूं, बस अब कुछ ही दिन बाकी हैं, आप-दा सरकार का कच्चा चिट्ठा, फ्रॉडबाजी करते हैं, झूठ फैलाते हैं। आजकल ये लोग झुग्गियों में जा-जाकर भांति-भांति के झूठ फैला रहे हैं। और पता नहीं तीन-चार बीच में अभी है, ऐसा कोई झूठ का बम फोड़ देंगे, क्योंकि उनको वही तरीका आता है। सच ये है कि मोदी सरकार जहां झुग्गी है, वहीं पर पक्का मकान बनाकर दे रही है। और सिर्फ चार दीवारें नहीं, ऐसा घर जिसमें अपना टॉयलेट, अपना नल, नल से जल, मुफ्त गैस कनेक्शन सबकुछ होगा। आज दिल्ली में कई क्लस्टर्स में अच्छे घरों का निर्माण चल रहा है। सैकड़ों परिवारों को नए घर मिल चुके हैं। दिल्लीवासी अब तो आप भी मुझे भली भांति जानते हैं। मेरा अपना तो कोई घर नहीं है, लेकिन मेरा सपना है कि मैं हर गरीब पक्का घर दूं। लेकिन यहां की आपदा सरकार, पूरी ताकत से जुटी हुई है कि आपको पक्के घर न मिल पाएं। मैं देश और दिल्ली की युवा पीढ़ी से कहना चाहता हूं आपके मां-बाप ने जिन मुसीबतों को झेला है, मैं नहीं चाहता हूं कि आप अपने बच्चों को भी वही मुसीबतें विरासत में देकर के जाएं। और इसलिए दिन-रात मेहनत करके हम जो घर बनाते भी हैं, वो घर गरीबों को सौंपने की आखिरी प्रक्रिया, जब दिल्ली सरकार को पूरी करनी होती है, लेकिन आप-दा वाले आज भी केंद्र सरकार के बनाए हुए हजारों घर दिल्ली के गरीबों को नहीं सौंपते। गरीबों के प्रति कितनी नफरत है। बने-बनाए घर बर्बाद हो रहे हैं, और दूसरी तरफ अपने लिए करोड़ों का शीशमहल बनवाने वालों को गरीब का ये दर्द कभी समझ नहीं आएगा। गरीबों को घर के लिए यहां भाजपा की सरकार बननी जरूरी है। हमारी सरकार में यहां दिल्ली में गरीबों को घर देने का काम डबल रफ्तार से पूरा किया जाएगा। इसलिए, आज आप भी, इस चुनाव के दरम्यान जहां भी जाएं तो मेरी तरफ से एक बात कह देना, कहीं पर कच्चा घर, झुग्गी-झोपड़ी नजर आ रही है उसको जाकर कह देना, और मेरे लिए तो आप ही मोदी हैं। आप मेरी तरफ से कह देना की मोदी की गारंटी है, दिल्ली में भाजपा सरकार बनी तो मोदी आपका घर भी जरूर पक्का बनाकर देगा।

साथियों,

हार के डर से बौखलाए ये आप-दा वाले, किसी भी हद तक गुज़र सकते हैं। आज दिल्ली में पानी की कमी, गंदा पानी, यमुना की सफाई ये बहुत बड़ा मुद्दा बन चुका है। आप-दा के लोग जहां भी वोट मांगने जा रहे हैं, लोग इनसे पानी का हिसाब मांग रहे हैं। जनता का आक्रोश देखकर, इन आप-दा वालों ने सफेद झूठ बोलना शुरू कर दिया है। ये आप-दा वाले हरियाणा से नफरत करते हैं। ये तो हम सबको पता है और अपनी नफरत में ये लगातार नीचे ही गिरते जा रहे हैं। जब दिल्ली में प्रदूषण होता है, तो ये हरियाणा के किसानों को गालियां देते हैं। अब आप-दा वालों ने हरियाणा के लोगों पर पानी में ज़हर मिलाने का आरोप लगाया है। दुनिया को गीता का ज्ञान देने वाली धरती के लोगों पर आप-दा वालों ने ऐसा घिनौना आरोप लगाया है। इतनी ज़हरीली राजनीति देश ने कभी नहीं देखी। आप-दा वालों को लाज-शर्म कुछ नहीं है। मैं तो दिल्लीवालों से आग्रह करुंगा कि आप सतर्क रहें, ये वोटिंग से पहले अपने झूठ को सिद्ध करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।

