QuoteThe prosperous have strong carbon footprint, world's billions at the bottom of development ladder seek space to grow: PM Modi #COP21
QuoteIndia must grow rapidly to meet aspirations of 1.25 billion people, 300 million of whom are without access to energy: PM #COP21
QuotePeople and planet are inseparable; human well being and nature are indivisible: PM Modi #COP21
QuoteBy 2030, we will reduce emissions by 33 to 35% per cent of 2005 levels: PM Modi #COP21
QuoteClimate justice demands that, with the little carbon space we have, developing countries should've enough room to grow: PM Modi #COP21
QuoteDeveloped countries must make clean energy available, affordable and accessible to all in the developing world: PM Modi #COP21
QuoteWe need conventional energy. We should make it clean: PM Modi #COP21

President Hollande, Excellencies,

The pain of Paris is yet to heal. So, I speak in admiration for your resilience and resolve. And, I salute the world for standing, in full strength, with France and Paris.

Over the next few days, we will decide the fate of this planet. We do so when the consequences of the industrial age powered by fossil fuel are evident, especially on the lives of the poor.

The prosperous still have a strong carbon footprint. And, the world's billions at the bottom of the development ladder are seeking space to grow.

So, the choices are not easy. But, we have awareness and technology. We need now national will and a genuine global partnership.

Democratic India must grow rapidly to meet the aspirations of 1.25 billion people, 300 million of whom are without access to energy.

We are determined to do so, guided by our ancient belief that people and planet are inseparable; that human well being and Nature are indivisible.

So, we have set ambitious targets. By 2030, we will reduce emissions by 33 to 35% per cent of 2005 levels, and 40 per cent of our installed capacity will be from our non- fossil fuels.

We will achieve it by expanding renewable energy - for, example, by adding 175 Gigawatts of renewable generation by 2022. We will enlarge our forest cover to absorb at least 2.5 billion tonnes worth of carbon dioxide.

We are reducing dependence on fossil fuel through levies and reduction in subsidies; switching sources of fuel where possible; and, transforming cities and public transportation.

We hope advanced nations will assume ambitious targets and pursue them sincerely. It is not just a question of historical responsibility. They also have the most room to make the cuts and make the strongest impact.

And, climate justice demands that, with the little carbon space we still have, developing countries should have enough room to grow.

This also means aggressive mitigation action by developed countries before 2020, including ratification of 2nd Commitment period of Kyoto Protocol, removing conditions and revisiting targets.

The principles of equity and common but differentiated responsibilities must remain the bedrock of our collective enterprise across all areas - mitigation, adaptation and means for implementation. Anything else would be morally wrong; and disparities.

Equity means that national commitments must be consistent with the carbon space nations occupy.

We also need a strong Agreement on Adaptation and Loss and Damage.

Developed countries must fulfill their responsibility to make clean energy available, affordable and accessible to all in the developing world. This is in our collective interest.

So, we look to the developed countries to mobilize 100 billion US Dollars annually by 2020 for mitigation and adaptation in the developing countries. They must fulfill their commitment in a credible, transparent and meaningful manner.

Energy is a basic human need. So, we need an ambitious technology initiative, driven by a public purpose, not just market incentives. This includes intellectual property. For this, we need to scale up Green Climate Fund that will improve access to technology and intellectual property.

We still need conventional energy. We should make it clean, not impose an end to its use. And, there should be no place for unilateral steps that become economic barriers for others.

We welcome stocktaking that is transparent, covers both support and commitments, and based on differentiation.

Ultimately, for success, moderating our lifestyle is necessary, and possible, for a low carbon future.

Excellencies, The presence of 196 countries tells us that we have a chance to unite behind a common purpose.

We will succeed if we have the wisdom and courage to craft a genuinely collective partnership that balances responsibilities and capabilities with aspirations and needs.

I am confident that we will.

Thank You.

 

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April 14, 2025
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QuoteToday flights have started from Haryana to Ayodhya Dham, meaning now the holy land of Shri Krishna, Haryana, is directly connected to the city of Lord Ram: PM
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मैं कहूंगा बाबासाहेब आंबेडकर, आप सब दो बार बोलिए, अमर रहे! अमर रहे!

बाबासाहेब आंबेडकर, अमर रहे! अमर रहे!

बाबासाहेब आंबेडकर, अमर रहे! अमर रहे!