साथियों,

भारत की नदियां हमारी सभ्यता की जीवनधारा रही हैं। हमारे इतिहास, हमारी अर्थव्यवस्था और हमारी संस्कृति ने सदियों से नदी के तटों पर बड़ी प्रगति की है। यमुना जी केवल एक नदी नहीं हैं, ये भारत की आध्यात्मिक और आर्थिक शक्ति का प्रतीक हैं। लेकिन आज आप-दा पार्टी की वजह से वो घनघोर संकट में हैं। मेरा हमेशा से विश्वास रहा है कि जहां राजनीतिक इच्छाशक्ति होती है, वहां परिवर्तन का रास्ता खुद बनता है। साथियों, मुझे गुजरात में लंबे अर्से तक मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर मिला। साबरमती नदी की दुर्दशा देखकर मेरा मन बड़ा विचलित हो जाता था। जनता के आशीर्वाद मिले, मैंने ठान लिया। साबरमती नदी को पुनर्जीवित करने का सौभाग्य मिला। एक प्रदूषित और मृतप्राय नदी को पुनर्जीवित कर हमने अमदाबाद में साबरमती के किनारे world-class riverfront बना दिया। आज साबरमती रिवरफ्रंट ने अमदाबाद शहर को भी नया जीवन दे दिया है। दिल्ली में बनने वाली भाजपा की डबल इंजन सरकार, यहां यमुना जी का भी कायाकल्प करके दिखाएगी। और दिल्लीवासियों मुझ पर भरोसा करना मुझे अनुभव है काम का, मैं खुद समय दूंगा दिल्ली सरकार को। दिल्ली में भाजपा सरकार यमुना जी को स्वच्छ बनाकर दिल्ली-एनसीआर का भविष्य बदलेगी। दिल्ली में डबल इंजन भाजपा सरकार के प्रयासों के कई चरण होंगे… पहला- यमुना का पानी स्वच्छ बनाएंगे... दूसरा- युमना के किनारे आधुनिक रीवर फ्रंट बनाएंगे और तीसरा- यमुना किनारे टूरिज्म का ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा। इतना ही नहीं, वाटर मेट्रो की भी संभावना ताकि लोगों को सुविधा हो आने-जाने में। और आप कल्पना कर सकते हैं कि एक बार इस नदी का इस प्रकार से प्लान करके विकास होगा तो आसपास एक खूबसूरत आधुनिक दिल्ली हमें नजर आने लगेगी। आज दिल्लीवासियों को घर में कोई मेहमान भी आ जाए और शाम के समय कहीं जाना है तो इंडिया गेट जाएंगे, कर्तव्यपथ पर जाएंगे, आप हमें मौका दीजिए, आप इंडिया गेट, कर्तव्य पथ को भूल जाएं, ऐसा यमुना का रिवरफ्रंट बनाकर देंगे। आप कल्पना कीजिए, एक ऐसी दिल्ली की जहां यमुना भारत की वैश्विक पहचान का प्रतीक होगी। जहां tourists और युवा एक modern economic hub देखेंगे, जहां clean water, green energy और industries साथ मिलकर एक सुनहरे भविष्य का निर्माण करेंगी। जब हम एक नदी को स्वच्छ बनाते हैं, तो हम भारत के भविष्य को स्वच्छ और समृद्ध बनाते हैं। मैं युवाओं, उद्यमियों और दिल्ली के लोगों को आमंत्रित करता हूं कि दिल्ली भाजपा के इस संकल्प का हिस्सा बनें। सदियों तक 5 फरवरी को वोट देने वालों को लोग याद करेंगे, यमुना जी बनेगी। आपको भरोसा है साथियों, यमुना जी शानदार रिवर फ्रंट बन सकता है, भरोसा है? भरोसा है? कौन करेगा? कौन करेगा? कौन करेगा? मोदी नहीं, ये आपका एक वोट करेगा, 5 तारीख को आपका एक वोट आ जाए, यमुना जी का भाग्य बदल जाएगा।