बाबासाहेब आंबेडकर, अमर रहे! अमर रहे!

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्रीमान नायब सिंह सैनी जी, केन्द्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथी श्रीमान मुरलीधर मोहोल जी, हरियाणा सरकार के सभी मंत्रीगण, सांसद और विधायकगण और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,

म्हारे हरयाणे के धाकड़ लोगां ने राम राम!

ठाडे जवान, ठाडे खिलाड़ी और ठाडा भाईचारा, यो सै हरयाणे की पहचान!

लावणी के इस अति व्‍यस्‍त समय में आप इतनी विशाल संख्या में हमें आशीर्वाद देने पहुंचे हैं। मैं आप सभी जनता जनार्दन का अभिनंदन करता हूं। गुरु जंभेश्वर, महाराजा अग्रसेन और अग्रोहा धाम को भी श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं।

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साथियों,

हरियाणा से हिसार से मेरी कितनी ही यादें जुड़ी हुई हैं। जब भारतीय जनता पार्टी ने मुझे हरियाणा की जिम्मेदारी दी थी, तो यहां अनेक साथियों के साथ मैंने लंबे समय तक मिलकर काम किया था। इन सभी साथियों के परिश्रम ने भारतीय जनता पार्टी की हरियाणा में नींव को मजबूत किया है। और आज मुझे ये देखकर गर्व होता है कि भाजपा विकसित हरियाणा, विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर पूरी गंभीरता से काम कर रहा है।

साथियों,

आज का दिन हम सभी के लिए, पूरे देश के लिए और खासकर के दलित, पीड़ित, वंचित, शोषित, उन सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण दिवस है। उनके जीवन में तो ये दूसरी दिवाली होती है। आज संविधान निर्माता बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती है। उनका जीवन, उनका संघर्ष, उनका जीवन संदेश, हमारी सरकार की ग्‍यारह साल की यात्रा का प्रेरणा स्तंभ बना है। हर दिन, हर फैसला, हर नीति, बाबासाहेब आंबेडकर को समर्पित है। वंचित, पीड़ित, शोषित, गरीब, आदिवासी, महिलाएँ, इनके जीवन में बदलाव लाना, इनके सपनों को पूरा करना, ये हमारा मकसद है। इसके लिए निरंतर विकास, तेज विकास और यही भाजपा सरकार का मंत्र है।

साथियों,

इसी मंत्र पर चलते हुए आज हरियाणा से अयोध्या धाम के लिए फ्लाइट शुरू हुई है। यानी अब श्रीकृष्‍ण जी की पावन भूमि, प्रभु राम की नगरी से सीधे जुड़ गई है। अग्रसेन हवाई अड्डे से वाल्‍मीकि हवाई अड्डे, अब सीधी उड़ान भरी जा रही है। बहुत जल्दी यहां से दूसरे शहरों के लिए भी उड़ानें शुरू होंगी। आज हिसार एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग का शिलान्यास भी हुआ है। ये शुरुआत हरियाणा की आकांक्षाओं को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाने की उड़ान है। मैं हरियाणा के लोगों को इस नई शुरुआत के लिए ढेर सारी बधाई देता हूं।

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साथियों,

मेरा आपसे वादा रहा है, हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज में उड़ेगा और ये वादा हम देश में चारों तरफ पूरा होता देख रहे हैं। बीते दस सालों में करोड़ों भारतीयों ने जीवन में पहली बार हवाई सफर की है। हमने वहां भी नए एयरपोर्ट बनाए, जहां कभी अच्छे रेलवे स्टेशन तक नहीं थे। 2014 से पहले देश में 74 एयरपोर्ट थे। सोचिए, 70 साल में 74, आज देश में एयरपोर्ट की संख्या 150 के पार हो गई है। देश के करीब 90 एरोड्रम उड़ान योजना से जुड़ चुके हैं। 600 से अधिक रूट पर उड़ान योजना के तहत हवाई सेवा चल रही है। इनमें बहुत कम पैसों में लोग हवाई यात्रा कर रहे हैं और इसलिए आज हर साल हवाई यात्रा करने वालों का नया रिकॉर्ड बन रहा है। हमारी एयरलाइन कंपनियों ने भी रिकॉर्ड संख्या में दो हजार नए जहाजों का, हवाई जहाजों का ऑर्डर दिया है। और जितने नए जहाज आएंगे, उतनी ही ज्यादा नौकरियां, पायलट के रूप में हो, एयर होस्टेस के रूप में हो, सैकड़ों नई सेवाएं भी होती हैं, एक हवाई जहाज जब चलता है तब, ग्राउंड स्टाफ होता है, न जाने कितने काम होते हैं। ऐसी अनेक सेवाओं के लिए नौजवानों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इतना ही नहीं, हवाई जहाज के मेंटेनेंस से जुड़ा एक बड़ा सेक्टर भी अनगिनत रोजगार बनाएगा। हिसार का ये एयरपोर्ट भी हरियाणा के नौजवानों के सपनों को नई ऊंचाई देगा।