साथियों,

अन्ना आंदोलन के समय इन लोगों ने कहा था कि देश की राजनीति बदल देंगे। आज देश देख रहा है, कैसे इन लोगों ने अन्ना हजारे जी के साथ विश्वासघात किया। देश के लोगों के साथ विश्वासघात किया। आप-दा कैसे दिल्ली को बर्बाद कर रही है, इसका एक और सबूत आज मैं द्वारका से देना चाहता हूं। आज दिल्ली की सड़कें टूटी-फूटी हैं, सीवर नहीं बन पाए हैं। पानी की पाइपलाइन नहीं पहुंची, अस्पतालों में ब्लड बैंक नहीं बने, ICU की कमी है, साहिबी नदी का जो चैनल है, विकासपुरी का जो नाला है। यहां से लोग कितनी मुश्किल के साथ गुजरते हैं, ये भी हम देख रहे हैं। इन समस्याओं का एक ही कारण है- वो है, आप-दा पार्टी वालों की बदनीयत। ये टीवी पर, अखबारों में, सड़कों के किनारे, अपने चेहरे चमकाने के लिए पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं। लेकिन आपकी गली, नाली, सीवर, सड़क, पाइपलाइन, जो उनका कतर्व्य इनको बनाने के लिए आपदा वालों को पैसा देने की फुर्सत नहीं है। अगर दिल्ली का बजट, मैं एक अनुमान लगाता हूं, आंकड़ों में, समझाने के लिए कह रहा हूं। मान लोग अगर दिल्ली का बजट 100 रुपए का है। तो ये सिर्फ 20 रुपए ही विकास के काम पर खर्च करते हैं। पिछले 4 साल में तो इंफ्रास्ट्रक्चर के बजट में इन लोगों ने कोई बढोतरी नहीं की है। इस साल भी दिल्ली में सड़क-सीवर, फ्लाईओवर, अस्पताल के लिए जो बजट था, उस पर ये कुंडली मारकर बैठे हुए हैं। ये जनता के पैसे को जनता पर खर्च ही नहीं कर रहे, विज्ञापनों पर खर्च कर रहे हैं।

साथियों,

जिनके खुद के शीशमहल होते हैं। वो गरीब की झुग्गी और मिडिल क्लास के Two BHK की चिंता नहीं करते। दिल्ली में सैकड़ों अनाधिकृत कॉलोनियों को हमारी सरकार ने रेगुलर किया। मकसद ये कि अपना घर बनाने के लिए जो पैसा मिडिल क्लास परिवारों ने लगाया है, वो सुरक्षित रहे। मिडिल क्लास की प्रॉपर्टी की वैल्यू बढ़ती रहे। लेकिन ऐसी आप-दा आई है, कि इन सैकड़ों कॉलोनियों में ये सीवर तक नहीं बिछा रहे। परिणाम ये हुआ कि, जितना पैसा घऱ बनाने में लगाया, कई जगह उस घर की वैल्यू उससे भी कम हो गई है। मिडिल क्लास के इन दुश्मनों ने, ऐसी आप-दा दिल्ली को दी है।


साथियों,

भाजपा, जनता जनार्दन से मिले एक-एक पैसे की अहमियत समझती है। बीते दस साल में केंद्र की भाजपा सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के बजट में करीब 6 गुणा वृद्धि की है। आज गरीब के पक्के घर, सड़क, बिजली, पानी, कॉलेज, अस्पताल, गैस पाइपलाइन, इंटरनेट ऐसी कई बातों पर केंद्र सरकार, एक साल में 11 लाख करोड़ रुपए खर्च करती है। यही कारण है कि, दिल्ली में भाजपा सरकार ने मेट्रो का नेटवर्क दोगुना कर दिया है। अब तो रिठाला-कुंडली मेट्रो लाइन पर भी काम शुरु हो चुका है। इससे इस क्षेत्र में जाम से बहुत राहत मिलेगी।


साथियों,

चार साल में आपदा वालों ने दिल्ली में विकास के लिए जितना बजट रखा, उतना तो केंद्र की भाजपा सरकार ने दिल्ली में सिर्फ चौड़ी सड़कें बनाने के लिए दिया है। हाईवे-एक्सप्रेसवे बनाने के लिए दे दिया है। 7 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से दिल्ली में नई रिंग रोड बन रही है। इससे द्वारका आना-जाना और आसान होगा, ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी। रंगपुरी बाइपास से भी एयरपोर्ट की तरफ आना-जाना आसान होगा। बहुत जल्द ही द्वारका एक्सप्रेस-वे भी पूरी तरह बनकर तैयार होने जा रहा है।


साथियों,

भाजपा, विकास भी करती है और बचत भी करती है। आज देश के करोड़ों परिवारों को मुफ्त राशन मिल रहा है। इसमें दिल्ली के भी लाखों परिवार हैं, जिनका हर महीने राशन पर होने वाला खर्च बच रहा है। अब तो दिल्ली भाजपा ने, झुग्गी-बस्तियों में 5 रुपए में अच्छा और पोषक खाना देने की भी घोषणा की है। इससे भी दिल्ली के हज़ारों परिवारों का खाने पर होने वाला खर्च बचेगा।

साथियों,

भाजपा सरकार एक ऐसी योजना चला रही है, जिससे बिजली का बिल ज़ीरो होगा और बिजली से कमाई भी होगी। ये पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना है। आप अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगा सकते हैं। इसको लगाने के लिए भी 75-80 हज़ार रुपए भाजपा की केंद्र सरकार दे रही है। इससे आपको एक महीने में 300 यूनिट से ज्यादा बिजली फ्री मिलेगी।

साथियों,

गरीब और मिडिल क्लास की बचत हो, इसी संकल्प के साथ दिल्ली भाजपा ने शानदार गारंटियां दी हैं। यहां हर वर्ग को इन गारंटियों को लाभ मिलने वाला है। माताएं-बहनें तो मोदी का सुरक्षा कवच हैं। मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना के तहत हर लाभार्थी बहन को, हज़ारों रुपए मिल चुके हैं। महाराष्ट्र में लाडकी बहना योजना की लाभार्थी हर बहन के खाते में भी हज़ारों रुपए ट्रांसफर हुए हैं। मैं दिल्ली की बहनों से कहूंगा कि आप अपने बैंक से पता कर लें कि आपका फोन नंबर आपके बैंक खाते से लिंक है या नहीं। नहीं है तो लिंक करा लें ताकि आपके फोन पर भाजपा सरकार बनने के बाद मैसेज आएगा कि आपका पैसा जमा हो चुका है। भाजपा सरकार की पहली कैबिनेट में ही, बहनों के खाते में ढाई हज़ार रुपए जमा करने का फैसला क्लीयर हो जाएगा। ये मोदी की गारंटी है। जो बहनें, अन्य घरों में घरेलू काम-काज करती हैं, उनको एक्स्ट्रा मदद भी मिलेगी। उनको 10 लाख तक का बीमा और बच्चों को पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप, भाजपा सरकार देने वाली है। दिल्ली भाजपा ने कहा है कि दिल्ली की बहनों को सस्ता सिलेंडर भी मिलेगा। यानि डबल इंजन की सरकार में दिल्ली की महिलाओं का डबल फायदा होगा।