साथियों,

हमारी सरकार एक तरफ कनेक्टिविटी पर बल दे रही है, दूसरी तरफ गरीब कल्‍याण और सामाजिक न्‍याय भी सुनिश्चित कर रही है और यहीं तो बाबासाहेब आंबेडकर का सपना था। हमारे संविधान निर्माताओं की यही आकांक्षा थी। देश के लिए मरने-मिटने वालों का भी यही सपना था, लेकिन हमें ये कभी भूलना नहीं है कि कांग्रेस ने बाबासाहेब आंबेडकर के साथ क्‍या किया। जब तक बाबासाहेब जीवित थे, कांग्रेस ने उन्हें अपमानित किया। दो-दो बार उन्हें चुनाव हरवाया, कांग्रेस की पूरी सरकार उनको उखाड़ फेंकने में लगी थी। उनको सिस्‍टम से बाहर रखने की साजिश की गई। जब बाबासाहेब हमारे बीच नहीं रहे, तो कांग्रेस ने उनकी याद तक मिटाने की कोशिश की। कांग्रेस ने बाबासाहेब के विचारों को भी हमेशा के लिए खत्म कर देना चाहा। डॉक्टर आंबेडकर संविधान के संरक्षक थे। कांग्रेस संविधान की भक्षक बन गई है। डॉक्टर आंबेडकर समानता लाना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस ने देश में वोट बैंक का वायरस फैला दिया।

साथियों,

बाबासाहेब चाहते थे कि हर गरीब, हर वंचित, गरिमा से जी सके, सर ऊंचा करके जीये, वो भी सपने देखे, अपने सपने पूरे कर सके। लेकिन कांग्रेस ने एससी, एसटी, ओबीसी को सेकंड क्‍लास सिटीजन बना दिया। कांग्रेस के लंबे शासनकाल में, कांग्रेस के नेताओं के घर में स्विमिंग पूल तक पानी पहुंच गया, लेकिन गांव में नल से जल नहीं पहुंचा। आजादी के 70 साल बाद भी गांवों में सिर्फ 16 प्रतिशत घरों में नल से जल आता था। सोचिए, 100 घर में से 16 घर में! इससे सबसे ज्यादा प्रभावित कौन थे? इससे एससी, एसटी, ओबीसी सबसे ज्यादा प्रभावित थे। अरे उनकी इतनी ही चिंता थी, आज जो गली-गली में जाकर भाषण झाड़ रहे हैं, अरे कम से कम मेरे एससी, एसटी, ओबीसी भाइयों के घर तक अरे पानी तो पहुंचा देते। हमारी सरकार ने 6-7 साल में 12 करोड़ से ज़्यादा ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन दिए हैं। आज गांव के 80 प्रतिशत घरों में यानी पहले 100 में से 16, आज 100 में से 80 घरों में नल से जल आता है। और बाबासाहेब का आशीर्वाद है, हम हर घर तक नल से जल पहुंचाएंगे। शौचालय के अभाव में भी सबसे बुरी स्थिति एससी, एसटी, ओबीसी समाज की ही थी। हमारी सरकार ने 11 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनवाकर, वंचितों को गरिमा का जीवन दिया।

साथियों,

कांग्रेस के ज़माने में एससी, एसटी, ओबीसी के लिए बैंक का दरवाजा तक नहीं खुलता था। बीमा, लोन, मदद, ये सारी बातें, सब सपना था। लेकिन अब, जनधन खातों के सबसे बड़े लाभार्थी मेरे एससी, एसटी, ओबीसी के भाई-बहन हैं। हमारे एससी, एसटी, ओबीसी भाई-बहन आज गर्व से जेब में से रुपे कार्ड निकाल कर के दिखाते हैं। जो अमीरों के जेबों में कभी रुपे कार्ड हुआ करते थे, वो रुपे कार्ड आज मेरा गरीब दिखा रहा है।