साथियों,

दिल्ली में आप-दा ने नौजवानों, सरकारी कर्मचारियों और दुकानदारों का बहुत नुकसान किया है। आप याद कीजिए, रोजगार को लेकर, नौकरियों को लेकर इन्होंने कितने सारे वादे किए थे। लेकिन आज दिल्ली में बेरोजगारी चरम पर है। आप-दा ने दिल्ली में मिडिल क्लास की कमर तोड़ दी है। दिल्ली सरकार के कर्मचारी, MCD के कर्मचारी परेशान हैं। उनको समय पर सैलरी नहीं मिल पाती। गेस्ट टीचर हों, होम गार्ड के साथी हों, हर कोई परेशान है। हाल ये है कि दिल्ली के कितने ही नौजवानों को नौकरी के लिए नोएडा, गाज़ियाबाद, गुड़गांव, सोनीपत-पानीपत जाना पड़ता है।

युवा साथियों,

हरियाणा में देखिए, भाजपा सरकार ने बिना खर्ची, बिना पर्ची, हज़ारों नौजवानों को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था। सरकार बनते ही, पहला काम हरियाणा की भाजपा सरकार ने यही किया। दिल्ली भाजपा ने लाखों सरकारी और प्राइवेट नौकरियों की घोषणा की है। ये भी तेज़ी से पूरी होगी। दिल्ली देहात में खिलाड़ियों के लिए अनेक संभावनाएं हैं। आप-दा ने तो आपको स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के नाम पर धोखा दिया है, लेकिन भाजपा सरकार यहां खिलाड़ियों के लिए उत्तम से उत्तम बेस्ट सुविधाएं बनाएगी।

साथियों,

भाजपा, कर्मचारियों, व्यापारी-कारोबारियों, मिडिल क्लास के हर परिवार की हितैषी है। मिडिल क्लास को घर खरीदने के लिए भी भाजपा सरकार मदद दे रही है। अब दिल्ली के लाखों केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशनरों के लिए बहुत बड़ी घोषणा भाजपा सरकार ने की है। केंद्र सरकार ने आठवां वेतन आयोग गठित करने का फैसला लिया है। इससे दिल्ली के हज़ारों परिवारों को सीधा फायदा होगा।

साथियों,

दिल्ली देहात में बड़ी संख्या में हमारे किसान परिवार भी रहते हैं। मैं आप सभी से भी कहूंगा कि आप-दा ने जो योजनाएं रोकी हैं, किसानों के भलाई की योजनाएं रोकी है, उन सबका लाभ आपको, किसानों को भाजपा सरकार बनते ही मिलना शुरू हो जाएगा। ज़मीन से जुड़े जो भी मामले आपके हैं, कोई और समस्याएं हैं, उन सभी का समाधान हम मिलकर निकालेंगे।

साथियों,

कांग्रेस और आप-दा, दोनों अहंकार की पराकाष्ठा के प्रतीक हैं। ये आप-दा वाले खुद को दिल्ली का मालिक बताते हैं। बहनों को कहते हैं कि वो उनका रक्षा कवच है। मोदी कहता है बहनें मेरी रक्षा कवच है। ये फर्क है। और जैसे खुद को दिल्ली का मालिक कहते हैं, वहीं कांग्रेस वाले खुद को देश का मालिक समझते हैं। कांग्रेस के शाही परिवार का अहंकार आज देश ने फिर देखा है। आज सम्मानीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने संसद को संबोधित किया। उन्होंने देशवासियों की उपलब्धियों के बारे में बताया। विकसित भारत के विजन के बारे में बताया। और आप सब समझें, द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के जंगलों में आदिवासी परिवार से निकलकर यहां पहुंची हैं। उनकी मातृभाषा हिंदी नहीं है, वो उड़िया भाषा में पली-बढ़ी है। मातृभाषा न होने के बावजूद भी उन्होंने बेहतरीन तरीके से संसद को प्रेरित किया, भाषण दिया। लेकिन कांग्रेस का शाही परिवार उनके अपमान पर उतर आया है। शाही परिवार के एक सदस्य ने कहा कि आदिवासी बेटी ने बोरिंग भाषण दिया। दूसरी सदस्य तो इससे भी एक कदम आगे बढ़ गईं। उन्होंने राष्ट्रपति जी को poor thing कहा, गरीब कहा और चीज कहा, थकी हुई कहा। एक आदिवासी बेटी का बोलना इनको बोरिंग लगता है। ये देश के 10 करोड़ आदिवासी भाई-बहनों का अपमान है। ये देश के हर गरीब का अपमान है। जो ज़मीन से ऊपर उठ कर आते हैं, उनको कांग्रेस का शाही परिवार बिल्कुल पसंद नहीं करता। गरीब, दलित, आदिवासी, ओबीसी समाज से जो भी लोग आगे बढ़ते हैं, उनको ये कदम-कदम पर अपमानित करते हैं। आर्थिक प्रगति, किसानों की समृद्धि, मेट्रो, रोड, एयरपोर्ट, स्टार्ट अप, खिलाड़ियों की प्रशंसा, ये आज उनके भाषण में वर्णन हो रहा था, उनको ये भी बोरिंग लगता है। लोगों को गाली देना, विदेशों में भारत को बदनाम करना और अर्बन नक्सलियों की बातें, ये उनको ज्यादा अच्छा लगता है। साथियों, दिल्ली को बहुत सावधान रहना है- हार के डर से ये दोनों अहंकारी पर्दे के पीछे मिल चुके हैं। और इसलिए मैं दिल्लीवासियों से कहना चाहता हूं, मुझे आपकी सेवा करनी है। मैं आपके लिए समय देना चाहता हूं। और मैं आपसे सिर्फ इतना ही मांगता हूं कि 5 तारीख को घर से निकल के भारी संख्या में पोलिंग बूथ पर जाइए, गाजे-बाजे के साथ जाइए, 20-25 लोग ढोल बजाते जाइए, घंटी बजाते जाइए, ये लोकतंत्र का उत्सव है, पूरे दिल्ली में उत्सव का माहौल दिखना चाहिए। और मुझे जो चाहिए, आप कमल के निशान पर बटन दबाइए। 5 फरवरी को कमल के निशान पर बटन दबाइए। साथियों 5 फरवरी आपका भविष्य तय करने का दिन है। 5 फरवरी आपदा वालों के हिसाब करने का भी दिन है।

साथियों,

दिल्ली को दुनिया का सबसे सुंदर शहर बनाने के लिए आपको वोट जरूर डालना है। अगर ठंड स्थिति हो तो भी पहले मतदान होना चाहिए। पहले मतदान फिर जलपान। जब तक मतदान नहीं करेंगे, जलपान नहीं करेंगे। इस मिजाज से काम करना चाहिए। दिल्ली में बदलाव लाना है तो वोटिंग के सारे रिकॉर्ड टूटने चाहिए। कमल निशान पर ज्यादा से ज्यादा वोट पड़ने चाहिए। याद रखिएगा, आप-दा नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे। आप-दा नहीं सहेंगे... आप-दा नहीं सहेंगे... आप-दा नहीं सहेंगे...। मेरा एक काम करेंगे आपलोग। जरा हाथ ऊपर करके बताइए, करेंगे। आप जब लोगों को मिलने जाएं, घर-घर जाएं और जरूर जाएं और जाएं तो मेरी तरफ से कहना कि मोदी जी द्वारका आए थे, हर जगह पे तो जा नहीं सकते। लेकिन मोदी जी ने आपको प्रणाम कहा है। मेरा प्रणाम हर घर में पहुंचा देंगे। मेरा प्रणाम हर घर में पहुंचा देंगे। हर परिवार से मुझे आशीर्वाद मिलेगा, देश के लिए दौड़ने की नई ताकत मिलेगी। इतनी बड़ी तादाद में इतने उत्साह और उमंग से भरे इतने जोश से भरे आप सबका मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

मेरे साथ दोनों मुट्ठी बंद करके बोलिए...

भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की।

बहुत-बहुत धन्यवाद।