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साथियों,

कांग्रेस ने हमारे पवित्र संविधान को, सत्ता हासिल करने का एक हथियार बना दिया। जब-जब कांग्रेस को सत्ता का संकट दिखा, उन्होंने संविधान को कुचल दिया। कांग्रेस ने आपातकाल में संविधान की स्पिरिट को कुचला, ताकि जैसे-तैसे सत्ता बनी रहे। संविधान की भावना है कि सबके लिए एक जैसी नागरिक संहिता हो, जिसे मैं कहता हूं सेक्‍युलर सिविल कोड, लेकिन कांग्रेस ने इसे कभी लागू नहीं किया। उत्तराखंड में, भाजपा सरकार आने के बाद सेक्‍युलर सिविल कोड, समान नागरिक संहिता, ये लागू हुई, डंके की चोट पर लागू हुई और देश का दुर्भाग्य देखिए, संविधान को जेब में लेकर के बैठे हुए लोग, संविधान पर बैठ गए हुए लोग, ये कांग्रेस के लोग उसका भी विरोध कर रहे हैं।

साथियों,

हमारे संविधान ने एससी, एसटी, ओबीसी के लिए आरक्षण का प्रावधान किया। लेकिन कांग्रेस ने उनको आरक्षण पहुंचा की नहीं पहुंचा, उनके बच्‍चों को शिक्षा के लिए सुविधा प्रारंभ मिलना शुरू हुआ कि नहीं हुआ, एससी, एसटी, ओबीसी के कोई व्यक्ति अधिकार से वंचित तो नहीं रहे गए, उसकी कभी परवाह नहीं की, लेकिन राजनीतिक खेल खेलने के लिए कांग्रेस ने बाबासाहेब आंबेडकर ने जो सपना देखा था, सामाजिक न्‍याय के लिए संविधान में जो व्यवस्था की थी, उसको भी पीठ में छुरा घोंपकर उस संविधान के उस प्रावधान को तुष्टिकरण का माध्यम बना दिया। अभी आपने भी समाचारों में सुना होगा, कर्नाटका की कांग्रेस सरकार ने टेंडर में अब एससी, एसटी, ओबीसी के अधिकार छीनकर के धर्म के आधार पर आरक्षण दे दिया। जबकि संविधान में बाबासाहेब आंबेडकर ने साफ-साफ शब्दों में चर्चा में कहा था कि इस संविधान में कतई धर्म के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं की जाएगी और हमारे संविधान ने धर्म के आधार पर आरक्षण के लिए प्रतिबंध लगाया हुआ है।

साथियों,

कांग्रेस की तुष्टिकरण की इस नीति का बहुत बड़ा नुकसान, मुस्लिम समाज को भी हुआ है। कांग्रेस ने सिर्फ कुछ कट्टरपंथियों को ही खुश किया। बाकी समाज, बेहाल रहा, अशिक्षित रहा, गरीब रहा। कांग्रेस की इस कुनीति का सबसे बड़ा प्रमाण, वक्फ कानून है। देश आजाद होने के बाद, 2013 तक वक्‍फ का कानून चलता था, लेकिन चुनाव जीतने के लिए तुष्टिकरण की राजनीति के लिए, वोटबैंक की राजनीति के लिए, 2013 के आखिर में, आखिरी सत्र में कांग्रेस ने इतने सालों तक चल रहे वक्फ कानून में आनन-फानन संशोधन कर दिया, ताकि चुनाव में वोट पा सकें। वोट बैंक को खुश करने के लिए, इस कानून को ऐसा बना दिया कि बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान की ऐसी की तैसी, संविधान से ऊपर कर दिया। ये बाबासाहेब का सबसे बड़ा अपमान का काम था।

साथियों,

ये कहते हैं कि इन्होंने ये मुसलमानों के हित में किया। मैं जरा ऐसे सभियों से पूछना चाहता हूं, वोट बैंक के भूखे इन राजनेताओं से कहना चाहता हूं, अगर सच्चे अर्थ से आपके दिल में मुसलमानों के लिए थोड़ी भी हमदर्दी है, तो कांग्रेस पार्टी अपने पार्टी के अध्यक्ष मुसलमान को बनाए, क्यों नहीं बनाते भई? संसद में टिकट देते हैं, 50 परसेंट मुसलमानों को दो। जीत करके आएंगे तो अपनी बात बताएंगे। लेकिन ये नहीं करना है, कांग्रेस में तो कुछ नहीं देना है। देश की, देश के नागरिकों के अधिकारों को छीनना और देना, इनकी नीयत किसी का भी भला करने की कभी नहीं रही, मुसलमानों का भला करने की भी नहीं रही। यही कांग्रेस की अच्छी सच्चाई है।

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साथियों,

वक्फ के नाम पर लाखों हेक्टेयर जमीन पूरे देश में है। इस जमीन, इस प्रॉपर्टी से गरीब का, बेसहारा महिलाओं-बच्चों का भला होना चाहिए था और आज ईमानदारी से उसका उपयोग हुआ होता, तो मेरे मुसलमान नौजवानों को साइकिल के पंक्चर बनाकर के जिंदगी नहीं गुजारनी पड़ती। लेकिन इससे मुट्ठी भर भू-माफिया का ही कुछ भला हुआ। पसमांदा मुस्लिम, इस समाज को कोई फायदा नहीं हुआ। और ये भूमाफिया, किसकी जमीन लूट रहे थे? ये दलित की जमीन लूट रहे थे, पिछड़े की जमीन लूट रहे थे, आदिवासी की जमीन लूट रहे थे, विधवा महिलाओं की संपत्ति जमीन लूट रहे थे। सैकड़ों विधवा मुस्लिम महिलाओं ने भारत सरकार को चिट्ठी लिखी, तब जाकर के ये कानून की चर्चा आई है। वक्फ कानून में बदलाव के बाद अब ये गरीबों से जो लूटा जा रहा है, वो बंद होने वाला है। और सबसे बड़ी बात, हमने एक बहुत बड़ा जिम्मेदारी पूर्ण, महत्वपूर्ण काम किया है। हमने इस वक्फ कानून में एक और प्रावधान कर दिया है। अब नए कानून के तहत, वक्‍फ के कानून के तहत, किसी भी आदिवासी की जमीन को हिन्‍दुस्‍तान के किसी भी कोने में, आदिवासी की जमीन को, उसके घर को, उसकी संपत्ति को ये वक्फ बोर्ड हाथ भी नहीं लगा पाएगा। ये आदिवासी के हितों की रक्षा करने का, संविधान की मर्यादाओं का पालन करने का हमने बहुत बड़ा काम किया है। मैं ये प्रावधानों से वक्फ की भी पवित्र भावना का सम्मान होगा। मुस्लिम समाज के गरीब और पसमांदा परिवारों, मुस्लिम महिलाओं खास करके मुस्लिम विधवाओं को, मुस्लिम बच्चों को उनका हक भी मिलेगा और भविष्य में उनका हक सुरक्षित रहेगा। और यही तो बाबासाहेब आंबेडकर ने संविधान की स्पिरिट में हमें काम दिया हुआ है। यही असल स्पिरिट है, यही असली सामाजिक न्याय है।

साथियों,

हमारी सरकार ने 2014 के बाद, बाबासाहेब आंबेडकर की प्रेरणा को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए। बाबासाहेब देश और दुनिया में जहां-जहां रहे, वे सभी स्थान उपेक्षित थे। जो संविधान के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटी सेकने के लिए निकले हैं, उन्होंने बाबासाहेब से जुड़े हुए हर स्थान का अपमान किया, इससे इतिहास से मिटाने का प्रयास किया। स्थिति ये थी कि मुंबई के इंदु मिल में बाबासाहेब आंबेडकर का स्मारक बनाने के लिए भी देशभर में लोगों को आंदोलन करने पड़े। हमारी सरकार ने आते ही इंदु मिल के साथ-साथ, बाबासाहेब आंबेडकर की महू की जन्मभूमि हो, बाबासाहेब आंबेडकर जी की लंदन की शिक्षाभूमि हो, दिल्ली में उनकी महापरिनिर्वाण स्थली हो या फिर नागपुर की दीक्षाभूमि हो, हमने सभी का विकास किया। इनको पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया है। मेरा सौभाग्य है कि कुछ दिन पहले ही मुझे दीक्षाभूमि में जाकर, नागपुर जाकर बाबासाहेब को नमन करने का अवसर मिला।

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साथियों,

कांग्रेस के लोग सामाजिक न्याय की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन हमें ये भी याद रखना है कि कांग्रेस ने बाबासाहेब आंबेडकर और चौधरी चरण सिंह जी, इन दोनों महान सपूतों को भारत रत्न नहीं दिया था। बाबासाहेब आंबेडकर को भारत रत्न तब मिला, जब केंद्र में भाजपा के समर्थन वाली सरकार बनी। वहीं हमें गर्व है कि भाजपा की ही सरकार ने चौधरी चरण सिंह जी को भी भारत रत्न दिया है।

साथियों,

सामाजिक न्याय के, गरीब कल्याण के पथ को, हरियाणा की भाजपा सरकार भी निरंतर सशक्त कर रही है। सरकारी नौकरियों की भी हरियाणा में क्या हालत थी, आप सबको पता है। यूं किया करते, जे नौकरी लागणि है, तो किसी नेता के गैल हो ले और नि तो रुपया ले आ। बापू की जमीन और मां के तो जेवर भी बिक जाया करते। मुझे खुशी है कि नायब सिंह सैनी जी की सरकार ने कांग्रेस की इस बीमारी का इलाज कर दिया है। बिना खर्ची-बिना पर्ची के नौकरियां देने का जो ट्रैक रिकॉर्ड हरियाणा का है, वो अद्भुत है। और मुझे गर्व है कि मुझे ऐसे साथी मिले हैं, ऐसी साथी-सरकार मिली है। यहां के 25 हज़ार नौजवानों को सरकारी नौकरी ना मिले, इसके लिए कांग्रेस ने एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा दिया था। लेकिन इधर मुख्यमंत्री नायब सैनी जी ने शपथ ली, उधर हजारों युवाओं को नियुक्ति-पत्र जारी कर दिये गए! ये है, भाजपा का, सरकार का सुशासन। और अच्छा ये है कि नायब सिंह सैनी जी की सरकार आने वाले वर्षों में हजारों नई नौकरियों का रोडमैप बनाकर के चल रही है।

साथियों,

हरियाणा वो प्रदेश है, जहां बहुत बड़ी संख्या में युवा सेना में जाकर देश की सेवा करते हैं। कांग्रेस ने तो वन रैंक वन पेंशन को लेकर भी दशकों तक धोखा ही दिया। ये हमारी सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन योजना लागू की। अब तक हरियाणा के पूर्व फौजियों को भी OROP के, वन रैंक वन पेंशन के 13 हजार 500 करोड़ रुपए, 13 हजार 500 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। आपको याद होगा, इसी योजना पर झूठ बोलते हुए कांग्रेस सरकार ने पूरे देश के फौजियों के लिए सिर्फ 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। अब आप सोचिए अखिल हरियाणा में, 13 हजार 500 करोड़ और कहां 500 करोड़, कैसी आंख में धूल डालने की प्रवृत्ति थी। कांग्रेस किसी की सगी नहीं है, वो सिर्फ सत्ता की सगी है। वो ना दलितों की सगी है, ना पिछड़ों की सगी है, ना मेरे देश की माता, बहन, बेटियों की सगी है, ना ही वो मेरे फौजियों की सगी है।

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साथियों,

मुझे पूरा विश्वास है कि हरियाणा, विकसित भारत के संकल्प को मजबूती देगा। खेल हो या फिर खेत, हरियाणा की मिट्टी की खुशबू दुनियाभर में महक बिखेरती रहेगी। मुझे हरियाणा के अपने बेटे-बेटियों पर बहुत भरोसा है। ये नया एयरपोर्ट, ये नई उड़ान, हरियाणा को पूरा, हरियाणा के सपनों को पूरा करने की प्रेरणा बने और इतनी विशाल संख्या में आप आशीर्वाद देने आए, ये मेरा सौभाग्य है, मैं आपको सर झुकाकर के नमन करता हूं। और अनेक सफलताओं के लिए, अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं, बहुत-बहुत बधाई देता हूं! मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!

बहुत-बहुत धन्यवाद!